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किसान आंदोलन का एक रंग यह भी:तंबू के नीचे ताश, गिटार और अलाव के सहारे बैठे हैं आंदोलनकारी

किसान आंदोलन का एक रंग यह भी:तंबू के नीचे ताश, गिटार और अलाव के सहारे बैठे हैं आंदोलनकारी, भीषण ठंड में भी हटने को नहीं तैयारकृषि कानूनों के विरोध में अलवर जिले के शाहजहांपुर खेड़ा हरियाणा बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन तंबू, ताश, गिटार और अलाव के सहारे आगे बढ़ रहा है। जयपुर-दिल्ली हाइवे पर करीब 2 किलोमीटर तक किसान पड़ाव डाले बैठे हैं। आसपास के गांव से किसानों के लिए छाछ उपलब्ध होने लगी है। वहां दिन प्रतिदिन बढ़ रहे इंतजामों को देखते हुए लगता नहीं कि किसान बहुत जल्दी हार मानने वाले हैं। 1 डिग्री सेल्सियस के आसपास तापमान आने के बावजूद किसानों की संख्या बढ़ रही है।
अब प्याऊ की तरह छाछ मिलने लगी

जिस तरह पानी की प्याऊ लगती है ठीक उसी तरह यहां छाछ की प्याऊ देखी जा सकती है। आसपास के गांव से बड़ी मात्रा में छाछ पहुंचने लगी है। दिनभर किसान जब चाहे जितनी छाछ पीने की छूट है। हालांकि सर्दी के दिनों में इसकी खपत बहुत अधिक नहीं है लेकिन यहां किसानों के पास खाने-पीने के बहुत ज्यादा विकल्प भी नहीं है।

सर्दी में खुले आसमान तले नहाना मजबूरी

यहां बॉर्डर के आसपास न्यूनतम तापमान 1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। इसके बावजूद किसानों को सुबह खुले आसमान तले ही नहाना पड़ता है। मतलब इस हाड़ कंपाने आने वाली सर्दी में भी किसानों के हौसले बुलंद हैं। रात के समय वे रजाई में लिपटे रहते हैं। अब तो किसानों का इस साल का आखिरी दिन और नए साल का पहला दिन भी इसी माहौल में गुजरने वाला है।रोज गड़ जाते हैं तंबू

आंदोलन वाले नेशनल हाईवे पर रोजाना कई नए तंबू लग जाते हैं। जो भी किसान बाहर से आते हैं अपना नया तंबू लगाकर जम जाते हैं। उनको यहां से रजाई गद्दे सहित आवश्यक सामान भी उपलब्ध करा दिया जाता है।सांसद हनुमान बेनीवाल भी

शाहजहांपुर हरियाणा बॉर्डर पर नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल भी अपनी पार्टी के कार्यकर्ता व किसानों के साथ डटे हुए हैं। सबसे पहले से बॉर्डर पर पड़ाव डालने आए किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने 3 दिन अनशन रखा। इसके अलावा भी यहां नियमित रूप से किसान एक-एक दिन का अनशन रख रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव भी बीच-बीच में आंदोलनकारियों के बीच आते रहते हैं।

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