सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन:26 जनवरी की परेड को लेकर किसानों ने 600 ट्रैक्टर लेकर किया प्रदर्शन, दो घंटे जाम रहा एनएचक्षेत्र के हजारों किसानों ने 26 जनवरी को होने वाली ट्रैक्टर रैली के लिए कस्बे में रैली निकाल सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया। रैली के लिए किसान अपने ट्रैक्टर लेकर सोमवार सुबह से ही छछरौली अनाज मंडी में जमा होने शुरू हो गए थे। किसानों ने पहले सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उसके बाद सैकड़ों ट्रैक्टरों से छछरौली से दादूपुर, से देवधर व देवधर से खिजराबाद अनाज मंडी पहुंचे। लेदी होते हुए वापस छछरौली में रैली संपन्न हुई।
रैली काे पूर्व सिटी विधायक दिलबाग सिंह ने भी समर्थन दिया। वे ट्रैक्टर चलाकर किसानों के बीच पहुंचे। कृषि कानूनाें के विरोध में छछरौली ब्लॉक में करीब 600 ट्रैक्टर अनाज मंडी में इकट्ठे हुए। यह रैली 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह में ट्रैक्टर मार्च निकालने के लिए तैयारी के रूप में निकाली गई। जब किसान ट्रैक्टर रैली के लिए निकले तो नेशनल हाईवे पर घंटों जाम की स्थिति बनी रही, जिससे राहगीर परेशान रहे। जब तक किसानों के ट्रैक्टर रैली दादूपुर की ओर डायवर्ट नहीं हुई तब तक नेशनल हाईवे पर लगभग 2 घंटे तक जाम लगा रहा।
राजनीति करने नहीं, किसान की हैसियत से आए : दिलबाग
इनेलो के पूर्व विधायक दिलबाग सिंह भी किसानों के बीच पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि वे अपनी खेती खुद करते हैं। इसलिए आज यहां एक किसान की हैसियत से केंद्र द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन को समर्थन में अाए हैं। हम राजनीति से हटकर किसानों के साथ हैं। इनेलो के हजारों कार्यकर्ता पहले दिन से ही इस आंदोलन का हिस्सा बने हैं। अब किसान और ज्यादा मजबूत होकर भारी संख्या में आंदोलन में भाग लेंगे और केंद्र सरकार को लाए गए तीनों कानूनों को वापस लेने पर मजबूर होना पड़ेगा।
ट्रैक्टर पलटा | तीन युवकों को लगी चोट
बता दें कि किसानों की ट्रैक्टर रैली खिजराबाद से जब लेदी की ओर निकली तो तिहमो गांव में मांड खेड़ी निवासी प्रिंस, साहिल और गौरव, जो ट्रैक्टर पर बैठे थे। वह आगे चल रहे ट्रैक्टर से आगे निकलने के चक्कर में सड़क की साइड में पलट गए, तीनाें काे मामूली चोटें आई।
उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई। किसान नेता सुभाष गुर्जर और राजकुमार लोप्यो ने कहा कि नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन को करीब 2 महीने का समय होने वाला है, लेकिन अब तक सरकार और किसानों के बीच हुई वार्ता विफल रही है। अब किसानों ने ब्लॉक स्तर पर ट्रैक्टर यात्रा निकालने का फैसला लिया है।