किसान का अनूठा कदम:चोरी के डर से 10 महीने पहले बेची थी वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाली भैंस, उसी रकम से टीकरी बॉर्डर पर लगाया टिक्की का लंगरसुखबीर सिंह ढांडा नामक यह किसान हरियाणा के हिसार जिले के गांव लितानी का रहने वाला है
वायरल हुआ लंगर में टिक्की परोसते का वीडियो, अपने बारे में बताते सुना जा सकता है सुखबीर
पिछले 36 दिन से दिल्ली की दहलीज पर चल रहे किसानों के धरने में कई तरह के रंग देखने को मिल रहे हैं। इन्हीं में से एक रंग सेवाभाव भी है और इसी सेवाभाव के साथ हिसार का एक किसान आंदोलन में शामिल साथियों को आलू टिक्की खिला रहा है। यह वही शख्स है, जिसने 10 महीने पहले वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुकी भैंस को सिर्फ इसलिए बेच डाला था। अब उसी रकम से यह किसान यहां आलू टिक्की का लंगर लगाए हुए है।
सुखबीर सिंह ढांडा नामक यह किसान हरियाणा के हिसार जिले के गांव लितानी का रहने वाला है। इन दिनों एक वीडियो सोशल वायरल हो रहा है, जिसमें सुखबीर को अपने बारे में बताते सुना जा सकता है। दरअसल, सुखबीर के पास सरस्वती नामक एक भैंस थी, जिसने दिसंबर 2019 में पंजाब के लुधियाना में पशु मेले में 33.131 किलो दूध देकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था। उस वक्त सरस्वती ने पाकिस्तान की भैंस को भी पीछे छोड़ दिया था, जिसने 32.050 किलो दूध दिया था।सुखबीर सिंह ने बताया कि उसने सरस्वती को एक लाख 30 हजार रुपए में करीब पांच साल पहले बरवाला के खोखा गांव के किसान गोपीराम से खरीदा था। इसके बाद सरस्वती ने कई बच्चों को जन्म दिया। फिलहाल दूध और सीमन बेचकर एक लाख रुपए से अधिक की कमाई कर रहे हैं।इसके बाद फरवरी 2020 में सुखबीर सिंह ढांडा ने सरस्वती को बेच दिया। इसे लुधियाना के माछीवाड़ा इलाके में पड़ते गांव हजूर के पवित्र सिंह ने 51 लाख रुपए में खरीदा था। भैंस सरस्वती को बेचते वक्त भावुक हुए सुखबीर ने बताया था कि वह उसे बेचना नहीं चाहता था, लेकिन उसे इसके चोरी हो जाने का डर है, इसीलिए बेचना पड़ा। पहले 1 करोड़ रुपए में भी बेचने को तैयार नहीं था, पर फिर आधी कीमत में बेच दिया।
सरस्वती ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने से पहले भी रचे कई कीर्तिमान
सुखबीर सिंह ढांडा को सरस्वती ने पहले भी गर्व का कई मौका दिया है। वह बताते हैं, ‘सरस्वती ने दो साल पहले 29.31 किलो दूध देकर हिसार में फर्स्ट प्राइज जीता था। हिसार के ही सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ बफैलो रिसर्च के कार्यक्रम में 28.7 किलो दूध देकर वह अव्वल रही थी। हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड के आयोजन में भी 28.8 किलो मिल्क प्रॉडक्शन के साथ उसने प्रतियोगिता जीती थी।’
इस तरह होती थी सरस्वती की देखभाल
सुखबीर सरस्वती को अपने बच्चों की तरह रखते थे और उसकी देखभाल करते थे। दिन में सरस्वती को चारे में दस किलो फीड, जिसमें बिनौला, खल, चने का छिलका, मक्की, सोयाबीन, नमक और आधा किलो गुड़ व 300 ग्राम सरसों का तेल देते थे। इसके अलावा तीन किलो तुड़ी व कुछ हरा चारा खिलाते थे। गर्मी और सर्दी से बचाने के लिए पूरी सावधानी रखते थे।