निर्माण की तैयारी:बीके में 25 करोड़ की लागत से एमसीएचयू का विस्तार होगाइसके बाद 400 महिलाओं का एक साथ हो सकेगा इलाज
अभी अस्पताल में 200 बेड की है व्यवस्था, विस्तार होने से क्षमता हो जाएगी दोगुना
जनवरी 2022 तक विस्तार का काम हो जाएगा पूराबीके अस्पताल में करीब 25 करोड़ की लागत से मदर चाइल्ड हेल्थ यूनिट(एमसीएचयू) का विस्तार होगा। इसके बनने के बाद एक साथ 400 महिलाओं व बच्चों की देखभाल हो सकेगी। अभी अस्पताल में सिर्फ 200 बेड की व्यवस्था है। जनवरी 2021 से इसके विस्तार का काम शुरू होगा और जनवरी 2022 तक बनकर यूनिट तैयार हो जाएगी। इसके लिए जगह चिह्नित की जा चुकी है।
पीडब्ल्यूडी को इसकी बिल्डिंग निर्माण की जिम्मेदारी दी गई है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से पांच करोड़ का फंड भी जारी हो चुका है। विभाग का कहना है कि इससे बनने का मुख्य उद्देश्य मातृत्व एवं शिशु मृत्युदर में कमी लाना है। विभाग के अनुसार इसके विस्तार के बाद स्टाफ की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। जिससे जच्चा-बच्चा की देखभाल ठीक ढंग से हो सके।
सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि डिलीवरी के लिए बीके अस्पताल आने वाली महिलाओं को सीएचसी-पीएचसी में रेफर नहीं करना पड़ेगा। स्वास्थ्य विभाग की मानें तो वर्ष 2011 से ही बीके अस्पताल में एमसीएचयू बनाने की योजना चली आ रही है। लेकिन किसी स्वास्थ्य अधिकारी ने इस प्रोजेक्ट को गंभीरता से नहीं लिया। स्वास्थ्य अधिकारियों की लापरवाही से योजना परवान नहीं चढ़ पाई।
अब केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की सख्ती के बाद स्वास्थ्य विभाग ने इस प्रोजेक्ट को अमली जामा पहनाने की योजना बनाई है। सीएमओ डॉ. रणदीप सिंह पूनिया ने पिछले दिनों इस प्रोजेक्ट के लिए स्थान चिह्नित कर प्रस्ताव स्वास्थ्य निदेशालय को भेजा था। निदेशालय ने प्रोजेक्ट को मंजूर करते हुए फंड भी जारी कर दिया।
सीएमओ का कहना है कि अभी बीके अस्पताल में 200 बेड गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए हैं। ऐसे में कई बार अस्पताल आने वाली गर्भवती काे डिलीवरी के लिए सीएचसी-पीएचसी रेफर करना पड़ता है। लेकिन एमसीएचयू के बनने के बाद यह समस्या खत्म हो जाएगी। एक साथ 400 मां और बच्चे की देखभाल हो सकेगी।
हर माह 500 से अधिक डिलीवरी केस
डॉ. रणदीप पूनिया ने बताया कि जिले का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल होने और अनुभवी डॉक्टरों की उपलब्धता के कारण यहां बड़ी संख्या में महिलाओं के डिलीवरी केस आते हैं। महीने में 500 से अधिक डिलीवरी केस आते हैं। कई बार पर्याप्त बेड की उपलब्धता न होने से डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के सामने गर्भवती को अटेंड करने में परेशानी होती है। लेकिन यूनिट का विस्तार होने के बाद इस समस्या से राहत मिल जाएगी।
सीएमओ ऑफिस के सामने बनेगी यूनिट
सीएमओ ने दैनिक भास्कर को बताया कि एमसीएचयू सीएमओ आफिस के सामने कंडम हो चुकी बिल्डिंग वाली जगह पर बनाई जाएगी। इसके निर्माण की जिम्मेदारी पीडब्लयूडी को दी गई है। उन्होंने बताया इस प्रोजेक्ट पर करीब 25 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
विभाग की ओर से पीडब्लूयडी को पांच करोड़ रुपए का फंड भी रिलीज कर दिया गया है। उम्मीद है जनवरी से पीडब्ल्यूडी कंडम बिल्डिंग को तोड़कर एमसीएचयू का निर्माण कार्य शुरू कर देगा। जनवरी 2022 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य है।
स्वास्थ्य मंत्रालय का यह महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। इसके बनने के बाद हम महिलाओं और बच्चों की देखभाल बेहतर ढंग से कर सकेंगे। इसके लिए जरूरी स्टाफ की भी तैनाती की जाएगी। एमसीएचयू में जच्चा-बच्चा को आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। इसमें नीकू (एनआईसीयू) वार्ड होगा। जहां 50 से अधिक नवजात शिशुओं को रखने की क्षमता होगी।