खेल विभाग की तैयारी:अब शिवालिक की पहाड़ियों में साइकिलिंग का रोमांच, 70 किमी के ट्रैक की मैपिंग पूरी, पैराग्लाइडिंग भी कर सकेंगेखेलो इंडिया में आने वाले बाहरी खिलाड़ी भी ले सकेंगे रोमांच का आनंद
हरियाणा के सबसे ऊंचे पहाड़ी क्षेत्र मोरनी में खिलाड़ी से लेकर आम नागरिक तक साइकल से लेकर पैराग्लाइडिंग तक का आनंद ले सकेंगे। ट्रैकिंग के लिए रास्ते की मैपिंग का काम पूरा हो चुका है। पैराग्लाइडिंग प्रोजेक्ट को अंतिम रूप देने पर काम चल रहा है। खेल विभाग की ओर से बनाए जाने रहे साइकल ट्रैक की लंबाई 70 किमी मापी जा चुकी है।
यह पिंजौर से शुरू होकर मोरनी, शिवालिक की पहाड़ियों से गुजरते हुए कलेशर पहाड़ी क्षेत्र तक बनाया जाएगा। हरियाणा का यह पहला पहाड़ी साइकल ट्रैक होगा। जल्द ही इसे पूरी तरह तैयार कर लिया जाएगा। इससे पंचकूला में जहां पर्यटक आकर्षित होंगे, वहीं नवंबर में प्रस्तावित खेलो इंडिया के तहत पूरे देशभर से आने वाले खिलाड़ियों के लिए भी यह प्रोजेक्ट रोमांच पैदा करेगा। पैराग्लाइडिंग के लिए भी हिमाचल प्रदेश के एक इंस्टीट्यूट के साथ केंद्र सरकार के जरिए हरियाणा सरकार बातचीत कर रही है।
जंगली जानवरों वाले क्षेत्र में नहीं ठहरने दिया जाएगा, होम स्टे की सुविधा
साइकिल ट्रैक पर जगह-जगह यह हिदायत भी होगी कि ट्रैकर कहां ठहर सकते हैं और कहां नहीं, क्योंकि, पहाड़ी इलाकों में जंगली जानवर भी हैं। इसलिए पूरी सावधानी भी रखी जाएगी। ट्रैक पर इसकी सूचनाएं मिलेंगी। खेलो इंडिया कार्यक्रम से पहले पंचकूला में कई विकास कार्य कराए जाएंगे। खिलाड़ियों के यहां आने पर ठहरने के लिए होम स्टे फैसिलिटी भी देने की कोशिश होगी। ताकि खिलाड़ी यहां की संस्कृति, खानपान आदि को जान सकें। प्रदेश में खेलो इंडिया के तहत पंचकूला के अलावा अंबाला, कुरुक्षेत्र, जगाधरी आदि जगह खेलों का आयोजन किया जाएगा। यदि जरूरत पड़ी तो चंडीगढ़ के इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग भी किया जा सकेगा।
माेरनी में पर्यटकों को मिलेगा बढ़ावा : योगेंद्र
हमने साइकिल ट्रैकिंग के लिए का रूट तैयार कर मैपिंग कर ली है। यह हरियाणा के लिए बिल्कुल नया प्रोजेक्ट है। इससे पर्यटक बढ़ने के साथ बाहर से आने वाले खिलाड़ी भी रोमांच का आनंद ले सकेंगे। पैराग्लाइडिंग को लेकर भी जल्द बात तय हो जाएगी।