जवानों की हौंसला आफजाई:जनरल नरवणे ने लद्दाख की बर्फीली ऊंचाइयों पर तैनात सैनिकों को कमेंडेशन कार्ड से नवाजाआर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने लद्दाख के ऊंचाई वाले इलाके रेचिन ला और रेजांग ला में तैनात सैनिकों को कमेंडेशन कार्ड से सम्मानित किया। वे इन ऊंचाई वाले इलाकों का दौरा करने वाले पहले आर्मी चीफ भी हैं। इन दो अहम ऊंचाई वाली चोटियों पर भारतीय सेना 29-30 अगस्त को अपने कब्जे में ले लिया था।
12 सैनिकों को किया सम्मानित
आर्मी सूत्रों के हवाले से न्यूज एजेंसी ने बताया कि आर्मी चीफ ने ऑफिसर्स और जवानों समेत 12 सैनिकों को कमेंडकशन कार्ड से नवाजा। सैनिकों उनके ऑपरेशन रोल और समर्पण भाव से देश की सेवा करने के लिए यह सम्मान दिया गया, जो पिछले 6 महीने से इस इलाके में तैनात हैं।
बुधवार को लद्दाख दौरे पर पहुंचे थे
चीन के साथ चल रहे तनाव के बीच बुधवार को नरवणे ईस्टर्न लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पहुंचे थे। यहां उन्होंने 14 हजार फीट की ऊंचाई पर रेचिन ला, फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स में तैनात जवानों से मुलाकात की थी। उन्होंने LAC पर तैनात आर्मी टैंक का भी निरीक्षण किया था।
ईस्टर्न लद्दाख की पूरी जिम्मेदारी फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स पर
सेना प्रमुख ने फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स के जिन जवानों से मुलाकात की थी। उन्हीं के कंधों पर ईस्टर्न लद्दाख में LAC को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी है। आर्मी सूत्रों ने बताया था कि नरवणे आर्मी की फॉरवर्ड पोस्ट रेचिन ला भी पहुंचे थे। यह 14 हजार फीट की ऊंचाई पर है। यहां इन दिनों माइनस 40 डिग्री सेल्सियस तापमान होता है। ऐसी स्थिति में भी यहां जवान मुस्तैदी से तैनात हैं।
LAC पर चीन और भारत के 50-50 हजार जवान तैनात हैं
मई में चीन और भारत के जवानों के बीच हुई झड़प के बाद से LAC पर तनाव बरकरार है। अब तक 8 राउंड की बातचीत हो चुकी है। अब 9वीं राउंड की बातचीत होनी है। भारत की ओर से 9वीं राउंड की बातचीत के लिए चीन को मेमो भेजा जा चुका है। चीन की तरफ से अभी जवाब आना बाकी है।
अब तक दोनों ओर से डिस-इंगेजमेंट और इवैंचुअल डी-एस्कलेशन पर किसी तरह की सहमति नहीं बन पाई है। यही कारण है कि ऐसा पहली बार है जब इतनी ठंड के बावजूद दोनों ओर से LAC पर इतनी बड़ी संख्या में जवान तैनात हैं।