चुनाव में ढिलाई लागू:प्रदेश में खुले मैदान में 500 लोग इकट्ठा करने की छूट, पहले बरोदा उपचुनाव के दौरान मिली थी राहतकोराना संक्रमण को लेकर सरकार कह रही है कि जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं। लेकिन यह नियम चुनावों पर लागू नहीं किया जा रहा। इसका ताजा उदाहरण रविवार को हरियाणा में कोरोनाकाल में कार्यक्रमों को लेकर जारी हुई स्टैंडर्ड ऑपरेंटिंग प्रोसीजर (एसओपी) में दिखता है। नई एसओपी 3 नगर निगमों, एक नगरपरिषद के चुनावों में सियासी दलों को राहत देने वाली है।
इसके अनुसार, अब खुले मैदान में होने वाले कार्यक्रम में 500 लोगों के इकट्ठा होने की छूट दी गई है। हॉल में क्षमता से 50 फीसदी तक लोग बैठ सकेंगे। यह संख्या अधिकतम 200 हो सकती है। उल्लेखनीय है कि बिहार विधानसभा के आम चुनाव व हरियाणा समेत विभिन्न राज्यों में उपचुनाव के दौरान चुनावी रैलियों में भीड़ की संख्या पर लिमिट खत्म कर दी थी।
इसके बाद केस बढ़े तो 25 नवंबर को फिर से भीड़ के लिए लिमिट तय की गई। अब फिर से चुनाव के दाैरान ही कार्यक्रमों में लोगों की संख्या की लिमिट बढ़ाई गई है। सामाजिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक, धार्मिक व सियासी समेत सभी प्रकार के कार्यक्रमों पर यह छूट लागू होगी। कार्यक्रम करने वालों को पहले डीएम से स्वीकृति लेनी होगी। कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क पहनना अनिवार्य रहेगा। लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग करनी होगी।
उपचुनाव में जब छूट मिली थी, तब तेजी से बढ़े थे केस, फिर लिमिट तय की तो घटने लगे थे
बिहार विधानसभा चुनाव व हरियाणा के बरोदा समेत विभिन्न राज्यों में उपचुनाव की अधिसूचना के बाद 6 अक्टूबर को चुनावी रैलियों में भीड़ की संख्या पर लिमिट खत्म कर दी थी। इसी दौरान त्यौहार भी थे। इसके चलते कोरोना केस तेजी से बढ़ने लगे।
चुनाव व त्योहार चले जाने के बाद 25 नवंबर को फिर से एसओपी जारी हुई। जिसमें हॉल में 100 से 200 लोगों की लिमिट तय कर दी। इसके बाद धीरे-धीरे केस कम होने लगे।
आज से स्कूलों में 9वीं-11वीं की कक्षाएं भी लगेंगी, स्टूडेंट्स के लिए स्वास्थ्य जांच प्रमाण पत्र जरूरी
प्रदेश के स्कूलों में 10वीं व 12वीं के बाद अब सोमवार से 9वीं व 11वीं कक्षा की भी पढ़ाई शुरू हो रही है। शिक्षा विभाग पहले ही 21 दिसंबर से इनकी पढ़ाई शुरू कराने का निर्देश जारी कर चुका है। दोनों कक्षाओं के विद्यार्थियों की संख्या करीब 6 लाख से ज्यादा है। इन विद्यार्थियों को भी स्कूलों में आने के लिए स्वास्थ्य जांच प्रमाण पत्र लाना होगा।
स्कूलों में पहुंचने पर थर्मल स्कैनिंग होगी। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। उल्लेखनीय है कि 9वीं से 12वीं कक्षा तक सरकारी व निजी स्कूलों में करीब 14.44 लाख विद्यार्थी पढ़ते हैं। 18 दिसंबर तक सरकारी स्कूलों में 10वीं व 12वीं कक्षा में महज 21 हजार विद्यार्थियों की हाजिरी ही लग पाई थी।