किसान आंदोलन में दो और मौतें:एक को कुंडली बॉर्डर पर हार्ट अटैक, दूसरे ने टीकरी बॉर्डर पर खाया जहर; दिल्ली कूच से रोकने पर खापों की बड़ी चेतावनीदेश की सरकार की तरफ से बनाए गए तीन कृषि कानूनों का विरोध ठंडा पड़ने का नाम ही नहीं ले रहा। आंदोलन का आज 56वां दिन है। भले ही केंंद्र सरकार ने किसानों के आगे झुकते हुए कानूनों को 2 साल तक लिए रोक दिया है, पर अभी आंदोलन जारी है। इसी बीच हरियाणा में दिल्ली की दहलीज पर जारी धरनों में आज दो और जानें चली गई। एक की सोनीपत के सिंघु बॉर्डर पर दिल की धड़कन थम गई तो दूसरे ने बहादुरगढ़ के टीकरी बॉर्डर पर जहर खा लिया। अब तक इस आंदोलन में मौतों का कुल आंकड़ा 62 हो गया है। 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च पर सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता करने से इन्कार कर दिया है, वहीं खाप पंचायतों ने दिल्ली कूच से रोकने पर बैरिकेड्स तोड़ देने की चेतावनी दी है।
सोनीपत के कुंडली कहें या सिंघु बॉर्डर पर मरने वाले किसान की पहचान लुधियाना जिले के गांव धत्त के 34 वर्षीय जगजीत सिंह के रूप में हुई है। पुलिस ने शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। वहीं, टीकरी बॉर्डर पर एक किसान ने जहर खाकर जान दे दी। रोहतक जिले के पाकस्मा निवासी जयभगवान ने मंगलवार को जहर खा लिया। आनन-फानन में उसे संजय गांधी अस्पताल में भर्ती करवाया गया, लेकिन वहां बुधवार को इलाज के दौरान मौत हो गई। पता चला है कि जयभगवान आंदोलनरत किसानों के लिए अक्सर दूध और सब्जियां लेकर आता था।जयभगवान ने सरकार और किसानों दोनों के लिए लिखा खास संदेश
आत्महत्या से पहले जयभगवान ने देशवासियों के नाम पत्र लिखा है कि हर राज्य से दो-दो किसान नेता बुलाओ, अगर अधिकतर विरोध करें तो सरकार कानूनों को रद्द करे। उसने यह सुझाव किसान नेताओं को भी दिया था। लिखा-अगर पक्ष में ज्यादा लोग हों तो आंदोलन खत्म करो।भाकियू के उपाध्यक्ष का आरोप-सरकार के इशारे पर काम कर रहे हैं कक्का
उधर, गोहना में मीडिया से रू-ब-रू भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यवान नरवाल ने यूनियन के नेता गुरनाम पर सिंह चढ़ूनी पर लगे आरोप का बचाव किया। उन्होंने किसान नेता शिव कुमार कक्का पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के किसान नेता कक्का RSS से जुड़े हैं और वह किसान आंदोलन में सरकार के इशारे पर काम कर रहे हैं। कक्का को इस बात का दर्द है कि गुरनाम सिंह चढ़ूनी मुख्यमंत्री मनोहर लाल का विरोध कर रहे हैं। इसी से परेशान होकर वे उन्हें बदनाम करने पर तुल गए हैं।
कहा-शांतिपूर्वक तरीके से चलेंगे दिल्ली के लिए, रोका तो फिर…
जींद में बुधवार खापों ने फैसला किया है कि 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड के लिए हरियाणा के किसान 24 को ही दिल्ली के लिए कूच कर देंगे। बता दें कि कंडेला खाप ने दिल्ली परेड के लिए 2000 ट्रैक्टर भेजने का फैसला लिया है। खाप का कहना है कि शांतिपूर्वक दिल्ली जाएंगे, पर अगर सरकार ने रोकने की कोशिश की तो हम बैरिकेड्स तोड़कर आगे जाएंगे। 26 के बाद विधायकों और सांसदों पर इस्तीफे के लिए दबाव बढ़ाया जाएगा। जब तक कानूनों की वापसी नहीं होती, तब तक हमारी भी घर वापसी नहीं होगी। इसके लिए किसानों ने गांव और खाप सदस्यों की कमेटी का गठन किया है, जो पूरे मार्च को कंट्रोल करेगी।
चिट्ठियों से किसान डरने वाले नहीं: बलदेव सिंह
किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा ने कहा कि हमारे बच्चे शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे हैं और हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से ही जारी रहेगा। सरकार के मनसूबे गलत हैं। BJP के लैटर पैड से एक पत्र मुझे मिला है। इसमें खतरनाक शब्द लिखे गए हैं। देश को खंड-खंड करने के लिए और इतनी बड़ी भीड़ को भड़काने के लिए इसमें शब्द लिखे गए हैं, यह बहुत ही निंदनीय है। इसकी पूरी जांच होनी चाहिए। हालांकि किसान इन चिटि्ठयों से डरने वाले नहीं है। संयुक्त मोर्चा ने कह दिया है कि NIA के समक्ष किसी भी किसान को पेश नहीं होना है, इसलिए मैं भी पेश नहीं हुआ हूं।