आंदोलन के बीच किसान सम्मान:9 करोड़ किसानों के खाते में 18 हजार करोड़ रुपए ट्रांसफर करेंगे पीएम मोदी; 6 राज्यों के किसानों से संवाद भी करेंगेकृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन के बीच केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम किसान) की 7वीं किश्त जारी करने का फैसला लिया है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद देश के 9 करोड़ किसानों के खाते में 18 हजार करोड़ रुपए की किश्त ट्रांसफर करेंगे। प्रत्येक किसान के खाते में 2-2 हजार रुपए जाएगा। इस दौरान प्रधानमंत्री 6 राज्यों के किसानों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद भी करेंगे।
हर साल 6 हजार रुपए किसानों को दिया जाता है
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत देशभर के किसानों को हर साल केंद्र सरकार की तरफ से नगद 6 हजार रुपए 3 किश्तों में दिए जाते हैं। अब तक 10 करोड़ 96 लाख किसानों को इस योजना का लाभ मिल चुका है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने यह जानकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी किसानों को नए कृषि कानून की खूबियां भी बताएंगे। इस कार्यक्रम के लिए 22 दिसंबर तक देशभर के 2 करोड़ किसानों ने अपना रजिस्ट्रेशन करा लिया है।
मंत्री, मुख्यमंत्री भी कार्यक्रम में शामिल होंगे
किसानों के लिए कराए जा रहे इस खास कार्यक्रम में अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्री भी शिरकत करेंगे।
अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्री अलग-अलग जगह किसानों के साथ बैठकर इस कार्यक्रम को लाइव देखेंगे।
भाजपा शासित राज्यों के मंत्री और केंद्रीय मंत्रियों का कार्यक्रम भी उनके क्षेत्रों में होगा। जहां वह किसानों के साथ बैठकर इस कार्यक्रम को देखेंगे।
उत्तर प्रदेश में भाजपा कार्यकर्ता, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की चिट्ठी लेकर घर-घर जाएंगे।
28 दिन से आंदोलन कर रहे हैं किसान
कृषि कानून के खिलाफ पिछले 28 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन कर रहे हैं। बुधवार को किसान दिवस पर भी किसानों के हाथ खाली रहे। दिन में सरकार की तरफ से सुलह की उम्मीदें तब जागीं, जब कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ‘किसान हमारे प्रस्ताव में जो भी बदलाव चाहते हैं, वो बता दें। हम उनकी सुविधा और समय के मुताबिक बातचीत के लिए तैयार हैं।’
सरकार ने यह पेशकश दोपहर 3:50 बजे रखी। हालांकि, इसमें कोई मांग मंजूर करने का जिक्र नहीं किया। 2 घंटे बाद यानी शाम 5:50 बजे किसानों ने कह दिया कि सरकार का मजबूत प्रपोजल क्या हो, यह हम कैसे बताएंगे। अगर वे पुरानी बातों को ही बार-बार दोहराएं तो बात नहीं बनेगी। सरकार ने किसानों को 10 पॉइंट का प्रस्ताव भेजा था, जिसे किसान ठुकरा चुके हैं।