बाइडेन के लिए भारतवंशी अहम, चीन से निपटने के लिए अमेरिका भारत से रिश्तों को और मजबूत करेगाजो बाइडेन की योजनाओं में भारतवंशी अमेरिकियों की अहम भूमिका होने वाली है। इसका अंदाजा तभी लग गया था, जब उन्होंने कमला हैरिस को उपराष्ट्रपति उम्मीदवार चुना था। अब तक 20 से ज्यादा भारतीय अमेरिकी को बाइडेन प्रशासन में जगह मिल चुकी है। बाइडेन के कार्यकाल में भारतवंशियों का क्या प्रभाव हो सकता है, इस बारे में हमने उनकी टीम के कुछ सदस्यों से बात की।
बाइडेन को मदद देने के लिए बने समूह AAPI के फाउंडर शेखर नरसिम्हन कहते हैं, ‘अमेरिका में बसे ज्यादातर भारतीयों का मानना था कि बाइडेन ही अमेरिका को एक कर सकते हैं। इस ग्रुप ने 15 अगस्त 2020 को बाइडेन और हैरिस के लिए रैली का आयोजन किया। इस रैली में बाइडेन ने बताया कि कैसे भारतवंशी अमेरिकी उनकी पार्टी और देश के अहम हैं।
अमेरिका-भारत बिजनेस काउंसिल की चेयरपर्सन निशा बिस्लाव कहती हैं, ‘बराक ओबामा के कार्यकाल से लेकर अब तक भारत और अमेरिका के रिश्ते मजबूत हुए हैं। बाइडेन के कार्यकाल में इसमें और भी मजबूती आएगी। निशा ओबामा प्रशासन के दौरान 2013 से 2017 तक दक्षिण एशियाई मामलों में सहायक विदेश मंत्री रह चुकी हैं।
बाइडेन की टीम में भारतीयों की संभावना पर शेखर कहते हैं, बाइडेन हमेशा से भारत के लिए सकारात्मक रुख रखने वाले नेता रहे हैं। बाइडेन जानते हैं कि भारत काफी महत्वपूर्ण पार्टनर है। ऐसा सिर्फ वैश्विक स्तर पर भारत के महत्व के कारण नहीं हैं। भारतीय अमेरिकियों ने अमेरिका के विकास में भी काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
चीन से निपटने की खातिर बाइडेन भारत से दोस्ती बढ़ाएंगे
पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने कहा कि पिछले दो दशक में भारत और अमेरिका के संबंधों में इतनी तरक्की हुई है कि अब प्रशासन या सरकारों का बदलना बेमायने हो गया है। इस दौरान अमेरिका और भारत दोनों ने ही अलग-अलग स्वभाव वाले प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और विपरीत विचारधारा वाली पार्टियों को आते-जाते देखा है। इसके बावजूद नीतियों में बदलाव के बजाय संबंधों में मजबूती बढ़ती गई है। चीन से निपटने के लिए बाइडेन प्रशासन भारत से रिश्तों को और मजबूत करेगा।