सरकारी चावल डकारने वाले मिलर्स पर कार्रवाई:15 मिलर्स की संपत्ति की गई कुर्क, राजस्व विभाग करेगा नीलामी इन मिलर्स ने 60 करोड़ से अधिक का सरकारी चावल डकार लिया था
ज्यादा बोली लगाने वालों को बेची जाएगी मिल की संपत्ति (अनिल भारद्वाज) सीएम सिटी में सरकारी चावल डकारने वाले मिलर्स पर बड़ी कार्रवाई की गई है। 15 राइस मिलर्स की संपत्ति को कुर्क कर लिया गया है। ये मिलर्स 60 करोड 48 लाख 58 हजार रुपए के सरकारी चावल डकार गए। डीएफएससी निशांत राठी ने बताया कि आगे की कार्रवाई करते हुए (जिला राजस्व अधिकारी) को संपत्ति की नीलामी के लिए फाइल भेज दी गई है।
सवाल डीएफएसससी के अधिकारियों पर भी खड़े हो रहे हैं क्योंकि अधिकारियों को हर 15 से 20 दिन में फिजिकल वेरिफिकेशन करना होता है। ऐसे में अचानक इतना चावल कैसे गायब हो गया और अधिकारियों को इतने समय बाद पता चला। डिफाल्टर मिलर्स फर्में के नाम बदलकर अन्य मिलों से पार्टनरशिप में कारोबार शुरू कर देते हैं। यह सब प्रशासन की नाक के नीचे होता है। सरकार की तरफ 100 किलो के बदले 67 किलो चावल देना होता है, जो यह चावल नहीं देते उन्हें डिफाल्टर घोषित कर दिया जाता है। मिलर्स का कहना है कि 67 प्रतिशत चावल उपलब्ध कराने से खर्चा भी पूरा नहीं होता है।
इन मिलों की हुई कुर्की
गणपति एग्रो फूड, जीआर इंटरनेशनल, गोयल ओवरसिज, अक्षर ओवरसिज, एलआर इंटरनेशनल, शर्मा एग्रो फूड, डीएम फूड, भगवती एग्रो फूड, मैं. कृष्णा फूड, अपूर्णा एग्रो फूड, आशीर्वाद फूड, दीपक राइस मिल, महाबीर सीरियल, अक्षर ओवरसीज, रामदेव इंटरनेशनल।
34 राइस मिलर्स पर 200 करोड़ रुपए का चावल बकाया
2013-14 में 16, 2014-15 में 6, 2015-16 में 4, 2016-17 में एक, 2017-18 में 3, 2019-20 में 4 मिलर्स डिफाल्टर हुए हैं। जिन्होंने सीएमआर का चावल नहीं लौटाया है। 34 डिफाल्टर राइस मिलर्स में से 32 की प्रोपर्टी अटैच कर कार्रवाई की जा चुकी है। इन पर लगभग 200 करोड़ रुपए बकाया है। 15 राइस मिलर्स की संपत्ति की कुर्की का आदेश जारी कर दिया गया है।