कोरोना की मिली, भ्रम की डोज का इंतजार:वैक्सीनेशन को लेकर पानीपत के हेल्थ वर्करों में भ्रम, सेंटरों की संख्या 5 से घटाकर 2 कीपहले फोर्थ क्लास को लगना है टीका, वह बोले- जानबूझकर किया जा रहा आगे
अब शनिवार से दो केंद्रों पर फोर्थ क्लास के साथ डॉक्टरों को लगाया जाएगा टीका
पानीपत में वैक्सीनेशन सेंटरों की संख्या कम कर दी गई है। दरअसल गाइड लाइन के अनुसार सबसे पहले मेडिकल विभाग के फोर्थ क्लास कर्मचारियों का टीकाकरण होना है। अब फोर्थ क्लास कर्मचारी कह रहे हैं कि उन्हें जानबूझकर आगे किया जा रहा है। जिससे उनमें भ्रम की स्थिति है। अब स्वास्थ्य विभाग ने वैक्सीनेशन सेंटरों की संख्या 5 से घटाकर दो कर दी है। इसके अलावा पहले दिन फोर्थ क्लास डॉक्टर्स का भी वैक्सीनेशन होगा। हालांकि इसी भ्रम को दूर करने के लिए सबसे पहले CMO डॉ. संतलाल वर्मा वैक्सीन लगवाने के लिए आगे आ चुके हैं।
राज्य के अधिकतर जिलों को कोरोना वैक्सीन तो मिल गई, लेकिन वैक्सीन को लेकर भ्रम दूर करने की दवा की कमी दिख रही है। पानीपत को कोवीशील्ड की 6660 डोज मिली हैं और पहले चरण में 6660 हेल्थ वर्करों को ही टीका लगना है। वैक्सीनेशन से पहले ही कुछ राजनेता और अन्य लोग इसकी सुरक्षा को लेकर सवाल उठा चुके हैं। विशेष समुदाय के लोग भी पोलियो की तरह कोरोना वैक्सीन का विरोध करते दिखे। सरकार की गाइड लाइन के अनुसार प्रथम चरण में हेल्थ वर्करों का टीकाकरण होना है। इसमें भी सबसे पहले फोर्थ क्लास कर्मचारियों को वैक्सीन लगाने के निर्देश हैं।
अब कुछ फोर्थ क्लास कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें जानबूझकर आगे किया जा रहा है। अगर वैक्सीन का कुछ साइड इफेक्ट हुआ तो उन्हें ही झेलना पड़ेगा। इस भ्रम के कारण अब अधिकतर जिलों में वैक्सीनेशन सेंटर की संख्या कम कर दी गई है। पानीपत में पहले 5 वैक्सीनेशन सेंटर बनाए गए थे। पांचों पर ही ड्राई रन हुआ था। अब भ्रम के कारण पानीपत में केवल सिविल अस्पताल और इसराना स्थित MC कॉलेज को ही वैक्सीनेशन सेंटर बनाया गया है। यहां सुबह 9 से शाम 5 बजे तक टीकाकरण होगा।
पहले 500 अब 200 का होगा वैक्सीनेशन
पहले प्रत्येक सेंटर पर 100-100 हेल्थ वर्करों का टीकाकरण होना था, लेकिन अब सेंटरों की संख्या 2 रह गई है। इसलिए अब पहले दिन केवल 200 हेल्थ वर्करों का ही वैक्सीनेशन होगा। इन 200 में फोर्थ क्लास के साथ डॉक्टरों को भी शामिल किया गया है।
गर्भवती को नहीं लगेगा टीका
वैक्सीनेशन के शुरूआत में गर्भवती महिलाओं को शामिल नहीं किया जा रहा है। वैक्सीनेशन के लिए 20 से 49 साल के स्वस्थ हेल्थ वर्करों चुना गया है। वैक्सीनेशन के बाद उनकी निगरानी भी की जाएगी।