हरियाणा सरकार का बड़ा ऐलान:5 साल में होगा 1 लाख करोड़ का निवेश, 2 लाख करोड़ का निर्यात; 5 लाख युवाओं को मिलेगा रोजगार‘हरियाणा औद्योगिक एवं रोजगार नीति-2020’ के बारे में दी सूबे के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने जानकारी
कहा- उद्योगों में फैक्ट्री कानून-1948 के आधार पर छूट के लिए श्रमिकों की न्यूनतम संख्या 20 से बढ़ाकर 40 की
हरियाणा में अब इंडस्ट्रियल-एस्टेट्स का 10 प्रतिशत हिस्सा श्रमिकों के रहने के लिए आवासीय क्षेत्र के रूप में आरक्षित किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा उद्योग स्थापित करने के लिए ग्रामीणों की सहमति से पंचायती भूमि को पट्टे पर उपलब्ध कराया जाएगा। यह जानकारी गुरुवार को सूबे के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला (जिनके पास उद्योग एवं वाणिज्य विभाग का प्रभार भी है) ने दी।
मीडिया से मुखातिब उप मुख्यमंत्री ने ‘हरियाणा औद्योगिक एवं रोजगार नीति-2020’ के बारे में बताया कि बनाई गई खास नीति के तहत अगले 5 साल में 5 लाख नौकरियां पैदा की जाएंगी। एक लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश आकर्षित करने का लक्ष्य है। साथ ही निर्यात को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके अंतर्गत 2 लाख करोड़ रुपए के निर्यात का लक्ष्य रखा गया है।
डिप्टी CM ने नई नीति को क्षेत्रीय विकास और ज्यादा से ज्यादा रोजगार उत्पन्न करने के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इससे हरियाणा देश में पसंदीदा निवेश के रूप में प्रतिस्थापित होगा। यही नहीं इससे होने वाले आर्थिक विकास के द्वारा आजीविका के अवसर बढ़ेंगे। नई नीति में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के अनुसार इको-सिस्टम मजबूत करने पर जोर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस नीति में तीन साल के लिए मेगा और अल्ट्रा-मेगा परियोजनाओं को न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, 1948 को छोडक़र कुछ शर्तों के अनुसार बाकी श्रमिक कानूनों से रियायत मिलेगी।
उन्होंने बताया कि ऊर्जा से संबंधित उद्योगों में फैक्ट्री कानून-1948 के आधार पर छूट के लिए श्रमिकों की न्यूनतम संख्या 20 से बढ़ाकर 40 कर दी गई है। उन्होंने जानकारी दी कि नई नीति में औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के अंतर्गत IT, ITES, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटो और कपड़ा उद्योग को सार्वजनिक उपयोगिताओं के रूप में घोषित किया गया है। यही नहीं सामान्य उद्योगों के मामलों में फर्श क्षेत्र अनुपात (एफएआर) को सामान्य 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 150 से 200 प्रतिशत किया गया है। भंडारण के मामलों में फर्श क्षेत्र अनुपात को सामान्य 75 प्रतिशत से बढ़ाकर 150 फीसदी तक किया गया है।
निवेशकों पर अग्रिम लागत के बोझ को कम करेगी सरकार
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि डाटा सेंटर यूनिट्स के सरफेस पार्किंग पर्याप्त होने की स्थिति में बेसमेंट पार्किंग के प्रावधान की जरूरत को हल किया जाएगा। जहां कोई परियोजना लागू है और HSIIDC के बकाया का भुगतान हो चुका हो, उसके लिए भूखंडों के हस्तांतरण के लिए स्वत: प्रावधान की मंजूरी दी गई है। सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए फ्लेटिड-फैक्ट्री के लिए कम से कम 2000 वर्ग मीटर या उससे ज्यादा क्षेत्र के प्लॉटों का 250 प्रतिशत तक का FAR बढ़ाया गया है। श्रम आवास के लिए 2000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र के HSIIDC के भूखंडों की FAR में 250 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई है। औद्योगिक सम्पदा के क्षेत्र का 5 प्रतिशत भंडारण गतिविधियों के लिए आरक्षित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि लीज पर ली गई जमीन पर काम करने की HSIIDC अनुमति देकर निवेशकों पर अग्रिम लागत के बोझ को कम करने के लिए पट्टे पर भूमि की पेशकश करने के लिए एक नीति भी तैयार करेगा।
दुष्यंत चौटाला ने ‘हरियाणा औद्योगिक एवं रोजगार नीति-2020’ के बारे में आगे बताया कि HSIIDC द्वारा औद्योगिक सम्पदाओं में श्रमिकों के लिए शयनगृह व औद्योगिक आवास बनाने के लिए योजना तैयार की जाएगी। नई नीति HEPC पोर्टल पर औद्योगिक मंजूरी से संबंधित विभिन्न विभागों की 36 अन्य सेवाएं प्रदान करने की भी परिकल्पना करती है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा तैयार की गई इस नीति के तहत संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा दिया जाएगा। पूरे राज्य को औद्योगिकीकरण, सामाजिक-आर्थिक विकास, स्थानीय लाभ और विभिन्न प्रकार के कौशल विकास के स्तर के आधार पर विभिन्न स्केल की प्रोत्साहन राशि के साथ 4 श्रेणियों ( A, B, C और C) में वर्गीकृत किया गया है।
ग्रामीण औद्यागिक विकास योजना’ शुरू होगी
डिप्टी CM ने नई नीति को युवाओं के लिए कल्याणकारी बताते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं के लिए उनके घर-द्वार पर रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए ‘हरियाणा ग्रामीण औद्यागिक विकास योजना’ शुरू की जाएगी। उन्होंने बताया कि योजना के अंतर्गत 15 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी (अधिकतम 20 लाख रुपए तक की), सात प्रतिशत ब्याज सब्सिडी (अधिकतम 8 लाख रुपए तक की) और DG सैट की लागत में 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि स्टार्टअप्स के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। नई नीति में स्टार्टअप शुरू करने पर पांच वर्ष के लिए आठ प्रतिशत ब्याज सब्सिडी (अधिकतम 20 लाख रूपए तक की), हर स्टार्टअप पर 10 लाख रुपए तक सीड ग्रांट और सात वर्ष तक 100 प्रतिशत स्टेट GST वापसी करने का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने नई नीति में इंडस्ट्रियल पार्क विकसित करने पर जोर दिया है। अब इंडस्ट्रियल पार्क के लिए प्रोजेक्ट कोस्ट की 50 प्रतिशत की वित्तीय सहायता (अधिकतम 40 करोड़ रुपए तक की), 80 प्रतिशत तक स्टांप ड्यूटी वापसी और औद्योगिक आवास व शयनगृह बनाने के लिए 50 प्रतिशत (अधिकतम 50 लाख रुपए तक की) वित्तीय सहायता दी जाएगी।
तकनीकी संस्थानों को हर साल देंगे 5 लाख
उप मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि युवाओं को विभिन्न स्किल्स में निपुण करने के लिए उद्यम विकास कार्यक्रम भी बनाया गया है जिसके तहत सरकारी विश्वविद्यालयों, NIT, IIT और तकनीकी संस्थाओं को प्रति वर्ष 5 लाख रुपए की वित्तीय सहायता दी जाएगी। प्रदेश के युवाओं के व्यवहार-कुशल बनाने के लिए ITI और कालेजों में अगले शैक्षणिक सत्र से तीन माह का सटिफिकेट कोर्स भी करवाया जाएगा। यही नहीं राज्य के युवाओं को रोजगार देने पर उद्योगों को हर साल 48000 रुपए प्रति कर्मचारी सरकार की ओर से दिए जाएंगे।