कैपिटल हिल हिंसा पर राजनीति:अमेरिकी सांसद कोरोना और मौतों को भूल दंगे और ट्रम्प की चर्चा में जुटेअमेरिकी कांग्रेस के सांसदों ने 6 जनवरी को कैपिटल हिल पर हुई हिंसा के बाद सोशल मीडिया पर अपनी एक्टिविटी बढ़ा दी है और पोस्ट के विषयों में चुनिंदा शब्दों का ज्यादा इस्तेमाल शुरू कर दिया है। लेकिन चिंता की बात यह है कि 15 दिन से रोज 2 लाख नए मरीज और रोज औसतन 1,500 से ज्यादा मौतों के बावजूद सांसद इससे बेफिक्र हैं।
वे इस पर ज्यादा बात ही नहीं कर रहे हैं। यहां तक कि उनकी चर्चा में कोविड या कोरोनावायरस का जिक्र मार्च 2020 के बाद दूसरे सबसे निचले स्तर पर आ गया है, जबकि चुनाव के वक्त उन्होंने सबसे ज्यादा चर्चा इसी को लेकर की थी। इसके बजाय वे ट्रम्प, आतंकी, दंगे, लोकतंत्र, विद्रोह, विरोध प्रदर्शन, पुलिस की नाकामी और कानून और व्यवस्था का जिक्र ज्यादा कर रहे हैं।
हिंसा से पहले कोरोना बड़ा मुद्दा, अब राजनीति बड़ी
6 जनवरी से पहले अमेरिकी सांसद सबसे ज्यादा चर्चा कोरोना और उससे हो रही मौतों को लेकर कर रहे थे, लेकिन 6 जनवरी के बाद से उनका पूरा ध्यान राजनीति पर है। जबकि कोरोना के मरीज और मौतें बढ़ रही हैं। दोनों ही पार्टियों के सांसद अब कोरोना की न तो फिक्र कर रहे हैं और न ही ज्यादा जिक्र। अब सोशल मीडिया पर उनकी चर्चा में से कोरोना धीरे-धीरे कम या गायब हो रहा।
रिपब्लिकन पर गुस्से के इमोजी 5 दिन में 17% बढ़े
सांसदों की पोस्ट और उन पर यूजर्स की प्रतिक्रिया के विश्लेषण से पता चला है कि रिपब्लिकन सांसदों की पोस्ट पर लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है। 6 जनवरी के बाद 5 दिन में उनकी पोस्ट पर गुस्से के इमोजी 17% बढ़ गए। रिपब्लिकन की पोस्ट के रीट्वीट 56% तक घट गए हैं, जबकि फेवरिट बताने वाले 60% तक घटे हैं। वहीं दूसरी तरफ डेमोक्रेटिक सांसदों के रीट्वीट दोगुना से ज्यादा बढ़ गए हैं। उनका यूजर एंगेजमेंट तेजी से बढ़ रहा है।
कैपिटल हिल्स पर हिंसा के बाद से 93% रिपब्लिकन सांसदों के फॉलोअर्स औसतन 4-5% तक घट गए हैं।
98% डेमोक्रेटिक सांसदों के फॉलोअर्स औसतन 5% तक बढ़ गए हैं।
ट्रम्प समर्थक कानून और व्यवस्था की बातें कर रहे
प्यू रिसर्च के मुताबिक सांसद अपनी पोस्ट में लोकतंत्र, दंगे, हिंसा, टेररिज्म, अटैक शब्दों का इस्तेमाल ज्यादा कर रहे हैं।कैपिटल हिल में 7 जनवरी को हिंसा हुई थी
अमेरिका में 7 जनवरी को हथियारबंद ट्रम्प समर्थक संसद में घुस गए थे और जमकर हंगामा और तोड़फोड़ की गई थी। वे चाहते थे कि राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों को रद्द किया जाए। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में पांच लोगों की मौत हो गई थी।