भारत ने ऑस्ट्रेलिया का सिर पैरों में फंसाकर ऐसे मारा जैसे बोरे में बंद करके मारते हैं

सचिन-शोएब ने की टीम इंडिया की तारीफ:अख्तर बोले- भारत ने ऑस्ट्रेलिया का सिर पैरों में फंसाकर ऐसे मारा जैसे बोरे में बंद करके मारते हैंसचिन तेंदुलकर और पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न टेस्ट में जीत पर टीम इंडिया की तारीफ की। उन्होंने कहा कि टीम में रेग्युलर कप्तान विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दिग्गज नहीं थे। इसके बावजूद भारत ने शानदार जीत दर्ज की। अख्तर ने कहा कि भारत ने ऑस्ट्रेलिया का सिर पैरों में फंसाकर ऐसे मारा जैसे बोरे में बंद करके मारते हैं।

अख्तर ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा कि भारतीय टीम ने अपने कैरेटर के मुताबिक शानदार खेल दिखाया। रावलपिंडी एक्सप्रेस ने कहा, ‘‘पहले टेस्ट में 36 रन पर ऑलआउट होने के बाद टीम इंडिया ने जज्बा दिखाया। मोहम्मद शमी, विराट कोहली और रोहित शर्मा के बिना जीते। बाकी खिलाड़ियों ने आगे आकर जज्बा दिखाया।’’

रहाणे की खामोशी में की गई मेहनत आज शोर मचा रही
पूर्व पाकिस्तानी तेज गेंदबाज ने कहा, ‘‘पंजाबी जुबान में कहते हैं न कि भारत ने ऑस्ट्रेलिया का सिर पैरों में फंसाकर ऐसे मारा जैसे बोरे में बंद करके मारते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अजिंक्य रहाणे ने खामोशी के साथ कप्तानी की, खामोशी के साथ मैच में गेंदबाजी में बदलाव करते रहे। खामोशी से मेहनत करते रहे, लेकिन आज उसकी कामयाबी शोर मचा रही है।’’

सिराज ने पिता को श्रद्धांजलि दी
उन्होंने कहा, ‘‘मोहम्मद सिराज के पिता का निधन हो गया। वे अपने पिता को नहीं देख सके, लेकिन उन्होंने अपने प्रदर्शन से उन्हें श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने अपना गुस्सा और जज्बात गेंद पर दिखाए और 5 विकेट लिए। शुभमन गिल भविष्य का बड़ा बल्लेबाज है। रविंद्र जडेजा ने भी शानदार खेल दिखाया।’’

ऑस्ट्रेलिया को अंधेरे में थप्पड़ पड़ा
अख्तर ने कहा, ‘‘पहले टेस्ट में जीत के बाद ऑस्ट्रेलिया को लग रहा था कि भारतीय टीम टूट जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। विराट कोहली और रोहित शर्मा के बिना भारतीय टीम ने पलटवार किया। ऑस्ट्रेलिया को लग रहा होगा कि उन्हें कोई अंधेरे में थप्पड़ मार गया। क्रिकेटर होने के नाते मुझे भारतीय टीम पर गर्व है।’’

ऑस्ट्रेलिया में एलेन बॉर्डर, पोंटिंग-हेडन के समय ऐसा नहीं होता था: सचिन
वहीं, सचिन तेंदुलकर ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि ऑस्ट्रेलियाई टीम में एलेन बॉर्डर, मार्क टेलर और वॉ बंधुओं के समय ऐसा खराब खेल देखने को नहीं मिलता था। यहां तक कि रिकी पोंटिंग, मैथ्यू हेडन, एडम गिलक्रिस्ट और माइकल क्लार्क के समय में भी आस्ट्रेलियाई टीम के साथ ऐसा नहीं था। दोनों ही दौर में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी में एक स्थिरता रहती थी।

तेंदुलकर ने कहा- जब मैं आस्ट्रेलियाई टीम का मौजूदा बैटिंग ऑर्डर और पहले के कुछ बैटिंग ऑर्डर को देखता हूं तो लगता है कि आज के बल्लेबाजी क्रम में उतनी मजबूत स्थिरता नहीं है। पुराने खिलाड़ी अलग तरह के जज्बे के साथ बल्लेबाजी करते थे। मौजूदा आस्ट्रेलियाई टीम में कई खिलाड़ी फॉर्म में नहीं है। टीम में उनकी जगह भी पक्की नहीं है। पुराने खिलाड़ियों की टीम में एक अलग ही जगह होती थी, जहां वे बल्लेबाजी करते थे।

रहाणे ने आक्रामक और धैर्य के मिश्रण के साथ बल्लेबाजी की
सचिन ने कहा- मेरा मानना है कि भारतीय टीम का यह शानदार प्रदर्शन रहा है। अजिंक्य रहाणे की कप्तानी भी शानदार रही। मुझे लगता है कि रहाणे ने शांत रहकर शानदार बल्लेबाजी की। वह आक्रामक बल्लेबाजी करते है, लेकिन इस टेस्ट में उसने आक्रामक और धैर्य के मिश्रण के साथ शानदार बल्लेबाजी की।

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