भाजपा ने चढूनी का पुतला फूंका:एक घंटे बाद टोल प्लाजा से विरोध जताने भाजपा ऑफिस पहुंचे किसानभाजपा नेताओं ने पुतला जलाने की प्लानिंग सुबह से बनाई थी, पूरा कार्यक्रम गुपचुप किया जाना था
चढ़ूनी गुट के किसानों को पता चला तो भाजपा नेताओं का पुतला जलाया
भाजपा नेता बोले- यह चढ़ूनी गुट के किसानों की तानाशाही, वे पुतला जलाएं तो ठीक, अगर काेई प्रदेशाध्यक्ष का पुतला जलाए तो हमला करने पहुंच रहे
भाजपा नेताओं ने अम्बाला रोड पर आर्मी ग्राउंड के पास भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी का पुतला जलाया। भाजपा नेताओं का कहना था कि चढूनी की वजह से प्रदेश का माहौल खराब हो रहा है। समाज के भाईचारे में दरार डाल रहे हैं। कांग्रेस के नेताओं के साथ डील कर भाजपा सरकार गिराने की साजिश रच रहे थे इसलिए ऐसे व्यक्ति का उन्होंने पुतला जलाया।
वहीं कहा जा रहा है कि भाजपा नेताओं ने पुतला जलाने की प्लानिंग सुबह से बनाई हुई थी। पूरा कार्यक्रम गुपचुप तरीके से किया जाना था क्योंकि पहले ही डर था कि चढूनी गुट के किसान विरोध कर सकते हैं। भाजपा मीडिया प्रभारी कपिल गर्ग ने जैसे ही चढृूनी का पुतला जलाने की जानकारी सोशल मीडिया पर डाली तो इसकी सूचना टोल प्लाजा पर धरना दे रहे चढूनी गुट की यूनियन के डायरेक्टर मनदीप को मिल गई। वे धरने पर बैठे किसानों को लेकर जगाधरी में भाजपा आॅफिस पर पहुंच गए और हंगामा करने लगे। वहां पुलिस ने उन्हें समझाया लेकिन वे नहीं माने और वहीं पर बैठ गए। शाम को किसानों ने भाजपा नेताओं का अम्बाला रोड पर ही पुतला जलाया। इसके बाद किसान वहां से चले गए।
चढ़ूनी की सच्चाई सामने आई है, इसलिए पुतला जलाया, वे किसानों को गुमराह कर रहे हैं
भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश सपरा ने बताया कि मेयर मदन चौहान, पूर्व मंत्री कर्ण देव कांबोज, चेयरमैन मलिक रोजी आनंद, सीनियर डिप्टी मेयर प्रवीन पिन्नी और अन्य वर्करों को साथ लेकर अम्बाला रोड पर भाकियू प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी का पुतला जलाया गया। उनका कहना है कि किसान आंदोलन के नाम पर चढूनी राजनीति कर रहे हैं। उनकी यह राजनीति सबके सामने आ गई।
कांग्रेस के नेताओं के साथ मिलकर वे करोड़ों रुपए की डील कर भाजपा सरकार को गिराने और बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं इसलिए किसानों के नाम पर गंदी राजनीति करने वाले का पुतला जलाया गया है।
उनका कहना है कि उनके पुतला जलाने पर विरोध करने वाले गलत है क्योंकि जब वे पीएम, सीएम का पुतला जलाते हैं तो उनकी पार्टी की ओर से कभी विरोध नहीं किया जाता। उन्होंने चढूनी का पुतला जलाया तो विरोध करने पहुंच गए। इससे पता चलता है कि चढूनी गुट के लोग तानाशाही रवैया अपना रहे हैं। कृषि बिलों का एक राजनीति के तहत विरोध कर रहे हैं जबकि ये बिल किसानों के हित में हैं।
हम पूछना चाहते हैं कि हमारे नेता का पुतला क्यों जलाया
भाकियू के डायरेक्टर मनदीप का कहना है कि भाजपा नेताओं ने उनके नेता गुरनाम सिंह चढूनी का चोरी-छिपे पुतला जलाया है। चढूनी किसानों के हक के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। गुरनाम सिंह ने सरकार गिराने की साजिश नहीं रची। किसान आंदोलन अब जन आंदोलन बन चुका है। किसान अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। दो माह होने को हैं लेकिन सरकार किसानों की बात नहीं मान रही है।
गुरनाम सिंह का पुतला जलाने वाले भाजपा नेताओं से आमने-सामने कर पूछना चाहते थे कि उन्होंने ऐसा क्यों किया। अगर चढूनी का पुतला जलाना था तो हमारे सामने जलाकर दिखाते। गुपचुप तरीके से डर के पुतला जलाया है। भाजपा नेता उनके आने से पहले ही वहां से भाग गए। उनका कहना है कि यह भाजपा नेता माहौल खराब करने का काम कर रहे हैं। किसान शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे हैं।