जल अधिकार रैली:सीएम ने पंजाब से मांगा हरियाणा का पानी; हुड्डा बोले- किसानों में फूट डाल रही भाजपाभाजपा ने उठाया एसवाईएल का मुद्दा तो विपक्ष ने घेरा
सीएम ने कहा- प्रदेश को जल्द मिलेगा हक का पानी
किसान आंदोलन के बीच भाजपा ने एसवाईएल का मुद्दा उठा लिया है। सीएम मनोहर लाल ने रविवार को कृषि कानूनों पर किसानों का समझाने की कोशिशें के बीच पंजाब से अपने हिस्से का एसवाईएल का पानी मांगा है। इसके लिए नारनौल में जल अधिकार रैली की गई। इसमें सतलुज-यमुना लिंक एसवाईएल का हरियाणा के हिस्से का पानी पंजाब से लेने की मांग पुरजोर तरीके से उठाई गई और बाॅर्डर पर जारी धरने को राजनीतिक से प्रेरित बताते हुए किसानों को कृषि कानूनों में उनके हित गिनाए गए।
वहीं, विपक्ष इसे महज किसान आंदोलन को भटकाने की कोशिश बताया जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि भाजपा किसानों में फूट डाल रही है, ताकि आंदोलन कमजोर हो सके। आईटीआई मैदान में मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने कहा कि यह मामला दशकों से लटका हुआ है। भाजपा की सरकार बनते ही हमने इस मामले को समय से पहले सुनने की याचिका उच्चतम न्यायालय में लगाई तो वहां से हमारे हक में फैसला आ गया।
दोनों प्रदेशों के मुख्यमंत्री को सुप्रीम कोर्ट ने आपस में बैठकर फैसला करने को कहा था, लेकिन पंजाब हमारा हक देने को तैयार नहीं है। अब सुप्रीम कोर्ट कभी भी अपना अंतिम फैसला सुनाएगा और हमें उम्मीद है कि जल्दी प्रदेश को उसका हक मिलेगा।
सीएम की रैली में काला रुमाल दिखाया, 2 गिरफ्तार
जल अधिकार की इस रैली के विरोध और कृषि कानूनों के समर्थन में कुछ लोगों द्वारा कार्यक्रम में रुकावट डालने और सोशल मीडिया पर इसका विरोध जताने की आशंका को देखते हुए पुलिस ने ऐसे संभावित लोगों को शनिवार देर शाम और रविवार सुबह उनके घर या बीच रास्ते से गिरफ्तार किया। रैली स्थल पर भी काला कपड़ा ओढ़कर या पहन कर आने वाले और काले मास्क पर गेट पर ही उतरवा लिए गए। इसके बावजूद जैसे ही सीएम बोलने के लिए उठे एक व्यक्ति ने पंडाल के बीच से उठ कर उन्हें काला रुमाल दिखाया। इसके बाद पुलिस उसे व उसके दो साथियों को पकड़ कर ले गई।
हुड्डा ने कहा- 6 साल में एसवाईएल के लिए कोई कदम नहीं उठाया
एसवाईएल को लेकर भाजपा की ओर से किए जा रहे उपवास पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने भाजपा को घेरा है। उन्होंने कहा कि भाजपा का मकसद सिर्फ किसान आंदोलन को भटकाना और किसानों की एकजुटता में फूट डालना है। हुड्डा ने कहा कि सत्ताधारी पार्टी को अनशन नहीं, बल्कि हरियाणा के हितों से खिलवाड़ करने के लिए प्रायश्चित करना चाहिए। अगर भाजपा सच में हरियाणा को पानी दिलवाने को लेकर गंभीर होती तो पानी मिल चुका होता, लेकिन भाजपा ने कभी हरियाणा के हितों से सरोकार नहीं रखा। 6 साल सत्ता में रहते हुए कभी एसवाईएल का पानी हरियाणा को दिलवाने की कोशिश नहीं की। साढ़े तीन साल पहले सुप्रीम कोर्ट का फैसला हरियाणा के हक में आ चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिए थे और सर्वदलीय मीटिंग में भी निश्चित हुआ था कि मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री से समय लेंगे, बावजूद इसके सरकार ने कभी प्रदेश को पानी दिलवाने की दिशा में एक कदम आगे नहीं बढ़ाया गया।