देशी वैक्सीन पर भरोसा:नीति आयोग ने कहा- देश की वैक्सीन सुरक्षित, किसी वैक्सीन से साइड इफेक्ट के 5-10% केस सामान्य बातदेश में 6 लाख लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा चुकी है। इनमें से करीब 580 लोगों में चक्कर, थकान जैसे मामूली लक्षण दिखे हैं। यह टीका लगवाने वाले कुल लोगों के मुकाबले 0.18% है। अब तक लगते रहे अन्य टीकों के साइड इफेक्ट के मामले कहीं ज्यादा 5-10% तक रहे हैं। यानी कोरोना में यह आंकड़ा सबसे कम है।
इस प्रतिकूल प्रभाव को एडवर्स इफेक्ट फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन कहते हैं। इस वजह से कुछ लोग टीका लगवाने नहीं पहुंच रहे हैं। नीति आयोग के सदस्य और कोविड पर बनी नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑफ वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन के चेयरमैन डॉ. वीके पॉल ने कहा है भारत की वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है। दुखद है कि लोग टीका लगवाने कम आ रहे हैं।
एक्सपर्ट व्यू: इंजेक्शन से बुखार, बदन दर्द, घबराहट, एलर्जी हो सकती है
वैक्सीन से साइड इफेक्ट की वजह क्या है?
इसे सुरक्षित रखने के लिए कई चीजें मिलाई जाती हैं। जैसे एंटीजन के तौर पर प्यूरिफाइड या इनएक्टिवेटेड टॉक्सिन, स्टोरेज में प्रभावी बनाए रखने के लिए मैग्नेशियम क्लोराइट या मैग्नेशियम सल्फेट, एंटीजन का इम्यून रिस्पॉन्स बढ़ाने के लिए एल्यूमिनियम सॉल्ट, एंटीबायोटिक्स के तौर पर नियोमाइसिन, प्रिजर्वेटिव के तौर पर थियोमर्साल या फॉर्मेल्डिहाइड आदि। इनसे मामूली रिएक्शन हो सकता है।अभी हो रही दिक्कतों की वजह वैक्सीन है?
जरूरी नहीं सभी परेशानी की वजह वैक्सीन हो। टीकाकरण प्रक्रिया से भी हो सकती है। दवा से एलर्जी भी कारण है।
टीका लगवाने के बाद क्या दिक्कतें होती हैं?
आम तौर पर तीन असर होते हैं- मामूली, गंभीर या अति गंभीर। ज्यादातर दिक्कतें मामूली होती हैं। इनमें सूजन, हल्का बुखार, घबराहट, एलर्जी और रैशेज हो सकते हैं।
गंभीर दिक्कतें भी होती हैं?
तेज बुखार आ सकता है। एनाफिलेक्सिस एलर्जी हो सकती है। हालांकि भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ती। जान का खतरा, लंबे समय तक भर्ती रहने की जरूरत, अपंगता या मौत को अति गंभीर माना जाता है। हालांकि ऐसा बेहद कम होता है।
हर बार एक जैसा एडवर्स इफेक्ट होता है?
नहीं। यह इस पर निर्भर करता है कि टीका बनाने का तरीका क्या है और लगवाने वाले के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कैसी है। जैसे बीसीजी के टीके से चकत्ते जैसा उभार दिखता है। डीपीटी के टीके से हल्का बुखार होता है। पोलियो ड्रॉप देने पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं दिखता। कोरोना की वैक्सीन के भी अलग-अलग प्रभाव दिख रहे हैं।