ई संजीवनी सेवा:15 स्पेशलिस्ट डॉक्टरों का पैनल तैयार, रोस्टर वाइज देंगे सलाह, जनता व कैदी उठा सकेंगे लाभजल्द ही इन डाॅक्टरों के नंबर सार्वजनिक कर दिए जाएंगे, जिससे लोग फोन कर सलाह ले सकें
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ई संजीवनी सेवा के तहत हेल्थ विभाग स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की टीम उपलब्ध कराएगा। इसके जरिए जनता और नीमका जेल में बंद कैदियों को इलाज के लिए अस्पतालों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। वीडियो कॉल के जरिए रोस्टर वाइज अस्पताल के स्टूडियो में स्पेशलिस्ट डॉक्टर उपलब्ध होंगे। लोग उनसे सलाह लेकर दवाइयां खरीद सकेंगे।
इस सेवा की शुरूआत करने के लिए नीमका जेल में स्टूडियो बनाया जाएगा। जिससे कैदियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए डॉक्टर अटेंड कर सकेंगे। स्वास्थ्य विभाग ने इस सेवा के लिए 15 स्पेशलिस्ट डॉक्टरों का पैनल तैयार किया है। जल्द ही उन्हें ई संजीवनी सेवा की ट्रेनिंग देकर काम शुरू कर दिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग जनता के लिए उक्त डॉक्टरों के नंबरों को भी सार्वजनिक करेगा।
इस सेवा के शुरू होने से लोग घर बैठे स्पेशलिस्ट डॉक्टरों से बीमारी के बारे में सलाह ले सकेंगे। उन्हें अस्पताल में आकर घंटों लाइन में इंतजार नहीं करना पड़ेगा। यह जानकारी सीएमओ डॉ. रणदीप सिंह पूनिया ने दी। इस सेवा को शुरू करने के लिए स्वास्थ्य निदेशालय ने निर्देश जारी कर दिया है।
इस योजना के तहत एक स्टूडियो बीके अस्पताल में और दूसरा नीमका जेल में बनेगा। जेल अधीक्षक जयकिशन छिल्लर ने भी इस सुविधा को शुरू करने की मंजूरी दे दी है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन के दौरान अस्पतालों व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ओपीडी सेवाएं बंद कर दी गई थीं।
बाद में मरीजों की समस्या को देखते हुए हेल्थ विभाग ने टेली कंसलटेंसी सेवाएं शुरू की थी। पूरे प्रदेश में फरीदाबाद में सबसे अधिक टेली कंसलटेंसी का लोगों ने प्रयोग किया। सीएमओ डॉ. रणदीप सिंह पूनिया ने बताया कि प्रदेश में कुल 1500 कंसलटेंसी हुई थीं। इसमें बीके अस्पताल के डॉ. उपेंद्र भारद्वाज ने 1022 से अधिक लोगों को अटेंड किया था। जबकि डॉ. अरुणा गोयल ने 353 लोगों को।
बीके अस्पताल अब होगा अटल बिहारी के नाम पर
राज्य सरकार ने बीके अस्पताल का नाम बदलकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के नाम पर रखने का निर्णय लिया है। इस बारे में स्वास्थ्य निदेशालय ने विभाग को पत्र भेजकर अस्पताल का नाम बदलकर अटल बिहारी बाजपेयी करने का निर्देश दिया है।
स्वास्थ्य निदेशालय द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि सीएम मनोहर लाल ने बीके का नाम बदलकर अटल बिहारी बाजपेयी अस्पताल करने का निर्णय लिया है। स्वास्थ्य विभाग सीएम के आदेश का पालन करते हुए अस्पताल का नाम बदलकर अटल बिहारी बाजपेयी करे।
अब स्पेशलिस्ट डॉक्टर इस सेवा में होंगे उपलब्ध| सीएमओ के अनुसार स्वास्थ्य विभाग ने अब ई संजीवनी सेवा में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के जरिए सेवाएं प्रदान करने का निर्णय लिया है। साथ ही जेल में बंद कैदियों को भी इस सुविधा का लाभ देने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया नीमका जेल में बंद हजार से अधिक कैदियों को स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत पड़ती है।
ऐसे में जेल प्रशासन को उन्हें लेकर बीके अस्पताल आना पड़ता है। कोरोना काल में संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है। इसलिए कैदियों को संक्रमण से बचाने के लिए उन्हें जेल परिसर में ही डॉक्टरी सलाह उपलब्ध कराई जाएगी।
इस योजना का आम जनता को भी मिलेगा लाभ| सीएमओ के अनुसार ई-संजीवनी सेवा का लाभ आम जनता को भी मिलेगा। उन्होंने बताया इसके लिए 15 स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को सूचीबद्ध किया गया है। जल्द ही इन डाक्टरों के नंबर सार्वजनिक कर दिए जाएंगे। जिससे लोग फोन कर सलाह ले सकें। इससे पूर्व सूचीबद्ध किए गए डॉक्टरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। सभी स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के दिन और टाइम फिक्स होगा।