विजय ज्योति:स्वर्णिम विजय ज्योति पहुंची दादरी, वीर चक्र विजेता खजान सिंह की पत्नी को किया सम्मानित1971 में पाकिस्तान पर ऐतिहासिक जीत के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में थल सेना ने वीर सैनिकों व उनके परिवार के सम्मान में निकाली यात्रा
विजय ज्योति को नमन करते हुए जिले के जांबाज सैनिकों को वर्ष 1971 की फिर वहीं यादें ताजा हो गईं, जब वे सीमा पर पाकिस्तान की सेना से जूझ रहे थे। आज से 50 साल पहले हुए इस युद्ध में जिले के सैकड़ों वीर जवानों ने अपने शौर्य एवं अदम्य साहस का परिचय दिया था। पाकिस्तान पर ऐतिहासिक जीत के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में थल सेना के वीर जवान स्वर्णिम विजय वर्ष ज्योति को सोमवार को दादरी लेकर आए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल वार मेमोरियल दिल्ली से 16 दिसंबर विजय दिवस के अवसर पर यह स्वर्णिम विजय ज्योति सेना को सौंपी थी। अब इसे 16 दिसंबर 2021 तक देश के विभिन्न भागों में ले जाया जा रहा है। दादरी में विजय ज्योति को सबसे पहले गांव खेड़ी बूरा ले जाया गया। जहां वीर चक्र पदक विजेता लेफ्टिनेंट स्व. खजान सिंह की धर्मपत्नी को सम्मानित किया गया। इसके अलावा दादरी रोजगार्डन में शहीद स्मारक पर इस गौरवशाली ज्योति को प्रज्ज्वलित कर दादरी के अमर जवानों को श्रद्घांजलि अर्पित की गई। सेना अधिकारियों ने पूर्व सैनिकों और शहीद विरांगनाओं से बातचीत की और पूछा कि उन्हें किसी प्रकार की परेशानी तो नहीं है। दादरी शहर के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, सैनिक बोर्ड, ईसीएचएस अस्पताल और सैनिक कैंटीन में भी इस विजय ज्योति का पूरे जोशो-खरोश के साथ पूर्व सैनिकों ने स्वागत किया।
खजान सिंह ने पाकिस्तान के 12 टैंकों कर दिया था तहस-नहस
वीर चक्र पदक विजेता हवलदार खजान सिंह सांगवान ने पाकिस्तान के साथ 1971 की लड़ाई में 6 दिसंबर को जम्मू-कश्मीर के छांब जोडिया इलाके में दुश्मन के 12 टैंकों ने भारतीय मोर्चे को तहस-नहस करना शुरू कर दिया था। उस समय रूस से प्रशिक्षण लेकर आए खजान सिंह ने एंटी टैंक मिसाइल दाग कर तीन पाकिस्तानी टैंकों को ध्वस्त कर दिया था। जिससे पाकिस्तानी सेना में भगदड़ मच गई थी। उनके साथ लांस नायक इक्का इस हमले में शहीद हो गए थे। सेना ने शहीद इक्का को महावीर चक्र व खजान सिंह को वीर चक्र से सम्मानित किया था। गांव खेड़ी बूरा में सुखलाल व मोहरली देवी के घर 15 मार्च 1944 को खजान सिंह का जन्म हुआ और वर्ष 1988 में उनका निधन हुआ था। वे 1963 में सेना में भर्ती हुए थे।
सैनिक परिवारों की संख्या के मामले में जिला दूसरे नंबर पर
सेना अधिकारियों ने बताया कि दादरी का भिवानी के बाद प्रदेश में दूसरा नंबर है, जहां सबसे अधिक सैनिक परिवार रहते हैं। आज विजय ज्योति कार्यक्रमों में सेना अधिकारियों के अलावा रिटायर्ड सूबेदार मेजर दलेर सिंह, रि. कर्नल रणधीर सिंह, ओमप्रकाश सांगवान, युद्घवीर कादयान, सूबेदार मेजर बेगराज, सतबीर सिंह, सूबेदार ध्यानसिंह, धर्मवीर, मायादेवी, देवकला, वेदकौर, भानकौर, प्रेम, किताबो कौर, छोटा देवी, रिसाला देवी, रिंपी फौगाट, मुकेश भारद्वाज, उमेद सिंह, जिला सैनिक बोर्ड से सतबीर सिंह, जगमाल सिंह, कर्मवीर इत्यादि उपस्थित रहे।