एसवाईएल विवाद:भाजपा का सवाल- किसानों में इतना भाईचारा है तो पानी क्यों नहीं ले लेते,

एसवाईएल विवाद:भाजपा का सवाल- किसानों में इतना भाईचारा है तो पानी क्यों नहीं ले लेते, किसानों का जवाब- खुद निपटा लेंगे मुद्दा सरकार और भाजपा नेता सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर का मुद्दा उठा रहे हैं। इसको लेकर शनिवार को प्रदेश में कई जगह भाजपा नेताओं ने उपवास किया तो किसानों ने विरोध जताया। भाजपा नेता कह रहे हैं कि किसानों में इतना ही भाईचारा है तो पंजाब के किसानों से एसवाईएल का पानी क्यों नहीं ले लेते। इस पर हरियाणा के किसान नेताओं ने सरकार पर फूट डालने का आरोप लगाया। किसानों ने कहा कि पानी सरकार को दिलवाना है, अगर हमें लेना है तो सरकार हाथ खड़े कर दे। तब हम खुद समाधान कर लेंगे। वहीं, पंजाब के किसानों का कहना है कि जमीन ही नहीं रहेगी तो पानी का क्या कर लेंगे। सरकार हमारी मांगें मान ले, हम छोटे भाइयों को पानी क्या जान भी दे देंगे।

सरकार राज्यों को लड़वाना चाह रही
संयुक्त मोर्चा के सदस्य योगेंद्र यादव ने कहा कि यह सरकार दो राज्यों को लड़वाना चाहती है। सरकार किसानों की मांगें मान ले तो संयुक्त मोर्चा एसवाईएल पर भी मध्यस्थता करने को तैयार है। हम तो पंजाब के किसानों से हां कहलवा लेंगे, लेकिन पहले भाजपा पंजाब के नेताओं को तो पानी देने के लिए तैयार करे।

पंजाब के किसान नेताओं के तर्क- हरियाणा के हक का पानी राजस्थान और दिल्ली को दिया

डॉ. दर्शनपाल ने कहा कि सरकार ने ही हरियाणा के हक का पानी दिल्ली और राजस्थान को दिया है। सरकार बैठकर सभी को उनकी जमीन के हिसाब से बराबर पानी दे तो समाधान खुद हो जाएगा। वैसे भी अगर जमीन ही नहीं रहेगी तो पानी का क्या करेंगे।
किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि सरकार एसवाईएल पर सवाल पूछने की जगह खुद के अंदर झांक कर देखे कि उसने इसके समाधान के लिए अब तक क्या किया। सरकार को फूट डालने के अतिरिक्त कुछ नहीं आता।
मोगा के विक्रम सिंह ने कहा कि हरियाणा के लोगों ने छोटे भाई की तरह साथ दिया है, इनके लिए पानी क्या जान भी देने को तैयार हैं।
अमृतसर के गुरप्रीत सिंह ने कहा कि यह आंदोलन पानी का नहीं खेती को बचाने का है। सरकार तीनों कानून वापस ले, फिर इसपर बात करे।
हरियाणा के किसान नेता बोले- जो उपवास के दिन छिपकर खाना खा रहे, वे क्या पानी दिलाएंगे

गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि उपवास में जो छिप कर खाना खा रहे थे वह क्या एसवाईएल का पानी दिलाएंगे। हरियाणा में जब भाजपा की सरकार बनी तो पंजाब में भी भाजपा की अकाली के साथ सरकार थी। तब पानी क्यों नहीं दिलवाया। दोनों सरकारें लिख कर दें कि हमारा फैसला मान्य होगा तो हम पंजाब के किसान के साथ एक दिन में समाधान कर देंगे। सरकार को अपनी नीयत साफ रखनी चाहिए।
जींद के हरिओम ने कहा कि हरियाणा और केंद्र की सरकार मिलकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू क्यों नहीं करवा रही। भाजपा सरकार यह बताए- उपवास करने से पानी कैसे आएगा।
हिसार के प्रदीप कुमार ने कहा कि हमारी पंजाब के किसानों से यहां कई बार बात होती है, उन्हें पानी देने में कोई दिक्कत नहीं है नेता अपनी राजनीति के लिए समाधान नहीं करते।

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