विवाद:बैंक की प्रॉपर्टी टैक्स जमा न करने को लेकर नगर निगम कमिश्नर और ज्वाइंट कमिश्नर आमने सामनेनगर निगम मुख्यालय में स्थित सिंडीकेट बैंक का एक करोड़ का बकाया जमा न करने और सील खोलने के मामले को लेकर कमिश्नर और ज्वाइंट कमिश्नर आमने सामने आ गए हैं। क्योंकि 20 दिन पहले की ज्वाइंट कमिश्नर ने बकाया जमा न करने पर बैंक को सील कर दिया था। लेकिन बाद में निगम कमिश्नर ने एक तरफा फैसला लेते हुए उसे डी सील कर दिया।
खास बात ये है कि अभी तक बैंक ने प्रॉपर्टी टैक्स का बकाया जमा तक नहीं कराया। ये हाल तब है जबकि नगर निगम आर्थिक कंगाली से जूझ रहा है। बावजूद निगम के उच्चाधिकारी एक पार्टी को रियायत दे रहे हैं और दूसरों पर टैक्स जमा कराने का दबाव बना रहे हैं।
बता दें कि काफी समय से टैक्स जमा न करने पर करीब 20 पहले एनआईटी के ज्वाइंट कमिश्नर प्रसांत अटकान ने निगम मुख्यालय में स्थित सिंडीकेट बैंक साखा को सील कर दिया था। उस पर करीब एक करोड़ का प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है। बैंक ने अभी तक टैक्स जमा नहीं कराया।
निगम सूत्रों ने बताया कि निगम कमिश्नर डॉ. यस गर्ग ने बैंक के अनुरोध पर एक तरफा कार्रवाई करते हुए उसे डी सीलिंग के आदेस जारी कर ज्वाइंट कमिश्नर के पास भेज दिया। लेकिन ज्वाइंट कमिश्नर प्रसांत अटकान ने उस पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया।
उधर बैंक ने अपनी साखा भी खोल ली। मंगलवार को ज्वाइंट कमिश्नर ने बैंक मैनेजर को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि उनकी साखा में आरबीआई के नियमों का पालन नहीं हो रहा है। बैंक में उपभोक्ताओं के बैठने तक की व्यवस्था नहीं है।