गन पॉइंट पर अमेरिका:डेमोक्रेट समर्थक का मत, उन्मादियों से खतरा, इसलिए बंदूक जरूरी; ट्रम्प समर्थक बोले, हालात बिगड़ेंंगे, रक्षा के लिए ले रहे हथियारबंदूक खरीदारों के बैकग्राउंड की पुलिस जांच उच्चतम स्तर पर
कैपिटल हिल में 6 जनवरी को हुए दंगे के बाद अमेरिका में भारी तनाव की स्थिति है। डेमोक्रेट और रिपब्लिकन समर्थक एक-दूसरे से सहमे हुए हैं। उन्हें खुद पर हमले की आशंका सता रही है और अपनी रक्षा की उम्मीद में वे बड़े पैमाने पर बंदूक और गोलियां खरीद रहे हैं। इस कारण अमेरिका में हथियारों की बिक्री सामान्य से चार गुना तक बढ़ गई है।
ज्यादातर खरीदार रिपब्लिकन समर्थक हैं। हालांकि, डेमोक्रेट्स भी बड़ी संख्या में बंदूक खरीद रहे हैं। भास्कर ने अमेरिका में की बंदूक दुकानों पर दुकानदारों और ग्राहकों से बातचीत की। जो आंकड़े हासिल उससे यह पता चलता है कि बंदूकों की बिक्री सामान्य से चार गुना ज्यादा हो रही है। गौरतलब है कि अमेरिका उन देशों में शामिल है जहां लोगों की आबादी से ज्यादा बंदूकों की संख्या है। जिन राज्यों में रिपब्लिकन्स का दबदबा है वहां डेमोक्रेट समर्थक अपनी सुरक्षा के लिए बंदूक खरीद रहे हैं।
उनका कहना है कि जब ट्रम्प के उन्मादी समर्थक कैपिटल हिल पर हमला कर सकते हैं तो आम लोगों के घरों पर हमला करने में उन्हें क्या दिक्कत होगी। वहीं, रिपबल्किन समर्थक यह तर्क दे रहे हैं कि सरकार बदलने के बाद उन्हें अपनी और देश की रक्षा के लिए बंदूक की जरूरत पड़ सकती है। उनका मानना है कि बाइडेन के शासन में देश की स्थिति बहुत बिगड़ सकती है।
हर 10 वयस्क अमेरिकियों में से 3 के पास पहले से मौजूद है बंदूक
अमेरिकी संविधान का दूसरा संशोधन लोगों को फायर आर्म्स यानी बंदूक रखने की इजाजत देता है। वहां के हर 10 वयस्क नागरिकों में से तीन के पास बंदूक मौजूद है। ज्यादातर बंदूक मालिक मानते हैं कि इससे उन्हें आजादी का अनुभव होता है।
चार्लोटे और डेट्रॉय की कई बंदूक दुकानों ने आउट ऑफ स्टॉक का बोर्ड लगा दिया है। पिछले की सालों में ऐसे पहली बार हुआ है। डलास में अन्य इलाकों की तुलना में बिक्री में इजाफा उतना नहीं हुआ है। हालांकि, यहां भी सामान्य से दोगुनी बिक्री हो रही है।
2020 में पूरे साल तेज रही बंदूकों की बिक्री, जांच में भी इजाफा
साल 2020 कोरोना महामारी के नाम रहा। इस वजह से दुनियाभर में पैकेज्ड फूड, हैंड सैनिटाइजर, टॉयलेट पेपर की भारी डिमांड रही। अमेरिका में भी यह ट्रेंड रहा लेकिन साथ-साथ बंदूकों की बिक्री भी साल भर तेज रही।
एफबीआई के आंकड़ों के मुताबिक नेशनल पुलिस फोर्स ने बंदूकों की बिक्री के जरूरी बैकग्रांड चेक 39 लाख बार किए। यह अब तक का रिकॉर्ड आंकड़ा है। आम तौर पर मास शूटिंग के बाद बंदूकों की बिक्री बढ़ती है। लेकिन, इस बार राजनीतिक विभाजन बिक्री बढ़ाने के पीछे मुख्य तौर पर जिम्मेदार है।