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शिक्षा मंत्री का इंटरव्यू:कोरोना बड़ी चुनौती बना, लेकिन ई-विद्या से 25 करोड़ स्कूली बच्चों को फायदा हुआ

शिक्षा मंत्री का इंटरव्यू:कोरोना बड़ी चुनौती बना, लेकिन ई-विद्या से 25 करोड़ स्कूली बच्चों को फायदा हुआकोरोना के दौरान छात्रों की पढ़ाई का तरीका पूरी तरह बदलकर ई-लर्निंग पर आ गया। लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई भी सिर्फ 26% बच्चे ही कर पाए। कोरोना के चलते बने इस माहौल के बीच केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से मौजूदा शिक्षा व्यवस्था, नई शिक्षा नीति और बड़े पैमाने पर टीचर्स की कमी के मुद्दे पर भास्कर से विशेष बातचीत की। पढ़िए खास अंश…

स्कूल-कॉलेजों में किस तरह पढ़ाई होनी चाहिए, कोरोना का क्या असर रहा?
कोरोना की वजह से शिक्षा क्षेत्र में चुनौती खड़ी हो गई थी। मंत्रालय ने कई कदम उठाए। छात्रों को मल्टी-मोड में पढ़ाने के लिए पीएम ई-विद्या शुरू किया। इससे देशभर में 25 करोड़ स्कूली बच्चों को फायदा हुआ। कई राज्यों में स्कूल, उच्च शिक्षा संस्थान खुलने लगे हैं। डिस्टेंस एजुकेशन पॉलिसी में छूट के निर्देश जारी किए हैं।

जेईई, नीट में मौके सीमित हैं, छात्रों को ग्रेस मार्क्स देने की सोचेंगे?
मैं छात्रों से नियमित संपर्क में रहा हूं। इसके कारण हम जेईई मेन्स का सफलतापूर्वक आयोजन कर पाए। यह एक आदर्श उदाहरण है, जिसके आधार पर बिहार में विधानसभा चुनाव हुए। अब साल में 4 बार जेईई मेन्स होने जा रही है। इससे उन्हें पर्याप्त मौके मिलेंगे।

बच्चे मुश्किल हालात से गुजरे हैं, उन्हें राहत देने के लिए क्या कर रहे हैं?
छात्रों के लिए उठाए गए कदमों की सूची लंबी है। हमने 75% पात्रता के प्रावधान को हटा दिया। छात्रों को मनोवैज्ञानिक मदद देने के लिए मनोदर्पण की शुरुआत की। सभी शिक्षण संस्थानों से फीस में बढ़ोतरी नहीं करने की अपील की गई।

स्कूल, कॉलेज में शिक्षक कम हैं, 2021 में नई नियुक्तियों की क्या योजना है?
शिक्षकों की भर्ती लगातार की जा रही है। 2020 में स्कूल और उच्च शिक्षा में कुल 21,176 नियुक्तियां की हैं, जबकि 40 हजार से अधिक पदों को भरने की प्रक्रिया चल रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी कई सिफारिशें दी गई हैं। टीईटी में बेहतर परीक्षा सामग्री दी जाएगी, ताकि इसे और मजबूत किया जा सके। जहां अच्छे शिक्षकों की कमी है, वहां शिक्षकों को इंसेंटिव दिया जाएगा।

नई शिक्षा नीति कब लागू होगी?
शिक्षा मंत्रालय ड्राफ्ट इम्प्लीमेंटेशन के लिए निश्चित टाइमलाइन के साथ वर्कशॉप आयोजित कर रहा है। हाल ही में मैंने स्कूल शिक्षा विभाग और उच्च शिक्षा विभाग के बीच एनईपी के कार्यान्वयन में समन्वय के लिए एक टास्क फोर्स के गठन की सिफारिश की है। इस प्रक्रिया को तेज करने के लिए ये सुझाव दिया कि एक समीक्षा समिति और एक कार्यान्वयन समिति बनाई जाए, जिसकी अध्यक्षता उच्च शिक्षा सचिव करेंगे।

ऑनलाइन पढ़ाई सबके लिए नई, फिर नतीजे बेहतर कैसे संभव हैं?
छात्रों ने जेईई, नीट और बोर्ड परीक्षाओं में उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। कोरोना ने हमें शिक्षा और इसकी प्रक्रिया को फिर से व्यवस्थित करने का मौका दिया। ब्लेंडेड मोड में शिक्षा को बढ़ावा दिया गया, जिससे छात्र डिजिटल और फेस टू फेस माध्यम से शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।

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