बीजिंग पर सख्ती:ट्रम्प ने चीन की 9 कंपनियों पर बैन लगाया, अमेरिकी कंपनियां और लोग इनमें इन्वेस्टमेंट नहीं कर सकेंगेडोनाल्ड ट्रम्प का कार्यकाल सिर्फ पांच दिन बचा है लेकिन, चीन पर उनकी सख्ती जारी है। गुरुवार देर रात ट्रम्प ने एक ऑर्डर के जरिए चीन की 9 कंपनियों पर बैन लगा दिया। इस बैन के मायने ये हैं कि इन 9 चीनी कंपनियों में अब अमेरिकी नागरिक या अमेरिकी कंपनियां किसी तरह का इन्वेस्टमेंट नहीं कर पाएंगी। इसके पहले ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन ने 39 चीनी कंपनियों पर शिकंजा कसा था।
अमेरिकी अफसरों का आरोप है कि चीनी कंपनियां सीधे तौर पर वहां की सेना से जुड़ी हुई हैं। ये चीनी कंपनियां अपने देश की सेना को आर्थिक और तकनीकि मदद देती हैं।
ट्रम्प के कदम पर बाइडेन चुप
पांच दिन बाद राष्ट्रपति बनने जा रहे जो बाइडेन या उनकी ट्रांजिशन टीम ट्रम्प के इस कदम पर कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। हालांकि, यह बहुत मुश्किल है कि बाइडेन इस बैन का विरोध करें क्योंकि, वे चुनाव प्रचार के दौरान ही साफ कर चुके हैं कि चीन पर नकेल करना बेहद जरूरी है।
चीन बड़ी मुश्किल में
ट्रम्प ने चीन की 9 कंपनियों पर बैन लगाया है। इसके मायने ये हुए कि अमेरिका में अब इन कंपनियों को अपने दम पर बिजनेस करना होगा। कोई अमेरिकी नागरिक या कंपनी चीन की इन कंपनियों में किसी तरह का निवेश नहीं कर पाएगा। इससे इन कंपनियों की मुश्किल बेहद बढ़ जाएगी क्योंकि, अमेरिका से यह कंपनियां यूरोप को भी कवर करती रही हैं। यूरोपीय देशों पर पहले ही अमेरिका दबाव डाल रहा है कि वे चीनी कंपनियों को किसी तरह की रियायत न दें।
दो कंपनियां सबसे ज्याद परेशान होंगी
मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स बनाने वाली श्याओमी और ऑयल कंपनी CNOOC पर बैन का सबसे ज्यादा असर होगा। CNOOC चीन की सबसे बड़ी और सरकारी ऑयल कंपनी है। अमेरिका में इस पर बैन लगने का मतलब है कि दुनिया के कई देशों में उसके लिए रास्ते बंद हो जाएंगे। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने इन 9 कंपनियों पर पहले ही सख्त रुख अपना लिया था।
माना जा रहा है कि ट्रम्प का कदम साऊथ चाइना सी यानी दक्षिण चीन सागर में बीजिंग के बढ़ते दखल को रोकने के लिए उठाया गया है। अमेरिका ने साफ कर दिया है कि साऊथ चाइना सी में चीन का दबदबा खत्म किया जाएगा और इस क्षेत्र के तमाम देशों को अमेरिका हर तरह की मदद देगा।