तेजस पर वायुसेना का दावा:एयरफोर्स चीफ बोले- तेजस में बालाकोट से ज्यादा बड़ी स्ट्राइक करने की ताकत; यह चीनी JF-17 से बेहतरइंडियन एयरफोर्स चीफ एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने कहा है कि तेजस फाइटर जेट चीन और पाकिस्तान के ज्वाइंटर वेंचर में बने JF-17 से हाईटेक और बेहतर है। भदौरिया ने आगे कहा, ‘तेजस बालाकोट स्ट्राइक से भी ज्यादा ताकत से हमला कर सकता है। यह किसी भी हथियार की बराबरी करने में सक्षम है।’
अब दो की बजाय 6 स्क्वॉड्रन होंगे
न्यूज एजेंसी से बातचीत करते हुए एयरफोर्स चीफ ने कहा कि लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस के आने से 4 स्क्वॉड्रन में इजाफा भी होगा। अभी 2 स्क्वॉड्रन हैं और 83 नए तेजस के शामिल होने के बाद ये बढ़कर 6 हो जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अनिवार्य रूप से इन विमानों की तैनाती फ्रंटलाइन पर होगी।
अगले 8-9 साल में पूरा सिस्टम बदल जाएगा
भदौरिया ने कहा कि 83 एयरक्राफ्ट काफी ज्यादा हैं। जब इस तरह के ऑर्डर दिए जाते हैं तो अगले 8-9 साल में पूरा सिस्टम बदल जाएगा। मिलिट्री एविएशन के लिए ये बड़ा कदम है। फाइटर एयरक्राफ्ट प्रोडक्शन में भी ये बड़ा मूव है। स्वदेशी डिफेंस प्रोडक्शन इंडस्ट्री को भी इससे मजबूती मिलेगी।एक दिन पहले ही केंद्र सरकार ने मंजूरी दी थी
केंद्र सरकार ने बुधवार को ही इंडियन एयरफोर्स के लिए 83 तेजस फाइटर जेट खरीदने की मंजूरी दी है। ये सभी फाइटर जेट हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) तैयार करेगी। लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) 1A तेजस फाइटर तैयार करने के लिए HAL ने नासिक और बेंगलुरु में सेटअप तैयार कर लिया है।
तेजस में 60% स्वदेशी पार्ट्स होंगे
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा था कि LCA तेजस के MK1A वैरिएंट में 50% की बजाय 60% स्वदेशी उपकरण और तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। LCA तेजस इंडियन एयरफोर्स फ्लीट की रीढ़ की हड्डी बनने जा रहा है। इससे एयरफोर्स की मौजूदा ताकत में जबरदस्त इजाफा होगा।
क्या है तेजस की खासियत ?
तेजस हवा से हवा में और हवा से जमीन पर मिसाइल छोड़ सकता है।
इसमें एंटीशिप मिसाइल, बम और रॉकेट भी लगाए जा सकते हैं।
तेजस 42% कार्बन फाइबर, 43% एल्यूमीनियम एलॉय और टाइटेनियम से बनाया गया है।
तेजस भारत में विकसित किया गया हल्का और मल्टीरोल फाइटर जेट है।
इसे हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने विकसित किया है।
तेजस को एयरफोर्स के साथ नेवी की जरूरतें पूरी करने के हिसाब से भी तैयार किया जा रहा है।
तेजस से हवा से हवा में मार करने वाली BVR मिसाइल का सफल परीक्षण किया जा चुका है।
तेजस विमानवाहक पोत से टेकऑफ और लैंडिंग का परीक्षण एक ही उड़ान में पास कर चुका है।
तेजस से रात में अरेस्टेड लैंडिंग का ट्रायल भी कामयाब रहा था। DRDO ने यह परीक्षण किया था।
पाकिस्तान से सटे गुजरात के नलिया और राजस्थान के फलौदी एयरबेस पर इसकी स्क्वॉड्रन तैनात की जा रही है।