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ग्रीन कॉरिडोर 152 के निर्माण के लिए जमीन का कब्जा लेने खातीवास पहुंची प्रशासन की टीम

विरोध:ग्रीन कॉरिडोर 152 के निर्माण के लिए जमीन का कब्जा लेने खातीवास पहुंची प्रशासन की टीम काे किसानों ने खदेड़ाट्रैक्टर परेड के कारण कम थी पुलिस, ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने कहा-26 के बाद भारी पुलिस बल के साथ की जाएगी कार्रवाई
ग्रीन कॉरिडोर 152 का निर्माण करने के लिए गांव खातीवास की जमीन को कब्जे में लेने पहुंचे एनएचएआई वर्कराें को प्रशासन व पुलिस के सामने ही ग्रामीणों ने भगा दिया। जमीन पर निर्माण करने पहुंचे एनएचएआई कर्मचारियों को ग्रामीणों ने कहा कि जैसे आए हो वैसे ही लौट जाओ। जो जबरदस्ती हमारी जमीन कब्जाएगा उसे बख्शा नहीं जाएगा।

वहीं कब्जा कार्रवाई के लिए पहुंचा पुलिस बल ग्रामीणों के सामने कम दिखाई दिया। इस कारण कार्रवाई नहीं हो पाई। इसके बाद ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने जमीन पर कब्जा देने का आग्रह किया तो ग्रामीणों ने उपायुक्त के साथ मीटिंग करवाने की बात कहीं। मगर उपायुक्त ने भी ग्रामीणों से कहा कि वह कानूनी प्रक्रिया अपनाए, एनएचएआई अपना काम कर रहा है। उपायुक्त के साथ बेनतीजा बैठक के बाद किसानों ने साफ शब्दों में कहा कि उनके गांव आना है तो एक सप्ताह पहले नोटिस दिया जाए वरना माहौल खराब हो सकता है। गांव खातीवास के ग्रामीण पिछले दो वर्षों से 80 लाख रुपये मार्केट वैल्यू के हिसाब से 2 करोड़ रुपये प्रति एकड़ मुआवजे की मांग पर अड़े हुए हैं।

गांव में कार्रवाई के लिए मात्र 100 पुलिस कर्मियों के साथ पहुंचे थे अधिकारी

सोमवार सुबह ड्यूटी मजिस्ट्रेट तहसीलदार अजय सैनी के नेतृत्व में करीब 100 पुलिस कर्मचारी गांव खातीवास में जमीन का कब्जा लेने एनएच एआई प्रोजेक्ट मैनेजर के साथ पहुंचे। जहां जाते ही तहसीलदार ने ग्रीन कॉरिडोर निर्माण के लिए एनएचएआई कर्मचारियों को काम शुरू करने के लिए लगा दिया। यह देख धरने पर बैठे किसान गुस्से में आग बबुला हो गए और उन्होंने कर्मचारियों को धमका कर भगा दिया।

इस दौरान करीब 150 महिला व पुरूष किसान मौजूद थे। वहीं पुलिस कर्मचारियों की संख्या ग्रामीणों से कम होने के कारण तहसीलदार भी कार्रवाई नहीं करवा पाए। क्योंकि सोमवार को बाढड़ा में ट्रैक्टर परेड होने के कारण काफी ज्यादा पुलिस कर्मचारी व्यवस्था संभालने के लिए बाढड़ा भेजे हुए थे। वहीं कुछ पुलिस कर्मचारी कितलाना टोल प्लाजा धरने पर तैनात किए हुए हैं। तुरंत अतिरिक्त पुलिस फोर्स नहीं मिलने के कारण प्रशासन को किसानों के सामने घुटने टेकने पड़े और बैरंग लौट आए।

17 दिसंबर को भी किसानों ने नहीं होने दी थी कब्जा कार्रवाई

पिछले महीने 17 दिसंबर को भी ड्यूटी मजिस्ट्रेट रोडवेज जीएम व पुलिस बल को नियुक्त कर खातीवास में जमीन का कब्जा छुड़वाने के निर्देश हुए थे। मगर गांव में पहुंचने से पहले ही ग्रामीणों को कार्रवाई का पता चल गया। इसके बाद गांव की सभी महिलाएं व किसान मिलकर खेतों में पहुंच गए। जहां डयूटी मजिस्ट्रेट पहुंचे तो किसानों ने साफ शब्दों में कह दिया था कि किसी भी सूरत में मुआवजा बढ़ौतरी तक कब्जा नहीं देंगे। इसके लिए किसान मर मीटने काे तैयार हैं। ऐसे में डयूटी मजिस्ट्रेट ने उपायुक्त को पूरी रिपोर्ट दी और दंगा होने के आसार बताए। ऐसे में उस दिन भी प्रशासन को कब्जा कार्रवाई स्थगित करनी पड़ी थी।

18 लाख मार्केट वेल्यू लगाई, मांग 80 लाख की

एनएचएआई ने ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण करने के लिए जिले के 22 गांव की जमीन एक्वायर की थी। इसमें गांव खातीवास भी शामिल है। गांव खातीवास की जमीन की मार्केट वैल्यू 18 लाख प्रति एकड़ निर्धारित की गई है। जिसके आधार पर ढाई गुणा मुआवजा राशि 45 लाख रुपये दिए जा रहे हैं। मगर किसानों की मांग है कि उनकी मीठे पानी की जमीन है और पैदावार भी काफी ज्यादा है। ऐसे में उनकी मार्केट वैल्यू प्रति एकड़ 80 लाख रुपये है। जिसका मुआवजा ढाई गुणा 2 करोड़ रुपये मिलना चाहिए।

प्रशासन कर रहा अपना काम : डीसी

उपायुक्त के साथ किसानों की 2 बजे मीटिंग शुरू हुई थी। जो करीब आधे घंटे तक चली। जहां उपायुक्त राजेश जोगपाल ने कहा कि प्रशासन अपना काम कर रहा है। इस कार्य में किसानों को भी सहयोग करना चाहिए। उपायुक्त ने किसानों से कहा कि अगर वह मुआवजा राशि से खुश नहीं है तो कानूनी कार्रवाई करे। इसके बाद गुस्साए ग्रामीण बैठक छोड़कर वापस चले गए।

कार्रवाई से पहले एक सप्ताह का दें नोटिस, नहीं तो हो सकती है हिंसा: फौगाट

किसान धरने का नेतृत्व कर रहे प्रधान अनूप फौगाट ने कहा कि वह मुआवजा राशि बढ़ाने तक जमीन का कब्जा नहीं देंगे। हमने उपायुक्त को बोल दिया है जब भी गांव में कब्जा कार्रवाई करे इससे करीब एक सप्ताह पहले हमें नोटिस दिया जाए। अचानक कार्रवाई करने से हिंसा होने की संभावना रहती है। किसानों की जमीन की मार्केट वैल्यू 80 लाख रुपये है जबकि प्रशासन ने 18 लाख रुपये लगाई है जो काफी ज्यादा कम है। हमें पूरी मुआवजा राशि मिलेगी तो ही कब्जा छोड़ेंगे।

26 के बाद तय करेंगे दूसरी तिथि : तहसीलदार

ड्यूटी मजिस्ट्रेट तहसीलदार अजय सैनी ने कहा कि हमारे पास पुलिस फोर्स कम थी इसलिए कब्जा कार्रवाई नहीं कर सके। अब 26 के बाद दूसरी तिथि निर्धारित कर जमीन का कब्जा लिया जाएगा। इस बार भारी पुलिस बल के साथ ही यह कार्रवाई पूरी की जाएगी।

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