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भजन सम्राट अनूप जलोटा बोले- सत्य साईं बाबा मुझे छोटे बाबा कहते थे,

भजन सम्राट अनूप जलोटा बोले- सत्य साईं बाबा मुझे छोटे बाबा कहते थे, फिल्म में उनका रोल करने के बाद इसकी वजह पता चलीबतौर एक्टर भजन सम्राट अनूप जलोट की फिल्म ‘ओम श्री सत्य साईं बाबा’ 22 जनवरी को रिलीज हो रही है। फिल्म में वे लीड रोल कर रहे हैं। दैनिक भास्कर से बातचीत में जलोटा ने अपनी इस फिल्म के साथ-साथ पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ के बारे में खुलकर बात की। पेश है उनसे बातचीत के अंश…

Q. आपकी पहचान भजन सम्राट की है। फिर ‘बिग बॉस’ शो में जाने और सिनेमा में अभिनय करने का मेन मकसद क्या रहा?

A. देखिए, जिस क्षेत्र में हम काम कर रहे हैं,वह कला का क्षेत्र है। बचपन में कई नाटक और फिल्मों में भी काम किया है। जब ‘बिग बॉस’ के बारे में जाना और वहां से बुलावा आया तो ले गए। वहां जाकर तूफान मचा दिया और बाहर आकर भूल गए। अब सत्य साईं बाबा फिल्म कर रहा हू। सत्य साईं बाबा मुझे छोटे बाबा कहते थे। मैं पूछता कि मुझे क्यों बोलते हैं, तब कहते थे कि एक दिन तुम्हें पता लगेगा। अब जबकि उनका रोल कर रहा हूं, तो यह पता लग गया। शायद उन्होंने पहले ही भविष्यवाणी कर दी थी कि जब उन पर फिल्म बनेगी तो उनका रोल मैं ही निभाऊंगा।

Q. आपने सत्य साईं बाबा के साथ काफी वक्त भी गुजारा, उनका चमत्कारिक काम कौन-सा लगा?

A. सत्य साईं बाबा को 55 साल से जानता था। मात्र 12 साल का था, तब उनसे लखनऊ में मिला था। वे समाजसेवा का बहुत काम करते थे। उनके चमत्कार को महत्व नहीं देता हूं। उन्होंने बेंगलुरु के पास पुट्‌टपर्थी में हार्ट हॉस्पिटल बनवाया है। उसमें एक दरवाजे से अंदर जाकर हार्ट का इलाज करवाकर दूसरे रास्ते से बाहर निकल आइए। उसमें कोई बिलिंग सेक्शन नहीं है। मतलब एक रुपया भी पेमेंट नहीं करना होता। ऐसी व्यवस्था दुनिया में कहीं नहीं है। वहां पर सुरेश वाडकर ने भी 22 साल पहले बाइपास सर्जरी करवाई थी। वह आज भी वैसे ही चल रहा है। वहां का खर्च उनका ट्रस्ट उठाता है।

Q. इतना नेक काम करने के बावजूद उन पर शक क्यों किया गया?

A. देखिए! जिस पेड़ पर फल लगे होते हुए हैं, लोग उसी पर पत्थर मारते हैं। जिसको कोई जानता ही नहीं है, उसके बारे में क्या कहेंगे! आखिर ऐसे लोगों की ही बुराइयां की जाती है।

Q. सत्य साईं बाबा के गेटअप में आने के लिए कितना समय लगता था? शूटिंग के वक्त की कोई रोचक बात भी बताइए?

A. विग वगैरह लगाकर पूरे गेटअप में आने में एक घंटा लगता था। लेकिन उस गेटअप में रहकर पूरा-पूरा दिन शूट करना पड़ता था। मजे की बात यह है कि जब बेंगलुरु से 150 किलोमीटर आगे पुट्‌टपर्थी में शूटिंग कर रहा था। तब सत्य साईं बाबा के गेटअप में निकलता, तब लाइन लगाकर लोग दर्शन करने खड़े हो जाते थे। सभी आकर पैर छूकर प्रणाम करते थे। उन्हें आश्चर्य होता था कि बाबा फिर से आ गए। कई लोग कहते थे कि बाबा तो कभी यहां से गए ही नहीं। ऐसे संत महापुरुष कहीं जाते थोड़े न हैं।

Q. जैकी श्रॉफ इसमें क्या कर रहे हैं?

A. जैकी श्रॉफ पुलिस इंस्पेक्टर का रोल कर रहे हैं। उन्हें पता चलता है कि आश्रम के अंदर कुछ गलत गतिविधियां चल रही हैं, तब उसकी छानबीन करने आते हैं। छानबीन के बाद वे भी बाबा के भक्त हो जाते हैं। मैंने 10 वर्ष पहले मालिक एक नाम की फिल्म बनाई थी। यह फिल्म शिरडी के साईं बाबा पर थी। इसमें उन्होंने साईं बाबा का रोल निभाया था। उन्हें तब से जानता हूं।

Q. बाबा के साथ का कोई किस्सा बताइए?

A. बाबा संगीतकारों को बहुत प्रेम करते थे। एक दिन बाबा का फोन आया। बोले कि कल दोपहर लंच टाइम में मुंबई के आश्रम में आना। मैंने कहा कि पहुंच जाऊंगा । वे अपने हाथों से कुछ चुनिंदा कलाकारों को खाना खिलाना चाहते थे। फिर तो मैं, पंडित भीमसेन जोशी, सुरेश वाडकर, कविता कृष्णमूर्ति समेत कुल 10 कलाकार उनके आश्रम पहुंच गए। उन्होंने अपने हाथ से हमें भोजन परोसा। सबको भोजन करवाकर बोले- अब वापस जा रहा हूं। आपको सबको भोजन कराने आया था। यह उनका कला के प्रति प्रेम था। इस बात को 25 साल हो गए।

Q. फिल्म में सत्य साईं बाबा का कब तक का जीवन दिखाया गया है?

A. इसमें उनके बचपन से लेकर समाधि लेने तक का वर्णन है। इसकी शूटिंग मुंबई, शिरडी, पुट्‌टपर्थी, नाशिक में की गई है।

Q. दशकों बाद कैमरा फेस करने का अनुभव कितना अलग रहा?

A. देखिए, कितने वीडियो बनते रहते हैं। चैनल के इंटरव्यू होते रहते हैं तो आए दिन कैमरा फेस करता रहता हूं। लगता है कि कैमरा हमारे अंदर घुस गया है। कैमरे से पूरी दोस्ती हो गई है। अलग कुछ नहीं रहा, क्योंकि लाइट, कैमरा, एक्शन सब जगह सेम ही होता है।

Q. साईं बाबा के अलावा और किन फिल्मों में काम कर रहे हैं?

A. मेरी आने वाली फिल्म ‘वो मेरी स्टूडेंट है’ मार्च में रिलीज होगी। इसमें मैं और जसलीन मथारू हैं। मैं अनूप जलोटा और वे जसलीन मथारू ही बनी हैं। जसलीन मुझसे संगीत सीखने आती है। मैं उसे संगीत सिखाता हूं। फिर एक अच्छा लड़का देखकर उसकी शादी करवा देता हूं। यह फिल्म अच्छी बन पड़ी है। दूसरी फिल्म ‘करतूत’ है। इसमें पुलिस कमिश्नर बना हूं। प्रयास करता हूं कि शहर में किसी प्रकार का कोई दंगा न हो। ‘करतूत’ में मिथुन चक्रवर्ती की बहू भी अभिनय कर रही हैं। इसे अनिल दत्त ने डायरेक्ट किया है। इसके अलावा और भी फिल्में ऑफर हो रही हैं, उसमें भी काम करूंगा।

Q. आपका व्यक्तित्व दिखने में बड़ा सरल है, पर लोगों को समझने में कठिनाई क्यों होती है। आपके रिश्ते को लेकर लोग क्यों कंफ्यूज रहते हैं?

A. (हंसते हुए) ऐसा ही होना चाहिए। अगर समझ लिया तो फिर क्या रह गया। लोग समझते रह जाएंगे और हम अपना जीवन सफर तय करके चले जाएंगे। यह जो कंफ्यूजन लोगों के अंदर है, वह नहीं जा सकता। क्योंकि लोग कंफ्यूज रहना पसंद करते हैं। लोगों को कंफ्यूज रहना अच्छा लगता है। मैं तो यह कहता हूं कि उनको इस संबंध से मतलब क्या है? उनको इसलिए मतलब है कि वे कंफ्यूज रहना चाहते है। घर में चार लोग कहते हैं कि सही है तो चार लोग उसे गलत कहते हैं। खैर, लोग कंफ्यूज रहेंगे और हम निकल लेंगे।

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