UN में भारत की पाकिस्तान को खरी-खरी:विदेश मंत्री जयशंकर बोले- 1993 में मुंबई में धमाका करने वालों को एक देश ने पनाह ही नहीं, 5 स्टार सुविधाएं भी दींभारत ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र के मंच पर पाकिस्तान को खरी-खरी सुनाई है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की वर्चुअल ओपन डिबेट में 1993 के मुंबई धमाकों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि मुंबई में धमाकों के लिए जिम्मेदार क्राइम सिंडिकेट को एक देश ने न केवल पनाह दी, बल्कि वो लोग वहां 5 सितारा सुविधाओं का लुत्फ भी उठा रहे हैं।
खुली बहस में भारत का साफ संदेश, 4 प्वाइंट
- एस जयशंकर ने कहा, “आतंकवाद और इंटरनेशनल ऑर्गनाइज्ड क्राइम को सही ढंग से पहचाने जाने की जरूरत है। इसके साथ ही इस समस्या पर पूरी ताकत से ध्यान दिया जाना चाहिए। आतंकवाद आज भी इंसानियत के लिए सबसे बड़ा खतरा है। संयुक्त राष्ट्र के नियमों के तहत किसी भी व्यक्ति या संस्था पर प्रतिबंध लगाने या हटाने का काम निष्पक्षता के साथ होना चाहिए।’
- भारतीय विदेश मंत्री ने कहा, “आतंकवादी तो आतंकवादी होता है। अच्छा आतंकवादी और बुरा आतंकवादी जैसी चीजें दोहरे मापदंड हैं। जो ऐसा करते हैं, उनके अपने एजेंडा हैं और ऐसे लोगों को बचाने वाले भी उतने ही गुनहगार हैं। विश्वभर में आतंकवाद से लड़ने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है और इस लड़ाई में कोई किंतु-परंतु नहीं होना चाहिए।’
- वे बोले, “कुछ देशों के पास टेररिज्म फाइनेंसिंग के मामलों को हैंडल करने के लिए पर्याप्त लीगल और ऑपरेशनल फ्रेमवर्क नहीं है। कुछ ऐसे भी देश हैं, जो आतंकवाद को पनाह देने, मदद करने और उन्हें फाइनेंस करने के अपराधी हैं। आतंकवाद को जायज और आतंकवादी को महिमामंडित नहीं किए जाने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।’
- भारतीय विदेश मंत्री ने बताया कि पिछले कुछ सालों में आतंकवादी संगठनों और लोन-वुल्फ हमालवरों ने नई तकनीक, ड्रोन, वर्चुअल करंसी और इन्क्रिप्टेड कम्युनिकेशन के जरिए अपनी ताकत में इजाफा किया है। सोशल मीडिया नेटवर्क भी युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और उनके आतंकवाद में शामिल होने का जरिया बना है।