आंदोलन का 40वां दिन:आंदोलन पर ठंड-बारिश की मार, एक दिन में 4 किसानों की मौतहरियाणा में अब तक 32 किसानों की जान जा चुकी
किसानों व सरकार में आज की वार्ता निर्णायक हाेगी
आंदोलन के बीच किसानों पर ठंड के साथ बारिश की मार भी पड़ी है। रविवार सुबह 8 बजे से तेज बारिश होने लगी। सड़क पर कीचड़, टपकते टेंट, गीले कंबल व भीग चुकी जलाऊ लकड़ी के बावजूद किसान डटे हैं। पहली बार 9 घंटे खड़े होकर वक्ताओं के भाषण सुने। इस बीच पहली बार एक ही दिन में 4 किसानों की मौत हो गई। हरियाणा में 32 किसानों की मौत हो चुकी है।
हालांकि, किसान नेताओं का दावा है कि आंदोलन के चलते देशभर में 54 किसानों की जान गई है। मौसम विभाग ने अगले 2 दिन भी बारिश का अनुमान जताया है। कहीं-कहीं ओले भी गिर सकते हैं। हवा की गति 25 किमी प्रति घंटा रह सकती है। उधर, सोमवार दोपहर 2:00 बजे से किसान नेताओं व सरकार के बीच विज्ञान भवन में 8वें दौर की वार्ता होनी है।
इससे पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ताेमर ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुद्दे पर हरसंभव विकल्पाें पर चर्चा की। अब हर किसी को यही उम्मीद है कि किसान नेताओं व सरकार में सहमति बनेगी, जल्द आंदोलन खत्म होगा। वहीं, यूपी में किसान आंदोलन के चलते 17 जिलों में सीनियर पुलिस अधिकारियों की तैनाती की गई है। राजस्थान में सीएम अशोक गहलाेत व कांग्रेस नेता सचिन पायलट जयपुर में कांग्रेस के प्रदर्शन में शामिल हुए।
काेई ट्रॉली में तो काेई टेंट में मृत मिला
कुंडली बॉर्डर पर रात में खाना खाकर सोए गोहाना के गंगाना के किसान कुलबीर सिंह (52) सुबह टेंट में मृत मिले।
कुंडली बॉर्डर पर पंजाब के संगरूर के लिदड़ा निवासी शमेशर पुत्र निर्भय सिंह की हालत बिगड़ गई। नागरिक अस्पताल में मौत हो गई।
टिकरी बाॅर्डर पर पंजाब के बठिंडा के जश्नप्रीत (18) की तबीयत बिगड़ने पर शनिवार शाम रोहतक पीजीआई में भर्ती कराया गया। हार्ट अटैक से देर रात मौत हो गई।
टिकरी बॉर्डर पर जींद के ईटल कलां के जगबीर सिंह (60) शाम को भोजन करने के बाद ट्राॅली में सोए थे। सुबह मृत मिले।
रेवाड़ी में बैरिकेड तोड़े तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े
राजस्थान की शाहजहांपुर सीमा से 4 दिन पहले पुलिस के बैरिकेड्स तोड़कर 20 किलोमीटर आगे बढ़े प्रदर्शनकारियों के एक दल ने फिर से सुरक्षा चक्र तोड़ते हुए दिल्ली की ओर कूच कर दिया। सुरक्षाबलों ने धारूहेड़ा से पहले मसानी (साहबी) फ्लाईओवर के नीचे बैरिकेडिंग के साथ वाहनों को आड़ा-तिरछा खड़ा कर उनको रोका। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछारें भी की। हल्का बल भी प्रयोग किया गया। वहीं, टिकरी बॉर्डर से हजारों ट्रैक्टरों के साथ रेवाड़ी-रोहतक हाईवे (एनएच-71) के गंगायचा टोल पर रातभर से डेरा डाले बैठे किसानों के जत्थे ने रविवार को दिल्ली-जयपुर हाईवे (एनएच-48) के लिए कूच कर दिया। काफिले के पहुंचने के बाद हाईवे पर हालात तनावपूर्ण हो गए।
सोनिया और राहुल गांधी का केंद्र सरकार पर हमला
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, ‘पहली बार केंद्र में ऐसी अहंकारी सरकार बैठी है। इतनी ठंड और बारिश में संघर्ष कर रहे अन्नदाताओं को देखकर दुख होता है। मोदी सरकार को याद रखना चाहिए कि लोकतंत्र का मतलब जनता और किसानों के हितों की रक्षा करना होता है।’ वहीं, राहुल गांधी ने किसान आंदोलन की तुलना चंपारण आंदोलन से की। कहा कि देश एक चंपारण जैसी त्रासदी का सामना करने जा रहा है।