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जानलेवा नशा:मध्य प्रदेश के जिस गांव में 5 साल पहले शराबबंदी हुई, वहीं जहरीली शराब से 16 मौत

जानलेवा नशा:मध्य प्रदेश के जिस गांव में 5 साल पहले शराबबंदी हुई, वहीं जहरीली शराब से 16 मौतपांच साल पहले मुरैना जिले में बागचीनी थाना क्षेत्र के जिस विसंगपुरा-मानपुर में महापंचायत करके शराबबंदी का निर्णय लिया गया था, उसी गांव में जहरीली शराब पीने से दो दिन में 16 लोगों की मौत हो गई। 20 की हालत गंभीर है। मरने वालों में आठ लोग मानपुरा गांव के हैं, जिनमें शराब तस्कर का भाई भी शामिल है। सुमावली के पहावली गांव के चार लोगों की मौत हुई है। इनमें दो सगे भाई हैं।

इस मामले में प्रभारी आबकारी अधिकारी जावेद खां और बागचीनी थाना प्रभारी अविनाश राठौड़ समेत दो बीट प्रभारियों को संस्पेंड कर दिया गया है। छैरा-मानपुरा में दुकान-गुमटियों से अवैध शराब बेचने वाले सात शराब तस्कर मुकेश किरार, मानपुरा के गिर्राज किरार, उसके बेटे राजू किरार, पप्पू शर्मा और उसके बेटे कल्ला शर्मा, रामवीर राठौर और उसके बेटे प्रदीप राठौर के खिलाफ गैर इरादतन हत्या सहित कई धाराओं में केस किया गया है। पुलिस ने 10 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है।

नई शराब नीति बेअसर
पिछली सरकार ने शराब के अवैध कारोबार को रोकने के लिए नई शराब नीति में नई दुकानें खोलने के बजाय डिमांड वाले इलाकों में उप-दुकान खोलने का फैसला किया था, लेकिन, अवैध शराब बिक्री रोकने में यह नीति बेअसर ही साबित हुई है।

पहले ट्रैक्टर से शव ले जाने पर अड़े फिर हाईवे पर शव रखकर हंगामा
छैरा-मानपुर में जहरीली शराब का खुलासा तब हुआ, जब 52 साल के एक व्यक्ति की रविवार देर रात मौत हो गई। परिजन ने हार्टअटैक समझकर उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया, लेकिन सोमवार की सुबह जब एक-एक कर गांव के 28 से अधिक लोगों को उल्टियां शुरू हुईं तो गांववाले उन्हें जिला अस्पताल ले गए। इनमें दो लोगों की इलाज से पहले, सात की जिला अस्पताल में और तीन की ग्वालियर में मौत हो गई। गांववालों ने पहले ट्रैक्टर से श‌व ले जाने की जिद की। बाद में एंबुलेंस से शव उतारकर मुरैना-जौरा हाईवे पर दो घंटे जाम लगाया।

तीन महीने पहले उज्जैन में 14 लोगों की मौत हुई थी
प्रदेश में पिछले नौ माह में जहरीली शराब से 36 मौत हो चुकी हैं। लगातार हो रही घटनाओं के बावजूद सरकारी तंत्र शराब के अवैध कारोबार को रोकने में नाकाम रहा है। इससे पहले 15 अक्टूबर को उज्जैन में जहरीली शराब से 14 लोगों की जान गई थी, उसके बाद प्रदेशभर में देसी शराब के अवैध कारखानों पर छापे मारे गए, लेकिन पिछले एक हफ्ते में ही प्रदेश में जहरीली शराब से मरने और बीमार पड़ने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
देसी शराब कितनी घातक
गांधी मेडिकल कॉलेज के फॉर्माकोलॉजी डिपार्टमेंट के हेड एंड प्रोफेसर डॉ. एके श्रीवास्तव के मुताबिक देसी शराब में मिथाइल अल्कोहल होता है। यह इंसान की ऑप्टिक नर्व काे डैमेज करता है, जिससे उल्टियां आती है और दिखाई देना बंद हो जाता है। ऐसी स्थिति में हार्ट और लिवर भी डैमेज हो जाते हैं और मौत हो जाती है।

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