हैप्पी बर्थडे भिवानी:48 साल की हुई छोटी काशी, आज 49वां जन्मदिवस मना रहा है भिवानी जिलाउद्याेग : सर्जिकल इक्विपमेंट्स, जीबीटीएल और चिनार के प्रोडक्ट्स की विदेशों में डिमांड, 36 से बढ़कर 200 हुईं प्लास्टिक दाने की इकाइयां
पहचान: खेल में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति, खानक के पत्थर पर देश को गर्व, कपड़ा उत्तर भारत में सबसे सस्ता और गुणवत्ता वालाअमिट इतिहास समेटे भिवानी जिला आज 49वां जन्मदिवस मना रहा है। छोटी काशी और मिनी क्यूबा के नाम से विख्यात भिवानी में प्लास्टिक दाना, सर्जिकल इक्विपमेंट्स समेत अनेक उत्पादन इकाइयां स्थापित हैं व बड़े-बड़े शॉपिंग मॉल्स शहर की पहचान बने हुए हैं। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह हरियाणा का सबसे बड़ा जिला हुआ करता था, परंतु सितंबर 2016 में चरखी दादरी को भिवानी से अलग कर नया जिला बनाया गया है।
1972 मेें जहां भिवानी शहर की आबादी 40 हजार थी, जो अब दाे लाख से ऊपर पहुंच गई है। जिला मुख्यालय दिल्ली से 120 किलोमीटर दूर है। भिवानी के उत्तर में हिसार, पूर्व में रोहतक, दक्षिण में महेंद्रगढ़, दक्षिण पूर्व में रेवाड़ी व पश्चिम और दक्षिण पश्चिम में राजस्थान है। भिवानी के दक्षिणी इलाके थार रेगिस्तान के संपर्क में आते हैं।
48 वर्ष के लंबे अंतराल में भिवानी ने सफलता के बड़े आयाम स्थापित किए, वहीं कुछ ऐसे स्वर्णिम इतिहास रचे। एक समय कहावत प्रचलित थी कि भिवानी शहर बड़ा गुलजार, 12 दरवाजे, चार बाजार। शहर के चारों ओर 20 फुट दीवार होती थी।
शिक्षा : इस समय भिवानी में एक विश्वविद्यालय, ढाई दर्जन से अधिक महाविद्यालय, एक दर्जन इंजीनियरिंग व बहुतकनीकी शिक्षण संस्थान हैं। इसके अतिरिक्त 15 शिक्षा प्रशिक्षण महाविद्यालय व नौ औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान भी विभिन्न पाठ्यक्रमों में शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड व चौ.बंसीलाल विश्वविद्यालय का मुख्यालय भी शहर में ही स्थित है। इसके अलावा भिवानी में नागरिकों की बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए मेडिकल कॉलेज का निर्माण भी करवाया जाना है।
खेल : खेलों की दुनियां में भिवानी का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शुमार है। भिवानी ने अकेले बॉक्सिंग में दो सौ से ज्यादा राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी दिए हैं। बिजेंद्र, जितेंद्र, मनीष, विकासकृष्णन, अखिल, पूजा बोहरा, नमन तंवर व अमन तंवर अंतरराष्ट्रीय पटल पर नाम दर्ज करा चुके हैं। कबड्डी-कुश्ती में भी कई खिलाड़ी देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। भीम स्टेडियम एक दर्जन से अधिक खेल अकादमी संचालित हैं।
मंदिर : 1952 में किरोड़ीमल मंदिर बना था। 1952 से 1968 तक इस मंदिर में लाखों लोग आते थे। वर्तमान में जन्माष्टमी पर मंदिर में चलचित्र झांकियां निकाली जाती हैं। यहां जोगीवाला शिव मंदिर, हनुमान जोहड़ी मंदिर, बाबा जहरगिरि आश्रम, बाबा श्योलाल पुरी शिव मंदिर, भोजावाली माता मंदिर सहित गांव दिनोद स्थित राधा स्वामी आश्रम, देवसर माता मंदिर विख्यात स्थल हैं।
यातायात : वर्ष 1972 में भिवानी से दिल्ली के लिए हरियाणा एक्सप्रेस के अलावा रेवाड़ी-बठिंडा-रेवाड़ी रूट पर 6 पैसेंजर ट्रेन चलती थी। लेकिन अब भिवानी से अहमदाबाद, जयपुर, दिल्ली, कटरा, चंड़ीगढ़, गोरखपुर, कानपुर, बठिंडा, रेवाड़ी सहित कई रूटों पर एक सुपरफास्ट, 12 एक्सप्रेस व 24 पैसेंजर ट्रेनें चल रही हैं इसके अतिरिक्त देहरादून, अजमेर, चंडीगढ़, दिल्ली सहित कई स्थानों के लिए रोडवेज बसों का संचालन हो रहा है।
हवाई पट्टी : शहर में एक हवाई पट्टी भी है।
उद्योग धंधे : भिवानी प्लास्टिक दाना बनाने व इससे संबंधित सामान के लिए देश में दूसरे स्थान पर है। 1972 में यहां पर लगभग तीन दर्जन प्लास्टिक की इकाइयां थी जो अब बढ़कर लगभग दो सौ हो गई हैं। यहां से पूरे देश में कच्चा माल सप्लाई किया जाता है। जीबीटीएल, चिनार जैसे कपड़ा उद्योग यहां पर हैं, जिनकी चमक पूरे देश में है।
ऑपरेशन टेबल व लाइटों की सप्लाई पूरे देश में भिवानी से होती है। जो टेबल विदेशों में पांच से 10 लाख रुपये में मिलती है, वहीं भिवानी में लगभग दो से तीन लाख रुपये तक उपलब्ध हो जाती है। इसी तरह आपरेशन लाइट भी दूसरे स्थानों से कम कीमत में उपलब्ध है।
खानक के पत्थर से बनी अधिकतर मेट्रो लाइन दिल्ली में जिस मेट्रो पर पूरा देश गर्व कर रहा है उसकी रेलवे लाइन बनाने के लिए खड़े पिलरों में भिवानी के खानक का ही पत्थर प्रयोग में लाया गया है।
उत्तर पश्चिम रेलवे बीकानेर मंडल के अंतर्गत आने वाले भिवानी जंक्शन से दिल्ली, हिसार की ओर इलेक्ट्रिक ट्रेनों में सफर किया जा सकता है जबकि रेवाड़ी, जयपुर की ओर दोहरीकरण व इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य पूरा कर लिया है।
क्षेत्रफल : 22 दिसंबर 1972 को पुराने हिसार को विभाजित करके भिवानी को अलग जिले के रूप में स्थापित किया गया। इसका क्षेत्रफल राजस्व रिकार्ड के अनुसार 328323 हेक्टेयर व भारतीय सर्वेक्षण अनुसार 3283 वर्ग किलोमीटर है। जिले में इस समय 272 गांव हैं। जिले में 4 उपमंडल 5 तहसील व उप तहसील है। जिले की जनसंख्या साढ़े 12 लाख है।
कृषि: वर्ष 2018-2019 के अनुसार कृषि योग्य भूमि का क्षेत्रफल है 316000 हेक्टेयर है जाे कुल क्षेत्रफल का 96.25% है। यहां की मुख्य फसलें गेहूं, सरसों, कपास, बाजरा व सब्जियां हैं।
भिवानी शहर : सरकुलर रोड का दायरा छह किलोमीटर है। अब शहर के साथ मुख्य मार्गों पर कॉलोनियों में आबादी का विस्तार हो रहा है। हांसी-हिसार रोड पर लगभग 4 किलोमीटर, भिवानी-रोहतक रोड पर 3 किलाेमीटर, भिवानी-लोहारू रोड पर 2 किलोमीटर व भिवानी-दादरी रोड पर एक किलोमीटर तक आबादी का विस्तार हुआ है।
बाजार : बिचला बाजार, जैन चौक, हालु बाजार हो या पुराने शहर के दूसरे इलाके, ये आज भी अपनी किसी न किसी खासियत के लिए प्रसिद्ध हैं। उत्तर भारत में आज भी भिवानी में कपड़ा व सोना राजस्थान, पंजाब, दिल्ली से सस्ता व गुणवत्ता वाला है।