20 शहरों में CBI की छापेमारी:1 करोड़ की घूस के साथ रेलवे अफसर अरेस्ट; नॉर्थ ईस्ट कॉरीडोर में काम दिलाने के लिए ली थी रिश्वतसेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) की टीम ने रविवार को 1 करोड़ रुपए की घूसखोरी के आरोप में रेलवे इंजीनियरिंग सर्विस (IRES) के एक सीनियर ऑफिसर को गिरफ्तार किया है। मामले में दो और लोगों को भी हिरासत में लिया गया है। CBI के अधिकारियों ने बताया कि 1985 बैच के IRES अफसर महेंद्र सिंह चौहान ने नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर कॉरीडोर (NFR) में कॉन्ट्रैक्ट देने के एवज में यह रकम ली थी
चौहान असम के मालीगांव में NFR के हेडक्वार्टर में पदस्थ हैं। सीबीआई की टीम ने इस मामले में दिल्ली, असम और उत्तराखंड समेत दो और राज्यों के 20 शहरों में दबिश दी है। घूस के एक करोड़ रुपए बरामद कर लिए गए हैं।
रिश्वत की वसूली करने गए थे चौहान के लोग
बताया जा रहा है कि यह CBI के इतिहास में रकम बरामदगी की सबसे बड़ी कार्रवाई है। जांच एजेंसी ने बताया कि एक प्राइवेट कंपनी को ठेका देने के एवज में एक करोड़ रुपए की वसूली के लिए चौहान के दो लोग निकले थे। सीबीआई की टीम इन्हें पहले से ट्रेस कर रही थी। पूछताछ में दोनों आरोपियों ने महेंद्र सिंह चौहान का नाम लिया। इसके बाद IRES अफसर महेंद्र सिंह चौहान को भी गिरफ्तार कर लिया गया। उनसे पूछताछ जारी है।
नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर कॉरीडोर क्या है?
नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर कॉरीडोर (NFR) रेल मंत्रालय के 18 रेल जोन में से एक है। इसका मुख्यालय असम के मालीगांव में है। इसके तहत असम, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश की रेल सेवाएं आती हैं। देश का सबसे बड़ा रेल रोड ब्रिज बोगीबीद भी इसी जोन के अंदर आता है। बांग्लादेश से रेल सर्विस भी इसी जोन के तहत आती है।