एक्टर विनीत सिंह की कहानी:कभी मुंबई में स्ट्रगल के दौरान खाना खाने तक के नहीं बचे थे पैसे, फिर इनकी लिखी स्क्रिप्ट पर अनुराग कश्यप ने बनाई फिल्म और बन गए हीरोफिल्म ‘आधार: सबका नंबर आएगा’ का ट्रेलर रिलीज हो गया है। इस फिल्म में विनीत सिंह मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। फिल्म 5 फरवरी, 2021 को रिलीज होगी। विनीत इससे पहले ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’, ‘बॉम्बे टॉकीज’, ‘मुक्काबाज’ सहित फिल्मों में दमदार रोल प्ले कर चुके हैं। वह उन एक्टर्स में से हैं जिन्होंने अपने दम पर पहचान बनाई है।
विनीत बनारस के रहने वाले हैं। बनारस से मुंबई तक का सफर तय करने में उन्हें लंबा संघर्ष करना पड़ा था। 2006 में एक ऐसा भी दौर था जब मुंबई में स्ट्रगल करते हुए उनके पास पैसे खत्म हो गए थे और उनके पास खाना खाने तक के पैसे नहीं बचे थे।कभी रोटी भी सोचकर खाते थे
अपने स्ट्रगल पर बात करते हुए विनीत ने बताया था, ”छोटी बहन मुक्ति से प्रॉब्लम शेयर करता था। हम दोनों ने मम्मी-पापा को कुछ भी नहीं बताया। कई फिल्मों में काम करने के बाद 2006 में मुंबई में पैसे खत्म हो गए, ऐसे दिन आ गए थे कि रोटी भी सोचकर खाना पड़ता था, ये सोचकर छोड़ देता था कि बचा हुआ सुबह काम आ जाएगा।’
इसी साल (2006) में वापस घर बनारस चला आया। लेकिन दिल नहीं मान रहा था कि हार मानकर घर बैठ जाऊं। वापस मुंबई गया और कुछ करने की ठानकर इंडस्ट्री के चक्कर लगाए।”
इसी बीच मराठी, बंगाली और तमिल फिल्मों में काम मिला। इसके बाद हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में विरुद्ध, पद्म श्री लालू प्रसाद यादव, देह जैसी फिल्में बड़े स्टारकास्ट के साथ करने का मौका मिला। फिर ‘जन्नत’, ‘क्रुक’, ‘जश्न’ जैसी फिल्मों में काम मिला।
महेश भट्ट की फिल्म ‘भूखा’ में पुलिस इंस्पेक्टर का लीड रोल मिला। किस्मत का सितारा तब और बुलंद हुआ जब अनुराग कश्यप कि फिल्म ‘गैंग्स आफ वासेपुर’ में काम करने का मौका मिला। इस फिल्म में मनोज बाजपेयी के बड़े बेटे की भूमिका दानिश खान के रूप में मिली, जो काफी चर्चित था।”
खुद ‘मुक्काबाज’ की स्क्रिप्ट लिखी
विनीत ने आगे बताया, ”2013 के बाद छोटे काम मिलते रहे, लेकिन अपने लिए कुछ करने के मकसद से ‘मुक्केबाज’ की स्क्रिप्ट लिखी गई। 2016 में हिम्मत जुटा कर स्क्रिप्ट अनुराग सर को दिखाई, क्योंकि उनके साथ तीन फिल्में कर चुका था। 14 दिन बाद उनका कॉल आया। उन्होंने कहा कि फिल्म करूंगा, लेकिन दो कंडीशन है। पहले तुमको रियल मुक्केबाज बनना होगा और कुछ स्क्रिप्ट बदलनी होगी।
उसी दिन बॉक्सिंग हब पटियाला जाने की ठान ली, लेकिन जाने के लिए इतने पैसे नहीं थे। दोस्तों को कॉल किया और सामान बेचने की बात कही। फिर फर्नीचर से लेकर टीवी तक सारा सामान बेचकर पटियाला पहुंच गया। वहा इंटरनेशनल खिलाड़ियों के बीच ट्रेनिंग लेनी शुरू की।”
”इस दौरान 25 बार से ज्यादा मुंह फूटा, आंखों के ऊपर चोट आईं। एक बार तो फाइटिंग के दौरान पसलियां भी टूटीं।” एक साल तक बहुत ही साधारण डाइट पर रहकर बॉक्सर की ट्रेनिंग ली। वापस आकर अनुराग जी से 2017 में मिला। इतनी मशक्कत के बाद ये फिल्म बन पाई।”’बॉम्बे टॉकीज’ है दिल के करीब
विनीत ने ‘बॉम्बे टॉकीज’ को लाइफ की सबसे यादगार फिल्म करार दिया था और कहा था, ”लाइफ की सबसे यादगार फिल्म करण जौहर, जोया अख्तर, दिबाकर बनर्जी और अनुराग कश्यप की फिल्म ‘बॉम्बे टॉकीज’ थी, जिसमें मेरा कैरेक्टर एक इलाहाबादी लड़के का था, जो घर से अमिताभ बच्चन को मुरब्बा खिलाने निकलता है और अंत में पहुंच जाता है। इस फिल्म को इंडियन फिल्म इंडस्ट्री के साथ विदेशों में भी खूब देखा गया।”