आईआईटी और आईआईएम के पासआउट बेच रहे गाय का दूध, बच्चों के सही विकास और युवाओं को इंफर्टिलिटी से बचाने में है कारगरमिलावटी और सिंथेटिक दूध के दुष्प्रभावों पर रिसर्च की, तैयार किया ब्रेन बूस्टर पावर मिल्क
मिलावटी और सिंथेटिक दूध से होने वाले दुष्प्रभावों को रोकने के लिए आईआईटी, आईआईएम और एनएलयू के कुछ छात्रों ने रिसर्च की और ऐसा ब्रेन बूस्टर पॉवर मिल्क तैयार किया, जो बच्चों के सही शारीरिक-मानसिक विकास और युवाओं को इंफर्टिलिटी जैसी परेशानियों से बचाने में कारगर साबित हो रहा है। प्रोजेक्ट इंचार्ज महावीर सिंह ने बताया कि इन दिनों अमेरिकन गाय और इंजेक्शन से निकाले गए दूध से स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं हो रही हैं। इनमें बच्चों में डायबिटीज की समस्या का बढ़ना और उनमें शारीरिक व मानसिक फिटनेस की कमी दिखना आम है।
युवाओं में बढ़ रही इंफर्टिलिटी के कारणों में यह मिलावटी दूध एक वजह बताया जा रहा है। यह दूध शरीर से स्टडीन और बीसीएम एंजाइम को रिलीज करता है जिससे हार्मोन असंतुलित हो रहे हैं और ये समस्याएं पैदा हो रही हैं। हमने देसी गायों का पौष्टिक दूध तैयार करने के लिए 25 स्टूडेंट्स की टीम के साथ काम करना शुरू किया।
इन गायों को पालने के लिए फार्महाउस तैयार किए और गायों को हर्ब्स और हरा चारा खिलाना शुरू किया। महावीर सिंह बताते हैं कि ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन लगाकर दूध लेने की वजह से अमेरिकन गाय का दूध अब तक एफएसएसआई की ओर से 68 प्रतिशत ही खरा उतर रहा था जबकि देसी गाय को हर्ब्स और ऑर्गेनिक चारा खिलाकर लिया जा रहा दूध 100 प्रतिशत खरा साबित हो रहा है। इसमें ऑर्गेनिक कंटेंट भी हैं व इसमें प्रिजर्वेटिव कंटेंट बिल्कुल नहीं हैं। इसे कांच से बनी बॉटल्स में ही सप्लाई किया जा रहा है। दूसरी ओर, टीम के सदस्य स्थानीय किसानों के भी साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
12 फार्महाउस में 350 देसी गाय, रोज बिक रहा 1000 लीटर पौष्टिक दूध
महावीर सिंह ने बताया कि हमारे 12 फार्महाउस में करीब 350 देसी गाय हैं और रोजाना लगभग एक हजार लीटर पौष्टिक दूध बेचा जा रहा है। कीमत करीब 60 रुपए प्रति लीटर है और फिलहाल इस बूस्टर मिल्क की ऑनलाइन सप्लाई ही की जा रही है। आईआईटी के तरुण ने बताया, हम लोग अपने मॉडल प्रोजेक्ट के जरिए जमीन ले लेते हैं और फिर एक फॉर्म तैयार कर रहे हैं।