निलाेठी में कल किसान संसद व पंचायत:दिल्ली की बैठक पर भरोसा छोड़ किसान 26 की तैयारी में जुटे, ट्रैक्टर यात्रा दिल्ली के बाहरी क्षेत्र से ही निकलेगीटिकरी बाॅर्डर पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानाें का आंदोलन 56वें दिन भी जारी है।आंदोलन में भले ही अब अलग-अलग सुर उठने लगे हैं, लेकिन सरकार के साथ 20 को होने वाली बैठक को लेकर किसानों में कोई उत्साह नहीं है।
इस कारण किसानों ने बैठक पर चर्चा छोड़कर अब किसानों ने 26 जनवरी की तैयारी पर ध्यान देना शुरू कर दिया है। गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर रैली को लेकर बयानबाजी को किसान संघर्ष समिति ने गलत ठहराया है। आज मंच पर कहा गया कि किसान लाल किले पर तिरंगा फहराएंगे और 26 जनवरी को एक साथ ट्रैक्टर निकलेंगे।
इस तरह के बयानों का कोई अर्थ नहीं है। ट्रैक्टर यात्रा केवल दिल्ली के बाहरी क्षेत्र से ही निकलेगी इसी कारण मंगलवार शाम को होने वाली रिहर्सल को भी टाल दिया गया है। इसके साथ ही किसान संगठनों ने गणतंत्र दिवस के मौके पर राजधानी में बड़ी संख्या में ट्रैक्टर का मार्च निकालने का प्लान भी तैयार किया है। लुधियाना तक ये कहां पर ट्रैक्टरों को पहुंचने की संभावना है। जिसकी तैयारियां चल रही हैं।
ट्रैक्टर मार्च में हिस्सा ले रहे एक प्रदर्शनकारी ने कहा 24 जनवरी से पहले हमने हजारों ट्रैक्टर पहुंचाने की जिम्मेदारी ली है। इस कारण सब एकजुट होकर काम कर रहे हैं। यह आंदोलन केवल सरकारी फैसले के खिलाफ है, दिल्ली के नहीं। हमें संयुक्त किसान मोर्चा की बनाई रणनीति को लागू करनी है और शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन जारी रखा जाएगा।
निलोठी गांव में 20 जनवरी को 10 राज्यों के किसानों की किसान संसद और इसमें सर्व जाति सर्व खाप पंचायत शामिल होंगी। यह बात रमेश दलाल अध्यक्ष भारत भूमि बचाओ संघर्ष समिति ने मंगलवार को गांव निलोठी में हज़ारों किसानों को संबाेधित करते हुए कही। उन्होंने यह भी कहा कि पहली बार इस संसद में कम से कम 10 राज्यों के किसान भाग लेंगे। बड़े पैमाने पर किसान संसद और सर्व खाप पंचायत का आयोजन हो रहा है, जिसमें कईं अहम निर्णेय लिए जायेंगे।
रमेश दलाल ने कहा कि होने वाली किसानों की संसद में किसानों के भूमि अधिग्रहण का अहम मुद्दा तो होगा ही।रमेश दलाल ने यह भी कहा कि भूमि अधिग्रहण में धोखाधड़ी की गई है और दोषियों की सख्त से सख्त सजा दिलाने की मांग की। उन्होंने कहा कि होने वाली संसद के माध्यम से देश के प्रधानमंत्री से भी इसी विषय में आग्रह करेंगे।
भारत भूमि बचाओ संघर्ष समिति, अध्यक्ष ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री को, राजस्थान, गुजरात के मुख्यसचिव हरियाणा के प्रिंसिपल सेक्रेटरी, मुख्यमंत्री और ग्रह सचिव को आज भी एक पत्र लिखा है और कहा है कि भूमि अधिग्रहण मामले में हो रहे घोटालों की जांच की जाए और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाये।
कल खाप पंचायतों की होगी बैठक
किसानों ने कहा कि करीब दो महीने से हम कष्ट झेल रहे हैं और ठंड में मर रहे हैं। सरकार हमें तारीख पे तारीख दिए जा रही है और टाल रही है ताकि हम थक जाएं और जगह खाली कर दें। यह उनकी साजिश है। अब 20 की बैठक को लेकर भी उम्मीद कम है। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। सरकार और किसान संगठनों की यह लड़ाई अब सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंची हुई है। वहीं टिकरी बॉर्डर से सटे विभिन्न बॉर्डर पर किसान जमे हुए हैं। अब खाप पंचायतों ने भी किसानों का समर्थन कर दिया है।
इस संबंध में गुरुवार को खाप पंचायतों की एक अहम बैठक भी होनी है. बता दें इससे पहले सरकार और किसानों के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन समाधान नहीं निकला है। किसान संगठन इस बात पर अड़े हैं कि तीनों कृषि बिल वापस लिए जाएं, वहीं सरकार कह रही है कि वह जरूरी संशोधन करने के लिए तैयार है लेकिन बिल किसी भी स्थिति में वापस नहीं होंगे। इस बीच पूरे मामले पर राजनीति भी जोरों पर है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी एक दूसरे पर आरोप लगा चुके हैं।