US के नए राष्ट्रपति दुनिया के लिए फायदेमंद:अमेरिका के पूर्व एडमिरल बोले- बाइडेन के कार्यकाल में भारत अमेरिका का सबसे करीबी दोस्त होगाजेम्स स्टिविर्डिस अमेरिकी नेवी के पूर्व एडमिरल और नाटो एलायंस के ग्लोबल सुप्रीम कमांडर रह चुके हैं। वे अब तक 9 किताबें लिख चुके हैं। उनका कहना है, ट्रम्प का जाना और बाइडेन का आना दुनिया के लिए फायदेमंद होगा। बाइडेन के कार्यकाल में भारत अमेरिका का सबसे करीबी दोस्त होगा। दैनिक भास्कर के रितेश शुक्ला ने उनसे विशेष बातचीत की…
बाइडेन के राष्ट्रपति बनने से नई वैश्विक व्यवस्था पर क्या असर होगा?
अमेरिका के नजरिये से मौजूदा वैश्विक व्यवस्था में दो धुरियां हैं। एक अमेरिका और यूरोपियन यूनियन है। दूसरी और चीन और रूस में नजदीकियां बढ़ रही हैं। इन दो धुरियों के बीच में भारत है। मेरा मानना है कि 100-200 साल बाद अगर विश्व का इतिहास लिखा जाता है, तो उसका उल्लेखनीय विषय चीन का उदय नहीं, बल्कि भारत का उदय होगा। भविष्य भारत का है, चीन का नहीं। चीन तानाशाही के कारण जो बढ़त हासिल की है, उसको सबसे बड़ा खतरा भी तानाशाही व्यवस्था से ही है। बाइडेन काल में अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया मिलकर भारत के साथ क्वाड की व्यवस्था को इतना पुख्ता कर लेंगे कि वह चीन के वन बेल्ट वन रोड के विकल्प बने।
अमेरिकी लोकतंत्र खतरे में है?
मुझे ये कहते हुए अफसोस है कि 6 जनवरी की घटना अमेरिकी इतिहास में एक ऐसे दिन के रूप में दर्ज हो चुकी है, जिसे याद करके लोग अपमानित महसूस करेंगे। अमेरिका में 6 जनवरी का दिन 9/11 की तरह याद किया जाएगा। फिर भी बाइडेन नए राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगे और अमेरिका, एक सजग राष्ट्र की तरह सबक लेकर आगे बढ़ जाएगा।
ट्रम्प की तुलना में बाइडेन के काम करने का तरीका कैसा होगा?
मैंने 36 साल से ज्यादा सबसे ताकतवर नौसेना में सेवाएं दी हैं और नाटो का ग्लोबल एलाइड कमांडर भी रह चुका हूं। मैं अनुभव के आधार पर कह सकता हूं कि ट्रम्प का जाना और बाइडेन का आना दुनिया के लिए लाभकारी होगा। बाइडेन की टीम बड़ी अनुभवी है। इसके सदस्य एक यूनिट की तरह काम करेंगे। दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि ये टीम अमेरिका फर्स्ट जैसे नारों से खुश होने वाली नहीं है। ये टीम आगे बढ़ कर दुनिया के साथ काम करने को तत्पर रहेगी। ट्रम्प काल नारों का काल था। बाइडेन काल निर्णय, कर्म और परिणामों का होगा।
शांति-सुरक्षा के लिहाज से भारत की उपयोगिता किस रूप में देखते हैं?
भारत हिंद महासागर में सबसे बड़ी ताकत है, जिसका उसने इस्तेमाल नहीं किया। चीन की आर्थिक और सैन्य क्षेत्र में सबसे बड़ी अड़चन है कि हिंद महासागर में भारत है। वहां वह किसी भी सूरत में इस कम्युनिकेशन चैनल पर नियंत्रण नहीं कर सकता। भारतीय नौसेना शक्तिशाली है। ऑस्ट्रेलिया और जापान मैरिटाइम ताकतें हैं। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन का मुकाबला करने के लिए उन्हें भारत की जरूरत है। दिक्कत यह है कि भारत पाकिस्तान में इतना व्यस्त रहा है कि बड़े लक्ष्य पर ध्यान ही नहीं रहा।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के प्रति बाइडेन का रुख कैसा होगा?
ट्रम्प के दौर में अंतरराष्ट्रीय संबंधों में कुछ अच्छे काम हुए। बाइडेन भी उसे आगे बढ़ाएंगे। कुछ गलतियां हुई हैं। जैसे अफगानिस्तान से अमेरिकी-नाटो की सेना को जल्दबाजी में हटाना। बाइडेन जानते हैं कि यहां सेना जरूरी है और तालिबान से बातचीत भी। ट्रम्प ने इस्लामिक स्टेट को खतरा बताया, जो सही है। ट्रम्प ने मोदी से दोस्ती कर बुद्धिमानी का परिचय दिया है।