गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड की तैयारी:किसान संगठन गांव-गांव पहुंचा रहे 26 को परेड में आने का मैसेज, ट्रैक्टरों के लिए जिम्मेदारी तयआंदाेलन में सबकी नजरें परेड पर टिकीं, गांव स्तर पर तैयारियां पूरी, संयुक्त मोर्चा के रूटमैप का इंतजार
हरियाणा-पंजाब समेत अन्य राज्यों से किसानों का कूच जारी, दायरा बढ़ा
किसान आंदोलन में अब सबकी नजर 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड पर टिकी है। संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड की घोषणा की गई है। किसानों ने भी गांव-गांव स्तर पर इस परेड में शामिल होने की तैयारी कर रखी है। सिसाना गांव के किसान चांद पहलवान, गांधी ठेकेदार, खेड़ी मनाजात के जयभगवान दहिया ने कहा कि किसानों को संयुक्त मोर्चा के रूटमैप का इंतजार है। जैसे ही रूटमैप सार्वजनिक किया जाएगा। किसान 26 जनवरी को अपने ट्रैक्टर उसी रूट से परेड करते हुए निकालेंगे। ट्रैक्टर परेड में काफी संख्या में महिलाएं भी शामिल होंगी। ट्रैक्टरों पर तिरंगा लगाएंगे।
उल्लेखनीय है कि हरियाणा-पंजाब, यूपी समेत अन्य राज्यों से किसानों का दिल्ली कूच जारी है। दिल्ली के सभी बॉर्डरों पर किसानों की संख्या पहले बढ़ी है। कुंडली से लेकर केएमपी पुल तक किसानों का दायरा बढ़ चुका है। उसी के अनुसार सुरक्षा भी बढ़ाई जा रही है। इधर, किसानों के समर्थन में इनेलो नेता अभय चौटाला की दूसरी ट्रैक्टर यात्रा आज तोशाम से शुरू हाेगी, महेंद्रगढ़ में रात्रि विश्राम होगा।
फिक्र: बरोदा से 78 साल के पति का हाल जानने आंदोलन में पहुंची रामरति, 54 दिन बाद पति को देख छलके आंसू, बोली- बालकां के बाबू तू ठीक सै
बरोदा गांव के चतर सिंह की उम्र 78 साल है। चतर सिंह भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर 27 नवंबर से कुंडली बॉर्डर पर धरने पर हैं। चतर सिंह अब तक घर नहीं गया है। मंगलवार को चतर सिंह की पत्नी रामरति देवी अपने पति से मिलने के लिए आंदोलन स्थल पर पहुंच गईं, जैसे ही पति आंखों के सामने आए तो उनका चेहरा देखकर वह भावुक हो गईं।
रामरति की आंखों में आंसू छलक पड़े। रुंधे हुए गले से बोलीं- बालकां के बाबू तू ठीक सै। देख यहां दाढ़ी कितनी बढ़ा ली। इसने तो कटवा लेंदा। चतर सिंह ने पत्नी के आंसू पोंछे और बोले- बालकां की मां, तू चिंता मत करै। याड़े मैं ठीक सूं। रामरति बोली- फेर घरा कद आओगे। चतर सिंह बोला- चिंता फिक्र ना कर, या लड़ाई जीतकै ही लौटूंगा।
अनूठा विरोध : ट्रैक्टर पर मोड़ बांधकर पहुंचा 55 साल का कुंवारा दूल्हा
कैथल के गांव किठाला निवासी कर्णसिंह 55 अविवाहित है। कैथल से मंगलवार को 50 से अधिक ट्रैक्टर किसान आंदोलन में विरोध प्रदर्शन के लिए आए हुए थे। इन किसानों ने कुंवारे कर्णसिंह को दूल्हा बनाया। हरियाणवी संस्कृति का प्रतीक प्राचीन मोड़ बांधा गया। ढोल के साथ बारात निकाली गई। इस बारात का किसानों ने जगह-जगह दूध, चाय-पकौड़े और गाजर के हलवे से स्वागत किया। महिलाओं ने शादी के गीत गाए। यह दूल्हा आंदोलन स्थल पर चर्चा का विषय बना।