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केंद्र-राज्य में नया विवाद:छत्तीसगढ़ की राजीव गांधी न्याय योजना का ब्यौरा पूछने पर भड़के मुख्यमंत्री,

केंद्र-राज्य में नया विवाद:छत्तीसगढ़ की राजीव गांधी न्याय योजना का ब्यौरा पूछने पर भड़के मुख्यमंत्री, कहा – केंद्र सरकार को बर्दाश्त नहीं किसानों को कुछ देना केंद्र सरकार ने मंगाई है राजीव गांधी किसान न्याय योजना से जुड़ी पूरी जानकारी
केंद्र सरकार ने बोनस से रोका था, यहां समर्थन मूल्य से 625 से अधिक दे रही सरकारछत्तीसगढ़ की राजीव गांधी किसान न्याय योजना पर राज्य और केंद्र सरकार के बीच तल्खी बढ़ती दिख रही है। केंद्र सरकार ने पिछले दिनों सरकार को पत्र लिखकर इस योजना का विस्तृत विवरण मांगा था। सरकार उसका विवरण केंद्र को भेज चुकी है। लेकिन पूरे मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भड़के हुए दिख रहे हैं।

सरगुजा प्रवास से राजधानी लौटकर संवाददाताओं से बातचीत में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, छत्तीसगढ़ में भाजपा चाहती ही नहीं है कि किसानों के खाते में पैसा पहुंचे। इसलिए बार-बार रोड़ा अटकाने का काम कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा, केंद्र सरकार को बर्दाश्त ही नहीं हो रहा है कि किसानों को कुछ दिया जाए। यह पूछताछ योजना से कुछ सीखने के लिए नहीं है। वे यह देखना चाहते हैं कि यह कहीं बोनस तो नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा, इसके जरिए योजना को रोकने की कोशिश की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा, यह भाजपा और आरएसएस का चरित्र है कि जिनसे इनकी नहीं पटती उसे देशद्रोही और अर्बन नक्सली कहते हैं। किसानों को अर्बन नक्सली कहकर उन्हें बदनाम किया जा रहा है। भाजपा नेता अगर किसानों को कोई लाभ नहीं दिला पा रहे हैं तो कम से कम उन्हें बदनाम न करें।

आपको बता दें, छत्तीसगढ़ में सरकार धान खरीदी पर प्रति क्विंटल 2500 रुपए का भुगतान करती है। यह केंद्र की ओर से तय धान के समर्थन मूल्य 1868 और 1888 रुपए प्रति क्विंटल से अधिक है।

पिछले साल केंद्र सरकार ने इस अतिरिक्त राशि के भुगतान पर आपत्ति जताई थी। उनका कहना था, सरकार ऐसे बोनस दिया तो केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ से चावल का उठाव नहीं करेगी।

काफी सोच-विचार कर सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू की। इसके तहत किसानों को चार अलग-अलग किस्तों में अंतर की राशि मिलनी है। भाजपा किश्तों में भुगतान पर आपत्ति कर रही है।

रमन सिंह को दी चुनौती

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को निशाने पर लेते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, हम 15 साल विपक्ष में रहे हैं। तब नहीं डरे तो अब क्या डरेंगे। हम तो किसानों के हक का पैसा दे रहे हैं। सही समय पर हमने किसानों के खाते में पैसा डाला है। डॉ. रमन सिंह ने कहा था, नये कृषि कानून में तीन दिनों के भीतर भुगतान की अनिवार्यता से राज्य सरकार डरी हुई है।

निगम-मंडलों की दूसरी सूची जल्द

सरकार के निगम-मंडलों में नियुक्ति से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा, कार्यकर्ताओं को हमने नगरीय निकाय चुनाव में जिम्मेदारी दी। पंचायती राज संस्थाओं में भी चुना गया। निगम-मंडलों में भी नियुक्तियां कर दी हैं। अब जो बचे हैं उन्हें भी जल्दी ही कर दिया जाएगा।

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