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आक्रोश:करनाल में किसानों ने CM हेलीपैड-रैलीस्थल पर तोड़फोड़ की, कार्यक्रम रद्द

कृषि कानूनों के खिलाफ आक्रोश:करनाल में किसानों ने CM हेलीपैड-रैलीस्थल पर तोड़फोड़ की, कार्यक्रम रद्द; खट्‌टर बोले- यह कांग्रेस की साजिशआंसू गैस और वाटर कैनन चलाकर भी पुलिस आंदोलनकारियों को नहीं रोक पाई
करनाल में रविवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल का दौरा किसानों के विरोध के चलते रद्द हो गया। हालांकि, प्रशासन ने कार्यक्रम रद्द होने का कारण खराब मौसम बताया है। यहां मुख्यमंत्री मनोहर लाल किसान महापंचायत को संबोधित करने आ रहे थे। कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसान खट्‌टर की रैली का भी विरोध करने कार्यक्रम स्थल की ओर बढ़े तो पुलिस ने उनको रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, वाटर कैनन भी चलाई, लेकिन सभी इंतजामों को धता बताते हुए सैकड़ों किसान खट्‌टर की रैली स्थल तक पहुंच गए। उन्होंने यहां खासी तोड़फोड़ की। कुर्सियां, माइक और मंच सब तहस-नहस कर दिया गया। उधर, शाम को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री इस पर कड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने इस सारे घटनाक्रम को कांग्रेस की साजिश बताया और साथ ही किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी को जिम्मेदार ठहराया।महापंचायत करने जा रहे थे खट्‌टर

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्‌टर को रविवार को करनाल जिले के कैमला गांव में किसान महापंचायत रैली में आना था। इससे पहले किसान संगठनों की तरफ से विरोध की चेतावनी के चलते प्रशासन की तरफ से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। यहां गढ़ी सुल्तान के पास पुलिस ने नाका लगा रखा था। यहां आगे बढ़ रहे किसानों को वाटर कैनन और आंसू गैस के गोले के साथ रोका गया, लेकिन जब ये नहीं माने तो पुलिस ने लाठियां भी चलाईं।नाराज किसानों ने खेतों के रास्ते आगे बढ़ना शुरू कर दिया। रोकने की कोशिश के बीच किसान आगे बढ़ गए। इन्होंने पहले हेलीपैड को कस्सियों से खोद दिया, फिर रैली स्थल पर पहुंचकर वहां मंच पर तोड़फोड़ की। आखिर नतीजा यह हुआ कि मुख्यमंत्री का दौरा रद्द करना पड़ा।

इस बारे में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ रैली स्थल से यह कहते हुए निकल गए कि कार्यक्रम संपन्न हो गया। साथ ही मुख्यमंत्री के नहीं आने का कारण खरब मौसम को बताया जा रहा था, लेकिन सच्चाई बयां करने के लिए तमाम हालात काफी हैं। हालांकि तनाव अभी भी बरकरार है।धरे रह गए प्रशासन के दावे

प्रशासन ने कहा था कि अगर कोई भी मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में बाधा डालेगा, उससे सख्ती से निपटा जाएगा। वहीं किसान नेताओं ने आश्वासन दिया है कि अगर किसी भी तरह का विरोध करना होगा तो शांतिपूर्ण तरीके से निर्धारित स्थान पर अपना विरोध करेंगे।

बता दें कि कृषि कानून के विरोध में जहां दिल्ली सीमा पर हजारों किसान आंदोलन छेड़े हुए हैं। वहीं हरियाणा में भी कई जिलों में किसान पिछले कई दिनों से टोल प्लाजा पर धरना प्रदर्शन करके अपना विरोध जता रहे हैं। शनिवार को किसान नेताओं ने कहा था कि हजारों किसान सुबह 8 बजे बसताड़ा टोल प्लाजा पर पहुंचकर मुख्यमंत्री के कार्यक्रम का विरोध करेंगे। प्रशासन रोकने की तैयारी में था। इसको लेकर शनिवार को भी जिले के किसान नेताओं और जिला प्रशासन की बैठक हुई थी।

घटना से बड़ी बदनामी किसानों की हुई: मुख्यमंत्री

शाम को चंडीगढ़ में मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा- सुबह करनाल में घटे घटनाक्रम पर टिप्पणी की। मनोहर लाल ने कहा कि यह किसानों का काम नहीं था, बल्कि यह तो कांग्रेस की साजिश है। कांग्रेस पहले भी लोकतंत्र को खतरे में डालती रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने युवाओं उकसाकर ठीक नहीं किया है। आज की घटना से बड़ी बदनामी किसानों की हुई है और इसके लिए सीधे तौर पर गुरनाम सिंह चढूनी जिम्मेदार है।

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