गुरु के 14 साल:सेट पर परवान चढ़ी थी अभिषेक-ऐश्वर्या की प्रेम कहानी, फिल्म रिलीज के दो दिन बाद कर ली थी सगाईअभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय स्टारर ‘गुरु’ की रिलीज को 14 साल पूरे हो गए हैं। यह फिल्म 2007 में रिलीज हुई थी। फिल्म के डायरेक्टर मणिरत्नम थे और ये फिल्म बिजनेस टायकून धीरूभाई अंबानी की जिंदगी पर आधारित थी। फिल्म कई मायनों में अभिषेक और ऐश्वर्या के लिए खास है क्योंकि इसी फिल्म के सेट पर दोनों की करीबियां बढ़ी थीं।
दरअसल, अभिषेक ने ऐश को ‘गुरु’ के सेट पर नकली रिंग देकर प्रपोज किया था। ये रिंग शूटिंग में यूज होने वाले प्रॉप्स में से एक थी। मजेदार बात ये थी कि ऐश को अभिषेक का प्रपोजल काफी पसंद आया था।
प्रीमियर के दौरान किया था प्रपोज
फेमस अमेरिकी टीवी एंकर ओपरा विनफ्रे के शो में कुछ साल पहले अभिषेक ने बताया था कि वो एक बार फिल्म की शूटिंग के लिए न्यूयार्क में थे। तब होटल के रूम की बालकनी में खड़े होकर ऐश के साथ शादी की दुआ मांगी थी। करीब एक साल बाद टोरंटो में ‘गुरु’ के प्रीमियर से लौटने के बाद न्यूयॉर्क के ही सेम होटल की उसी बालकनी में उन्होंने ऐश को प्रपोज किया था। इस फिल्म के रिलीज होने के दो दिन बाद भी अभिषेक-ऐश्वर्या ने सगाई कर ली थी।
अभिषेक को अवॉर्ड ना मिलने से निराश हो गए थे बिग बी
‘गुरु’ में अभिषेक बच्चन के काम को काफी सराहा गया था और इसे उनके करियर की बेस्ट फिल्म करार दिया गया था और उम्मीद की जा रही थी कि उस साल उन्हें कई अवॉर्ड मिलेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ, बेटे को फिल्म ‘गुरु’ के लिए अवॉर्ड न मिलना अमिताभ बच्चन के दिल में भी चुभ गया था। अमिताभ ने ट्विटर के जरिए अपनी भड़ास निकाली थी। बिग बी ने कहा था कि फिल्मों के लिए अवॉर्ड परफॉरमेंस के बजाए रिश्तों से मिलते हैं। अवॉर्ड मिलना इस बात पर ज्यादा निर्भर करता है कि लोगों से आपके रिश्ते कैसे हैं।बिग बी ने ट्वीट किया, ‘अभिषेक के साथ बैठकर दूरदर्शन पर ‘गुरु’ देखी। फिल्म, अभिषेक की एक्टिंग और फिल्म की मेकिंग पर गर्व हुआ। लेकिन गुरु के लिए अभिषेक को एक भी अवॉर्ड नहीं मिला। मेरे हिसाब से ये उनकी सबसे अच्छी फिल्म है। मैंने उसे यह कहकर समझाया कि दीवार के लिए मुझे भी एक भी अवॉर्ड नहीं मिला था और न ही दिलीप साहब को गंगा जमुना के लिए मिला था। वैसे, इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि लोगों को तुम्हारी क्षमता की पहचान होती है या नहीं। मायने यह रखता है कि तुम अपनी क्षमता को पहचानों। कभी-कभी रिश्ते और परिस्थितियां तय करती हैं कि अवॉर्ड किसे मिलेगा।