पारा गिरा, हौसला बढ़ा:3 डिग्री सेल्सियस में भी शाहजहांपुर बॉर्डर पर डटे हैं हजारों किसान,

पारा गिरा, हौसला बढ़ा:3 डिग्री सेल्सियस में भी शाहजहांपुर बॉर्डर पर डटे हैं हजारों किसान, अब हाइवे की दूसरी लेन भी बंद करने की आशंकाअलवर के शाहजहांपुर-खेड़ा बॉर्डर पर किसानों का हौसला और उनका आंदोलन लगातार बढ़ता जा रहा है। भीषण सर्दी में भी किसान हाइवे पर डटे हुए हैं। खुला इलाका होने के चलते यहां ओस की बूंदे भी बर्फ में जम रही है। आलम यह है कि ओस की बूंदे भी टेंट में टपकने लगती है। जबरदस्त सर्दी के बावजूद यहां किसानों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। एक-दो दिन में बड़ी संख्या में किसानों के आंदोलन में पहुंचने की उम्मीद है। ऐसे में डर है कि किसान हाइवे की दूसरी लेन को भी बंद करके उस पर पड़ाव डाल सकते हैं। फिलहाल, अभी हाइवे की एक लेन को ही किसानों ने बंद कर रखा है।सिंघु बॉर्डर से ही बन रही शाहजहांपुर आंदोलन की योजना
दरअसल, किसानों को सबसे बड़ा आंदोलन हरियाणा-दिल्ली के सिंधु बॉर्डर पर चल रहा है। अहम बात यह है कि शाहजहांपुर बॉर्डर के किसान आंदोलन की रूपरेखा सिंधु बॉर्डर से ही बन रही है। यही कारण है कि शाहजहांपुर बॉर्डर के किसान नेता लगातार सिंघु बॉर्डर पहुंचते रहते हैं। वहां से आगे की रणनीति पर चर्चा के बाद वापस आते हैं।

6 दिन से हाइवे पर बढ़े किसान
शाहजहांपुर में किसान 6 दिन से हाइवे पर हैं। इससे पहले रामपाल जाट के नेतृत्व में बॉर्डर पर पड़ाव रहा है। अब हाइवे पर ही किसानों के खाने और रहने का इंतजाम किया जा रहा है। आसपास के गांवों के किसानों से भी मदद मिलना शुरू हो गई है। आसपास के लोग ही किसानों के खाने-पीने का इंतजाम कर रहे हैं।आज रावदान सिंह सहित कई किसान नेता पहुंचेंगे
हरियाणा सरकार के पूर्व मंत्री राव दान सिंह शुक्रवार को शाहजहांपुर बॉर्डर पर पहुचेंगे। यहां रोजाना कई नेताओं की सभा होती है। अलवर के विधायक भी किसानों के बीच पहुंच रहे हैं। इस कारण अब धीरे-धीरे यहां भी आंदोलन तेज होने लगा है। यहां बॉर्डर पर आंदोलन की पैरवी कर रहे योगेंद्र यादव और रामपाल चौधरी का कहना है कि किसान पूरी तरह शांतिपूर्वक ही आंदोलन करेंगे। किसी तरह की हिंसा नहीं होने दी जााएगी।
आंदोलन में दिखने लगे अब इस तरह के बदलाव

हाइवे की एक लेन बंद होने से बहरोड, अलवर, भिवाड़ी, जयपुर सरिस्का, जयपुर राजगढ़ रोड़ पर वाहनों की आवाजाही बढ़ी।
आसपास की तहसीलों से भी किसान बॉर्डर पर पहुंचने लगे हैं। मतलब संख्या बढ़ने लगी है।
निकट के गांवों से राशन आना शुरू हो गया है। हरियाणा व राजस्थान के नेता आने लगे हैं।
बुजुर्ग किसानों की विशेष देखभाल। उनको आसपास के ढाबों में रात्रि विश्राम का इंतजाम कराया जा रहा।
नहाने-धोने के लिए भी आसपास के खेतों में इंतजाम होने लगा है।

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