आज बाइडेन राष्ट्रपति, हैरिस उपराष्ट्रपति बनेंगी:प्रवासी भारतीयों को उम्मीद ‘अमेरिकन ड्रीम’ पुनर्जीवित करेंगे बाइडेन और कमलाडोनाल्ड ट्रम्प की घातक आव्रजन नीति खत्म होगी
जो बाइडेन आज अमेरिका के राष्ट्रपति और कमला हैरिस उप-राष्ट्रपति के रूप में शपथ ले रहे हैं। ऐसे में अमेरिका में रहने वाले भारतीय मानते हैं कि बाइडेन-हैरिस का प्रशासन उस ‘अमेरिकन ड्रीम’ को पुनर्जीवित करेगा जिसमें सभी का विकास शामिल है। ट्रम्प के कार्यकाल में लागू की गई नीतियां अमेरिका की प्रगति में रुकावट हैं। सबसे घातक है आव्रजन नीति, क्योंकि इससे सैकड़ों भारतीय तो प्रभावित हुए ही, साथ ही अमेरिका को बहुत नुकसान हुआ।
बाइडेन के सहयोगियों ने बताया कि उनका प्रशासन फैमिली वीसा का समर्थन करेगा। पहले उच्च कौशल वाले और श्रमिकों के लिए अस्थायी वीसा प्रणाली में सुधार होगा। फिर ग्रीन कार्ड और वीसा नियमों की समीक्षा होगी। अहसान आलम अमेरिका में इन्फोसिस में काम करने आए थे, बाद में एक अमेरिकी फर्म में चले गए। उनके अनुसार हर साल एच-1 बी कार्यक्रम के तहत 85,000 से अधिक प्रवासियों को वीसा मिलता था, इसमें करीब 75% भारतीय होते थे।
ट्रम्प की नीतियों के कारण इस श्रेणी के आवेदन रिजेक्ट करने की दर 2015 में 4.3 प्रतिशत जो 2019 तक 15.2 प्रतिशत हो गई। 2019 में एल-1 वीसा आवेदन 28.1 फीसदी रिजेक्ट हुए। ट्रम्प एक नियम लाए जिसे ‘पब्लिक चार्ज’ कहते हैं, इससे सरकारी मेडिकल या खाद्य सहायता लेने पर ग्रीन कार्ड या नागरिकता पाना मुश्किल हो जाता है। बाइडेन का वादा है कि वे इसे और गरीब प्रवासियों के साथ भेदभाव खत्म करेंगे।
न्यूजर्सी स्थित एक भारतीय मूल की वकील स्वेता सिंह ने बताया कि ट्रम्प की घातक आव्रजन नीतियों के कारण देश में 10 लाख से अधिक पद खाली रहे। मई तक छह लाख से ज्यादा पद टेक कंपनियों में खाली थे। ट्रम्प की नीति के कारण योग्य भारतीय नौकरी के लिए यहां आ नहीं सके, इससे अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई। अमेरिका में करीब 5 लाख भारतीय ऐसे हैं, जिनके पास दस्तावेज पूरे नहीं, अब इन्हें नागरिता मिलने की उम्मीद है।
ट्रम्प जमैका एस्टेट में बड़े हुए हैं। वहां उनके पड़ोसी बाइडेन-हैरिस प्रशासन का स्वागत कर रहे हैं।कैपिटल हिल में हुई हिंसा के बाद अधिकांश नाराज हैं। उनके पूर्व पड़ोसी क्विन ने कहा, ‘ट्रम्प को हटा दिया जाना चाहिए। उन्होंनेे जो किया वह अक्षम्य था।’
आलम बताते हैं जिन लोगों के पास एच-1 बी वीसा है, पहले उनकी पति/पत्नि को काम करने में परेशानी नहीं थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है। यही नहीं ट्रम्प ने न केवल लोगों को आने से रोका, बल्कि भारतीय श्रमिकों को भी आघात पहुंचाया। उन्हें तो पता ही नहीं कि उनका वीसा स्टेटस बढ़ाया जाएगा या नहीं।
बराक ओबामा के कार्यकाल में एक नई नीति आई जिसमें पति-पत्नि को एच-4 वीसा दिया जाता था। इससे दोनों को अमेरिका में नौकरी करने की अनुमति मिल जाती थी। लेकिन ट्रम्प ने जीवनसाथी को काम करने से रोकने का नियम बना दिया।
बाइडेन-हैरिस प्रशासन स्थायी, कार्य-आधारित आव्रजन के लिए व्यापक आर्थिक स्थितियों के आधार पर पेश किए जाने वाले वीसा की संख्या में वृद्धि करेगा। एसटीईएम क्षेत्रों में पीएचडी कार्यक्रमों में छूट भी देगा। इससे भारतीय स्नातकों और योग्य भारतीय तकनीकियों को अमेरिका में नौकरी पाने का बड़ा फायदा होगा।
न्यूजर्सी और कैलिफोर्निया जैसे क्षेत्रों में भारतीय बड़ी संख्या में हैं, यहां इन दिनों लोगों में उत्साह है क्योंकि कमला हैरिस भारतीय मूल की हैं। यहां के एक दुकानदार योगी पटेल ने बताया कि पहले उन्होंने ट्रम्प का समर्थन किया था, लेकिन अब बाइडेन का समर्थन करेंगे।
परंपरा टूटेगी: शपथ पूर्व व्हाइट हाउस छोड़ेंगे ट्रम्प
अमेरिका में पंरपरा रही है कि नव-निर्वाचित राष्ट्रपति को आमंत्रित करके निवर्तमान राष्ट्रपति व्हाइट हाउस ले जाते रहे हैं। साथ ही वे अपने साथ निर्वाचित राष्ट्रपति को शपथ ग्रहण के लिए कैपिटल हिल ले जाते हैं और वहां इस समारोह में शामिल होते हैं। लेकिन ट्रम्प ऐसा नहीं करेंगे। वे शपथ समारोह से पहले ही व्हाइट हाउस छोड़ देंगे।
हिंसा की आशंका के चलते समारोह में पहली बार 25 हजार सैनिक तैनाती रहेंगे।
बाइडेन (78) अमेरिका के 46वें और सबसे उम्र दराज राष्ट्रपति होंगे।
कमला (56) के रूप में भारतीय मूल का व्यक्ति पहली बार उपराष्ट्रपति बनेगा।
समारोह में भारतीय संस्कृति की झलक दिखेगी, वहां कोलम (रंगोली) बनेगी।
टीम बाइडेन में भारतीय मूल के 20 लोग हैं। जिनमें 13 महिलाएं हैं, इनमें दो 2 कश्मीरी हैं।