आंदोलन का आज 30वां दिन:वार्ता पर गतिरोध अब भी बरकरार, तीन दिन बाद केंद्र की पेशकश ठुकरा किसान बोले- नया एजेंडा भेजें तभी बातईमेल से भेजे जवाब में सरकार पर आंदोलन को खराब करने और फूट डालने के आरोप
एनजीओ ने 3,13,363 किसानों के समर्थन की चिट्ठी कृषि मंत्री को सौंपीकिसान दिवस पर भी तीनों कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलनरत अन्नदाताओं और सरकार बीच वार्ता पर गतिरोध बरकार रहा। केंद्र की तरफ से 20 दिसंबर को भेजे गए बातचीत के प्रस्ताव को किसान संगठनों ने तीन दिन बाद ठुकरा दिया। किसान संयुक्त मोर्चा के सदस्य याेगेंद्र यादव ने प्रेसवार्ता कर बताया कि सरकार को जवाब भेज दिया गया है, जिसमें लिखा गया है कि आपके प्रस्ताव में चर्चा करने लायक कुछ भी नहीं है। जो संशोधन आप करने को तैयार हैं, उन्हें हम नहीं मानते। सरकार नए एजेंडे के साथ प्रस्ताव भेजेगी तो हम वार्ता के लिए तैयार हैं। बुधवार काे भी किसानाें ने भूख हड़ताल रखी और गाजीपुर बॉर्डर पर हवन यज्ञ किया। कुंडली बॉर्डर पर हरियाणा के किसानों ने अर्धनग्न होकर भी प्रदर्शन किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके किसान दिवस की बधाई दी। वहीं, टीएमसी के पांच सांसद कुंडली बाॅर्डर पहुंचे और वहां किसानों की बात फोन पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी कराई। कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर को कई एनजीओ के प्रतिनिधियों ने कृषि कानून के समर्थन में एक लाख गांवों के 3,13,363 किसानों के हस्ताक्षर वाली चिट्ठी सौंपी है। वहीं अम्बाला में सीएम मनोहर लाल खट्टर के काफिले पर हमले के मामले में मंगलवार की देर रात 13 लोगों के खिलाफ हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया गया है। उधर, बढ़ती ठंड के मद्देनजर बॉर्डर पर तैनात दिल्ली के पुलिसकर्मियों को च्यवनप्राश के डिब्बे बांटे गए।
किसानों ने लिखा- सरकार के प्रस्ताव में चर्चा लायक कुछ भी नहीं
कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने 20 दिसंबर को किसान नेता डॉ. दर्शनपाल को प्रस्ताव भेजा था। इसलिए जवाब भी दर्शनपाल की ई-मेल से संयुक्त सचिव को ही भेजा गया है।
किसानों ने लिखा है कि आपने यह पूछा था कि हमारा पिछला पत्र एक व्यक्ति का मत है या सभी संगठनों का। हम बता दें कि यह संयुक्त मोर्चे का सर्वसम्मति से अस्वीकार करने का जवाब था। इस पर सवाल उठाना सरकार का काम नहीं है।
आपका पत्र भी आंदोलन को बदनाम करने का प्रयास था। सरकार तथाकथित किसान नेताओं और ऐसे कागजी संगठनों के साथ समानांतर वार्ता करके आंदोलन को तोड़ने का प्रयास कर रही है, जिनका आंदोलन से कोई संबंध नहीं है।
प्रदर्शनकारी किसानों से ऐसे निपट रहे हैं, मानो वे संकटग्रस्त नागरिकों का समूह न होकर सरकार के राजनीतिक प्रतिद्वंदी हैं। आपका यह रवैया विरोध प्रदर्शन तेज करने के लिए मजबूर कर रहा है।
हम हैरान हैं कि सरकार अब भी इन तीन कानूनों को निरस्त करने की हमारी मांग को समझ नहीं पा रही। कई दौर की वार्ता में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि ऐसे संशोधन हमें स्वीकार्य नहीं हैं।
5 दिसंबर को मौखिक प्रस्ताव खारिज करने के बाद हमें बताया गया कि सरकार के साथ चर्चा के बाद ठोस प्रस्ताव भेजा जाएगा। लेकिन 9 दिसंबर को जो प्रस्ताव भेजे, वे 5 दिसंबर की वार्ता वाले ही थे जिन्हें हम पहले ही खारिज कर चुके हैं।
आपने न्यूनतम समर्थन मूल्य के बारे में जो प्रस्ताव भेजा है, उसमे ऐसा कोई भी स्पष्ट प्रस्ताव नहीं है जिसका जवाब दिया जाए।
न्यूनतम समर्थन मूल्य पर आप “वर्तमान खरीद प्रणाली से संबंधित लिखित आश्वासन” का प्रस्ताव रख रहे हैं। किसान संगठन राष्ट्रीय किसान आयोग की सिफारिश के मुताबिक न्यूनतम समर्थन मूल्य (सी2+50%) पर सभी फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं।
विद्युत अधिनियम (संशोधन) विधेयक के ड्राफ्ट पर प्रस्ताव अस्पष्ट हैै। जब तब आप क्रॉस सब्सिडी बंद करने के प्रावधान के बारे में स्पष्ट नहीं करते, तब तक इस पर जवाब निरर्थक है।
हम वार्ता के लिए तैयार हैं और इंतजार कर रहे हैं कि सरकार कब खुले मन, खुले दिमाग और साफ नीयत से इस वार्ता आगे बढ़ाए।
आग्रह है कि निरर्थक संशोधनों के खारिज प्रस्तावों को दोहराने की बजाए ठोस प्रस्ताव भेजें ताकि उसे एजेंडा बनाकर वार्ता दोबारा शुरू की जा सके।
बंद किया केजीपी से उतरने वाला रास्ता
बुधवार को किसानों ने केजीपी से सोनीपत के लिए उतरने वाले रास्ते को भी बंद कर दिया। एनएच-44 पर नाथूपुर के उद्योगों के सामान से लदे कंटेनर व ट्रकों को भी प्रीतमपुरा चौक पर रोक दिया।
आप केजीपी के रास्ते दिल्ली, गाजियाबाद, फरीदाबाद, मेरठ, बागपत से आ रहे हैं तो अब सोनीपत, पानीपत, हिमाचल, जम्मू जाने के लिए केजीपी के बजाय केएमपी के रास्ते से बीसवां मील पर उतरना पड़ेगा।
पीएम कल करेंगे किसानों से बात
किसान आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन 25 दिसंबर काे बातचीत करेंगे। माेदी डिजिटल माध्यम से उत्तर प्रदेश के ढाई हजार किसानों के चौपाल के साथ जुड़ेंगे। माेदी देशभर के 9 कराेड़ किसानाें के खाताें में 1800 कराेड़ रुपए की किसान सम्मान निधि भी जमा करेंगे। यह किसान सम्मान निधि की सातवीं किस्त हाेगी। माेदी किसानाें काे नए कृषि कानूनों की खासियत भी बताएंगे।