दिलजीत की खरी-खरी:दिलजीत दोसांझ ने पिज्जा लंगर को निशाना बनाने वालों को लताड़ा,
December 15, 2020
महामारी का कहर:कोरोनाकाल में डायबिटीज और ब्लड प्रेशर से मौतों में भी इजाफा
December 15, 2020

मुश्किल में अर्दोआन:रूसी एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने के बाद अमेरिका ने तुर्की पर प्रतिबंध लगाए,

मुश्किल में अर्दोआन:रूसी एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने के बाद अमेरिका ने तुर्की पर प्रतिबंध लगाए, बाइडेन को सुलझाना होगा मामलाइस्लामिक देशों की सबसे बड़ी आवाज बनने की कोशिश कर रहे तुर्की के राष्ट्रपति रिसैप तैयब अर्दोआन को अमेरिका ने मुश्किल में डाल दिया है। तुर्की ने रूस से ग्राउंड टू एयर डिफेंस सिस्टम खरीदा था। अमेरिका ने तब तुर्की को यह सौदा न करने की चेतावनी दी थी। अब अमेरिका ने तुर्की पर प्रतिबंध लगा दिए हैं।

ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन का यह फैसला 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने जा रहे जो बाइडेन के लिए नई मुसीबत खड़ी कर सकता है। दो बातें हैं। पहली- तुर्की नाटो में शामिल है। दूसरी- बाइडेन का तुर्की को लेकर रवैया हमेशा नर्म रहा है। अब इस प्रतिबंध से दोनों में टकराव हो सकता है।

नाटो में शामिल है तुर्की
डोनाल्ड ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन ने तुर्की सरकार को काफी पहले ही चेता दिया था कि वो रूस से एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम न खरीदे। लेकिन, तुर्की ने अपनी सुरक्षा जरूरतों को हवाला देते हुए यह सिस्टम खरीदा और अब अमेरिका ने उस पर कार्रवाई की है। ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन ने जाते हुए भी तुर्की पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। तुर्की नाटो अलायंस का हिस्सा है।

हालिया टकराव
दो मामलों को लेकर अमेरिका और तुर्की में टकराव बढ़ा। पहला- सीरिया में तुर्की ने रूस के साथ मिलकर विद्रोहियों के खिलाफ बमबारी की। दूसरा- अजरबैजान और आर्मेनिया की हालिया जंग में तुर्की ने खुलकर अजरबैजान का साथ दिया। कुछ दिन पहले अमेरिका ने तुर्की को अपने F-35 स्टील्थ फाइटर जेट्स बेचने से इनकार कर दिया था। अमेरिका ने कहा था कि तुर्की खाड़ी और मध्य यूरोप में उसके लिए सैन्य खतरे बढ़ाने की रूसी साजिश का हिस्सा है।

भारत पर चुप
इस मामले में एक तथ्य और है, और ये जान लेना चाहिए। S-400 एयर डिफेंस सिस्टम भारत भी रूस से खरीद रहा है। अमेरिका ने शुरुआत में तो इस पर नाराजगी जताई, लेकिन भारत ने कूटनीतिक स्तर पर यह मामला सुलझा लिया। तुर्की के मामले में ऐसा नहीं हुआ और अमेरिका ने उस पर प्रतिबंध लगा दिए। माना जा रहा है कि इस प्रतिबंध की जद में तुर्की की सबसे बड़ी तीन कंपनियां आएंगी। अब तुर्की को अमेरिकी बैंकों से कर्ज भी नहीं मिल सकेगा।

तुर्की ने अप्रैल में अमेरिका से कहा था कि उसे S-400 एयर डिफेंस सिस्टम इसलिए खरीदना पड़ रहा है क्योंकि अमेरिका ने उसे पैट्रियट मिसाइल बेचने से इनकार कर दिया। ग्रीस भी रूस के S-400 सिस्टम का इस्तेमाल कर रहा और वो भी नाटो का मेंबर है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Updates COVID-19 CASES