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बर्ड फ्लू के साए पर नजर रखने के लिए सुरक्षा गार्ड नहीं, झज्जर में उड़ान भर रहे 80 हजार पक्षी

बड़ी कोताही:बर्ड फ्लू के साए पर नजर रखने के लिए सुरक्षा गार्ड नहीं, झज्जर में उड़ान भर रहे 80 हजार पक्षीसभी जिलों के डीएफओ को पक्षियों पर नजर रखने व आपात स्थिति में सैंपल लेकर जांच कराने के दिए आदेश
पिछले 7 से 8 साल में डीघल, मांडाैठी, धौड़ गांव और एनटीपीसी के तालाब को पक्षियों ने बनाया नया बसेरा
विश्व भर में बर्ड फ्लू के फिर से पैर पसारने और देश में भी कई स्थानों पर हजारों पक्षियों के एक साथ मारे जाने की खबर से राज्य सरकार भी अलर्ट हो गई है। प्रदेश के सभी जिलों के डीएफओ को निर्देश हैं कि वे पक्षियों पर नजर रखें। आपात स्थिति में उनके सैंपल लेकर जांच कराएं, ताकि उनकी मौत के कारण का पता चल सके। अब झज्जर में स्थिति यह है कि जहां विदेशों से 80 हजार की संख्या में पक्षी मौजूद हैं, लेकिन इनकी निगरानी व सुरक्षा के लिए एक भी गार्ड की तैनाती नहीं है।

बता दें कि जिले में एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील है, जो प्रदेश ही नहीं देश के प्रमुख वेटलैंड में शुमार है। यहां साल हजारों की संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं, जिनमें यूरोप के देशों व हिमालय की तलहटी में बसने वाले पक्षियों की संख्या ज्यादा रहती है। इसके अलावा, पिछले 7 से 8 साल में डीघल, मांडाैठी, धौड़ गांव और एनटीपीसी के तालाब प्रवासी पक्षियों का नया बसेरा बन चुके हैं।

अब एनटीपीसी को छोड़ दिया जाए तो बाकी स्थानों पर इन पक्षियों की सुरक्षा के लिए जिले के वन्य प्राणी विभाग में एक भी गार्ड तैनात नहीं है। पिछले साल जिन गार्डों की सेवानिवृत्ति हुई या तबादले हुए, उसके बाद कोई नई नियुक्ति नहीं हो सकी। स्थानीय वन्य प्राणी विभाग के स्टाफ की माने तो कम से कम 3 गार्ड जिले को जरूरी है, ताकि बर्ड फ्लू से संबंधित गाइडलाइन का पालन किया जा सके।

सबसे ज्यादा 40 हजार पक्षी भिंडावास झील में: झज्जर जिले के पांच झील युक्त स्थानों पर 80 हजार से ज्यादा पक्षी विचरण व प्रवास कर रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा भिंडावास पक्षी विहार में 40 हजार के करीब पक्षी हैं, जबकि डीघल, मांडाैठी, धोड़ और एनटीपीसी के तालाब क्षेत्र में 40 हजार पक्षी हैं।

अभी तक सुरक्षा गार्ड नहीं आया: बताया गया कि वन्य प्राणी विभाग झज्जर में सुरक्षा गार्ड नहीं होने की सूरत में एक गार्ड का तबादला रोहतक से झज्जर किया गया है। इसके आदेश दिसंबर माह में हुए थे, लेकिन अभी तक सुरक्षा गार्ड ने झज्जर में आकर रिपोर्टिंग नहीं दी है।

इंस्पेक्टर व सब इंस्पेक्टर निभा रहे गार्ड की भूमिका
झज्जर बने प्राणी विभाग में एक भी गार्ड की तैनाती नहीं है, जबकि पक्षियों की निगरानी, उनकी सुरक्षा समेत पक्षियों के मेडिकल ट्रीटमेंट व अन्य विभागीय कार्य का जिम्मा इंस्पेक्टर देवेंद्र हुड्डा और सब इंस्पेक्टर सतवीर के ही भरोसे हैं। लिहाजा यह दोनों ही अफसर किसी एक स्थान पर जाते हैं, तब दूसरी जगह सुरक्षा की दृष्टि से खाली रहती है।

हमारे पास पक्षियों की निगरानी और सुरक्षा के लिए सुरक्षा गार्डों की कमी है। हमने राज्य सरकार को इस बाबत पत्र लिखा है। अब जब भी आदेश आएगा सुरक्षा गार्ड की तैनाती कर दी जाएगी। -शिव सिंह, डीएफओ, वाइल्डलाइफ झज्जर।

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