कैसे सुधरेगी रैंकिंग:दो माह पहले 3 हजार झाडू, 300 रेहड़ी व सौ रिक्शा की डिमांड भेजी थी निगम को, नहीं मिला सामानशहर में एक मार्च से स्वच्छता सर्वेक्षण शुरू होगा। केंद्र सरकार की टीमें फरीदाबाद आकर शहर की सफाई व्यवस्था का जायजा लेंगी। लेकिन नगर निगम के सफाई कर्मचारी संसाधनों का रोना रहे हैं। सफाई कर्मचारी यूनियन ने दो माह पहले तत्कालीन निगम कमिश्नर यश गर्ग से मुलाकात कर उनसे 3000 झाडू, 300 रेहड़ी और 100 रिक्शा की डिमांड की थी, लेकिन अभी तक सामान नहीं मिला।
ऐसे में सवाल यह है कि शहर की स्वच्छता रैंकिंग में सुधार कैसे होगा। खास बात यह है कि अभी तक हुए चार स्वच्छता सर्वेक्षण में फरीदाबाद हमेशा फिसड्डी रहा है। फिर भी इसे सुधारने का प्रयास नहीं किया जा रहा। सफाई कर्मचारी यूनियन ने इसके लिए आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है।
निगम अधिकारियों की मानें तो आर्थिक बदहाली के चलते नगर निगम संसाधन उपलब्ध नहीं करा पा रहा। टैक्सेशन ब्रांच जो टैक्स की रिकवरी करती है उसे कर्मचारियों के वेतन और ठेकेदारों के पेमेंट पर खर्च कर दिया जाता है।
केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय हर साल जनवरी में देशभर में स्वच्छता सर्वेक्षण की शुरूआत करता है। चार जनवरी से इसकी शुरूआत होती है। लेकिन इस बार कोरोना के चलते इसे एक मार्च से शुरू किया जा रहा है। ऐसे में नगर निगम को अपनी हालत सुधारने के लिए दो माह का वक्त और मिल गया। लेकिन संसाधन उपलब्ध न होने से सफाई व्यवस्था का बुरा हाल है।
निगम में इन संसाधनों की है भारी कमी
नगर निगम सफाई कर्मचारी यूनियन के प्रधान बलबीर बालगुहेर ने बताया कि वर्तमान में करीब 3500 सफाईकर्मी नगर निगम के तीनों जोन ओल्ड फरीदाबाद, एनआईटी और बल्लभगढ़ में कार्यरत हैं। इन कर्मचारियों के पास सफाई के लिए संसाधन तक उपलब्ध नहीं हैं।
उन्होंने बताया दो माह पहले 3000 झाडू, कूड़ा उठाने के लिए 300 रेहड़ी और 100 रिक्शा की डिमांड निगम प्रशासन से की गई थी। कई बार पत्राचार भी किया गया, लेकिन अभी तक उक्त सामान नहीं मिला। यही नहीं कर्मचारियों के पास मास्क और दस्ताने तक नहीं है।
केवल कागजी तौर पर निगम कर रहा प्रयास
इस स्वच्छता सर्वेक्षण में शहरवासियों का फीडबैक बहुत मायने रखता है। ऐसे में निगम अधिकारी अपने जानकार आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों, सामाजिक व धार्मिक संगठनों के पदाधिकारियों से संपर्क कर उनसे शहर के बारे में अच्छा फीडबैक देने की कोशिश करने में लगे हैं। जबकि शहर की जमीनी हकीकत कुछ और है। ऐसे में रैंकिंग कितनी सुधर पाएगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
अधिकारी बोले, जल्द मिल जाएगा सामान
स्वच्छता सर्वेक्षण के इंचार्ज एवं एडीशनल कमिश्नर इंद्रजीत गुलेरिया का कहना है कि कर्मचारियों की डिमांड उनके पास आ गई है। जल्द ही निगम कमिश्नर से अप्रूवल लेकर सामान उपलब्ध करा दिया जाएगा। निगम प्रशासन स्व्चछता सर्वेक्षण को लेकर सतर्क है। हमारा प्रयास होगा कि कहीं कोई कोताही न हो।