लेह में पहली बार विंटर एडवेंचर स्पोर्ट्स:नुब्रा में -20 डिग्री पर झरने जम गए तो आइस क्लाइम्बिंग फेस्टिवल करवाया गया, इससे सर्दियों में टूरिज्म बढ़ने की उम्मीदभी सर्दियों में नुब्रा वैली जाना आसान नहीं हैं, लेकिन जल्द ही ये UDAN योजना के तहत एयर रूट से जुड़ जाएगा, यहां थोइस एयरफील्ड पर काम चल रहा है
लेह-लद्दाख, नाम सुनते ही एक अनछुई खूबसूरती की तस्वीर दिमाग में उतर आती है। गर्मियों में पयर्टकों के बीच यह जगह बहुत पसंदीदा है। यहां बाइक से सफर, हाइकिंग करना, पैंगॉन्ग लेक, नुब्रा वैली जाना कभी न भुला पाने वाला अनुभव है। सर्दियों में यहां तापमान जीरो से कई डिग्री नीचे होता है और यहां पहुंचना बहुत मुश्किल। अब यह जगह दिसबंर-जनवरी की सर्दी में भी एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिहाज से माकूल बन रही है। हाल में नुब्रा वैली में -20 डिग्री तापमान के कारण जम गए झरनों के बीच आइस क्लाइम्बिंग फेस्टिवल हुआ।
लोकल एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि इस तरह की कोशिशों से इलाके में गर्मियों के अलावा सर्दियों में भी टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। अभी आइस क्लाइम्बिंग जैसी एक्टिविटी के लिए टूरिस्टों को यूरोप, कनाडा या दूसरे ठंडे देशों में जाना पड़ता है। अब लद्दाख में भी ऐसे एडवेंचर स्पाेर्ट्स को प्रमोट किया जा रहा है। इसके पीछे की वजह लद्दाख को पूरे साल पर्यटकों के लिए खास बनाना है।
नुब्रा घाटी में पहली बार हुआ यह फेस्टिवल
लेह की नुब्रा वैली में इस समय -20 डिग्री तापमान में झरने तक जम गए हैं। नुब्रा घाटी में पहली बार आइस क्लाइम्बिंग फेस्टिवल मनाया गया। सात दिन तक चलने वाला यह फेस्टिवल नुब्रा एडवेंचर क्लब ने कराया। आइस क्लाइम्बिंग में लोग जमे हुए झरनों और ठोस बर्फीले पहाड़ों पर चढ़ते हैं।
18 लोग शामिल हुए, इनमें 4 महिलाएं भी
यह फेस्टिवल 5 से 11 जनवरी तक हुआ। इसमें 18 लोगों ने हिस्सा लिया। इनमें 4 महिलाएं भी शामिल थीं। फेस्टिवल की शुरुआत से पहले सभी लोगों का कोविड टेस्ट किया गया। सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए किसी दर्शक को शामिल होने की इजाजत नहीं थी। फेस्टिवल का उद्घाटन डिप्टी सीईसी और इलाके के खेल प्रभारी टर्सिंग अंगचुक ने किया।
जल्द ही नुब्रा विंटर स्पोर्ट्स फेस्टिवल का भी आयोजन किया जाएगा। इसमें कुछ और चीजें जोड़ी जाएंगी। इस प्रोग्राम के ट्रेनर रिग्जिन त्सावांग कहते हैं कि नुब्रा वैली में हिमालय की आइस क्लाइम्बिंग की राजधानी बनाने की क्षमता है।
फेस्टिवल के दौरान पनामिक की पुडोंग केक, ऐई गांव के कृत्रिम ग्लेशियर और वारसी गांव के पास स्थित नुब्रा एडवेंचर क्लब क्रैग में बर्फ पर चढ़ने की बेसिक ट्रेनिंग दी गई। इस फेस्टिवल में तीन राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के ट्रेनर, लकजुंग से रिग्जिन त्सावांग, लेह से त्सेवांग नामग्याल और क्रान कौशिक शामिल थे।
लद्दाख लोकसभा सीट से सांसद जमयांग सेरिंग नामग्याल ने भी इस फेस्टिवल के बारे में ट्वीट करते हुए लिखा है कि नुब्रा वैली की लड़कियों ने स्टीरियोटाइप्स तोड़कर उन लोगों को एक सबक सिखाया है जिनका मानना है कि साहसिक खेल महिलाओं के लिए नहीं हैं। ये लड़कियां अपने जीवन में पहली बार वाटरफॉल पर आइस क्लाइम्बिंग कर रही हैं।