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ड्रैगन की घुसपैठ:अरुणाचल की सीमा से 4.5 किमी अंदर चीन के गांव बसा लेने की खबरें,

ड्रैगन की घुसपैठ:अरुणाचल की सीमा से 4.5 किमी अंदर चीन के गांव बसा लेने की खबरें, सरकार बोली- हमारी नजर बनी हुई हैअरुणाचल प्रदेश में चीन के कब्जे की खबरें आ रही हैं। एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन ने भारत की सीमा से साढ़े चार किलोमीटर अंदर एक गांव बसा लिया है। इसमें 100 से ज्यादा घर बनाए गए हैं। यह गांव सुबनसिरी जिले में सारी चु नदी के किनारे बसाया गया है। यहां पिछले 15 दिनों से काम चल रहा था। यह लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पास का एरिया है।

US बेस्ड इमेजिंग कंपनी प्लेनेट लैब्स ने इसकी तस्वीरें जारी की हैं। एक फोटो अगस्त 2019 और दूसरी नवंबर 2020 की है। पहली फोटो में कोई कंस्ट्रक्शन नहीं है। दूसरी में कई घर बने दिख रहे हैं। एनडीटीवी ने भी प्लेनेट लैब्स की तस्वीरों के हवाले से अरुणाचल के अंदर चीन के गांव बसा लेने का दावा किया है।

इन रिपोर्ट्स पर विदेश मंत्रालय ने यह तो माना कि चीन ने सीमाई इलाकों में पिछले कुछ वर्षों से इस तरह के ढांचे तैयार किए हैं, लेकिन इस बार अरुणाचल प्रदेश के अंदर इस तरह का कंस्ट्रक्शन होने की पुष्टि नहीं की।

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘हमने चीन की ओर से किए गए कंस्ट्रक्शन को लेकर हालिया रिपोर्ट देखी हैं। सरकार देश की सुरक्षा पर असर डालने वाली हर घटना पर लगातार निगरानी रख रही है। चीन ने पिछले कई साल में इस तरह के ढांचे तैयार किए हैं। इसके जवाब में सरकार ने भी सड़क, पुल और दूसरे निर्माण किए हैं। इनके जरिए लोकल आबादी को जरूरी कनेक्टिविटी मिली है।’AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस मसले पर PM मोदी पर सवाल उठाया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि चीन हमारी जमीन पर गांव बना रहा है। क्या यह शी जिनपिंग के लिए स्पेशल आवास योजना है। उन्होंने लिखा कि मिस्टर मोदी देश के सबसे कमजोर प्रधानमंत्री हैं। चीन के कब्जे पर उन्होंने लगातार चुप्पी साध रखी है।

भाजपा सांसद ने लोकसभा में उठाया था मामला

2019 में अरुणाचल प्रदेश के भाजपा सांसद तापिर गाव ने चीन के कब्जे का मसला लोकसभा में उठाया था। उन्होंने कहा था कि चीन भारत की 50 से 60 किलोमीटर जमीन पर कब्जा करके बैठा है। इस मसले को सरकार गंभीरता से नहीं ले रही है।

उन्होंने कहा था कि देश के पूर्व मंत्री जसवंत सिंह जब सेना में कैप्टन थे, जब उनकी असाफिला में पोस्टिंग हुई थी। यह जगह आज चीन के कब्जे में है। इसके अलावा भी कई इलाके 80 के दशक से चीन के पास हैं।जिस इलाके में चीन के कब्जे की बात सामने आ रही है, इसी से पिछले साल सितंबर में चीनी सैनिकों ने भारत के पांच लोगों को हिरासत में ले लिया था। राज्य के कांग्रेस विधायक निनॉन्ग एरिंग के सोशल मीडिया पर यह मामला उठाने के बाद मामले की जांच शुरू की गई थी। भारत की ओर से मामला उठाए जाने के बाद चीनी सेना ने पांचों को वापस सौंप दिया था।

पिछले साल मई से जारी है तनाव

भारत-चीन के बीच पिछले साल मई से तनाव चल रहा है। ईस्टर्न लद्दाख में दोनों देशों के हजारों सैनिक भारी हथियारों के साथ आमने-सामने तैनात हैं। लद्दाख की गलवान घाटी में पिछले साल 15 जून को भारत-चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। चीन के 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे। इसके बाद दोनों देशों के रिश्ते सबसे बुरे दौर में पहुंच गए। यह गतिरोध सुलझाने के लिए सेना के बीच कोर कमांडर लेवल पर कई दौर की बातचीत हो चुकी है।

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