आईजीएमसी में कॉन्फ्रेंस:गंभीर बिमारियों के लिए पेन एंड पाॅलिएटिव केयर यूनिट्स काे प्रदेश में बढ़ाने की जरूरतआईजीएमसी में हुई वर्चुअल कॉन्फ्रेंस, विशेषज्ञों ने अपने विचार किए साझा
इंडिया एसाेसिएशन ऑफ पेडियाट्रिक्स की पेन एंड पाॅलिएटिव केयर चैप्टर की वर्चुअल नेशनल कॉन्फ्रेंस शनिवार काे आईजीएमसी में हुई। इस दाैरान इंडिया एसाेसिएशन ऑफ पेडियाट्रिक्स, पेन एंड पाॅलिएटिव केयर चैप्टर के फाउंडर चेयरपर्सन डाॅ. राकेश शर्मा ने कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में प्रदेश सरकार का अाईजीएमसी के आंकाेलाॅजी डिपार्टमेंट के अंडर पेन एंड पाॅलिएटिव केयर यूनिट खाेलने के लिए आभार जताया।
उन्हाेंने कहा कि पेन एंड पाॅलिएटिव केयर की यह दूसरी कॉन्फ्रेंस हैं, जिसमें देश के प्रतिष्ठित डाॅक्टर वर्चुअल माध्यम से आईजीएमसी से जुड़े हैं। कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ अाईजीएमसी के प्रधानाचार्य प्राेफेसर डाॅ. रजनीश पठानिया और वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डाॅ. जनकराज ने किया।
इस दाैरान प्रधानाचार्य प्राेफेसर डाॅ. रजनीश पठानिया ने कहा कि हिमाचल में पेन एंड पाॅलिएटिव केयर यूनिट काे बढ़ाने की जरूरत है। उन्हाेंने कहा कि आईजीएमसी के साथ-साथ अन्य मेडिकल कॉलेजों में भी इसे बढ़ाया जाना चाहिए।
डाॅ. राकेश शर्मा ने बताया कि पेन एंड पाॅलिएटिव केयर में उन मरीजाें काे रखा जाता है, जाे गंभीर बीमारियाें से जूझ रहे हाे और उन्हें असहनीय दर्द हाेता है। ऐसे में उन्हें एडवांस्ड ट्रीटमेंट देकर उनके दर्द काे कम किया जाता है। आईएपी की सचिव डाॅ. अंबिका सूद भी मौजूद रहे।